नई दिल्ली: सावन की सोमी अमावस्या पर महिलाओं ने पीपल के पेड़ की पूजा की और 108 बार धागों से परिक्रमा की. दरअसल सावन के तीसरे सोमवार को सोमी अमावस्या भी थी. इस दिन भगवान भोलेनाथ के साथ साथ भगवान विष्णु की भी पूजा होती है.
सोमी अमावस्या खास तौर पर शादीशुदा महिलाएं पूजा-अर्चना करती हैं. इस दिन महिलाएं मंदिरों या फिर जहां भी पीपल के पेड़ होते हैं वहां जाकर पूजा करती हैं. साथ ही धागे से 108 बार परिक्रमा कर उसी में धागे को बांध देती हैं और पूरे दिन केवल फल खाकर व्रत रखती हैं. मुख्य रूप से ये व्रत महिलाएं अपने पति और बेटे के लिए रखती हैं. इस व्रत का हिंदू धर्म मे बहुत महत्व है.
108 बार की जाती है परिक्रमा
आरके पुरम में भी महिलाएं सज संवरकर पीपल के पेड़ की विधिवत पूजा करती नजर आईं. महिलाओं ने पीपल के पेड़ में 108 बार धागे से परिक्रमा कर उसमें धागा बांध मनोकामना मांगी. सावन के तीसरे सोमवार और सोमी अमावस्या पर एक तरफ भगवान शिव पर जल चढ़ाते हैं तो वहीं पीपल के पेड़ यानी भगवान विष्णु की भी पूजा होती है. इस दिन महिलाएं खास तौर पर व्रत रखती हैं.