नई दिल्ली: लॉकडाउन के बीच दिल्ली पुलिस बखूबी अपनी जिम्मेदारियां निभा रही है. कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ जरूरतमंदों तक खाना और राशन पहुंचाने का नेक काम पुलिस कर रही है. इसी बीच वसंतकुंज नॉर्थ के एसएचओ की मदद से बेल्जियम की रहने वाली एक स्टूडेंट को लॉकडाउन के बीच खाने और रहने का सहारा मिला.
वसंत कुंज नॉर्थ थाने में मंगलवार को भरी दोपहर में बेल्जियम की एक छात्रा अपने भारतीय दोस्त के साथ पैदल जा रही थी. इनके पास कपड़ों से भरा बैग भी था. वहीं एसएचओ की मदद से अब विदेशी छात्रा को होटल में ठहरने की जगह मिल गई और वहां खाने-पीने का भी पूरा इंतजाम किया गया है.
घूमने आई छात्रा लॉकडाउन में फंसी
बेल्जियम की रहने वाली मैक्सी अपने दोस्त जो कि दादर नगर हवेली का रहने वाला है, उसके साथ दिल्ली घूमने आई थी. उसी दौरान पूरे देश में लॉकडाउन हो गया और यह लोग दिल्ली में ही फंसे रह गए. इनके पास जो पैसे थे वह धीरे-धीरे खत्म होने लगे. वहीं यह लोग एक पीजी में रहते थे. लेकिन पैसे खत्म होने के बाद दोनों ही सड़क पर आ गए.
लॉकडाउन तक रहने और खाने का इंतजाम
मंगलवार को मैक्सी और उसका दोस्त अक्षय खाली पैर वसंतकुंज इलाके में पैदल ही जा रहे थे. इस बात की सूचना स्थानीय थाने के एसएचओ ऋतुराज कुमार को मिली. स्थानीय एसएचओ ने फौरन मदद करने का आश्वासन दिया और अपनी टीम को भेज कर इनकी मदद के लिए वहां आ गए. एसएचओ की टीम ने छात्रा के सभी कागजों की जांच की और उसके बाद इन दोनों के लिए होटल का इंतजाम किया. टीम ने जितने दिनों तक लॉकडाउन रहेगा, उतने दिनों तक इनके रहने और खाने के लिए मुफ्त इंतजाम किया. बेल्जियम से आई इस मेहमान ने स्थानीय पुलिस को धन्यवाद कहा.
'भारत के लिए इज्जत और भी बढ़ी'
लॉकडाउन के इस दौर में इस तरह से मदद मिलना मानो किसी मजबूर लाचार को कोई फरिश्ता मिल गया हो. दरअसल, यह दोनों दोस्त पैसे की कमी के कारण सड़क पर आ गए थे. इन्होंने बताया कि इनको बिल्कुल भी भरोसा नहीं था कि कोई इतनी मदद करेगा कि उनकी सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी. फिलहाल अब लॉकडाउन तक इन दोनों को ना तो रहने की कोई दिक्कत है और ना ही खाने की. बेल्जियम की छात्रा ने कहा कि इस घटना के बाद भारत के लिए मेरी इज्जत और भी बढ़ गई है.