नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में नई शराब आबकारी नीति के खिलाफ विरोध का अनोखा तरीका अपनाया जा रहा है. आबकारी नीति के खिलाफ ठेके के बाहर स्थानीय महिलाएं भजन कीर्तन गाकर शराब की दुकान का विरोध कर रही हैं. दिल्ली के देवली गांव में पिछले सात दिनों से स्थानीय महिलाओं के द्वारा शराब की दुकान के बाहर विरोध दर्ज किया जा रहा है, लेकिन विरोध करने का तरीका कुछ अलग ही अंदाज में है. यहां पर महिलाएं भजन कीर्तन कर शराब की दुकान का विरोध कर रही हैं और शराब की दुकान के आगे ही बैठकर भजन कीर्तन किया जा रहा है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रदर्शनकारी महिला ने बताया कि सामने ही एक कोचिंग सेंटर है जहां उनकी दो बच्चियां पढ़ने के लिए आती हैं और दो दिन पहले ही यहां पर एक लड़का दारू खरीदते हुए यह कह रहा था अब तो हमारी मौज ही मौज है कई भी दारू पी सकते हैं जब उनकी लड़कियों ने इस बात की शिकायत घर बताई तो उन्होंने भी नहीं रोका गया और वहां यह प्रदर्शन में शामिल होंगे.
महिलाओं का कहना है कि देवली गांव में आज तक के इतिहास में कभी भी शराब की दुकान नहीं खोली गई लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है जहां पर शराब की दुकान खोली गई है. दिल्ली सरकार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से यही कहना चाहती हैं कि वह इस ठेके को कहीं और बोलते हैं यहां पर शराब की दुकान खोली जाए यहां का माहौल बहुत खराब हो जाएगा. बच्चियां घर से नहीं निकल पाएंगी. इस गांव में शराबियों की संख्या भी बढ़ जाएगी लोग यहां से शराब खरीदेंगे और वहीं ड्रामा भी करेंगे.
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यहां पर सब्जी मंडी भी लगती है यहां महिलाएं शाम को सब्जी खरीदने आएंगी तब वहां पर शराबियों से भी सामना हो सकता है. इसलिए सरकार से यही गुजारिश है कि इस शराब के ठेकों को यहां से हटा दिया जाए.
देवली गांव में यह महिलाओं का यह प्रदर्शन बीते सात दिनों से किया जा रहा है. सुबह से शुरू होकर यह प्रदर्शन देर रात तक चलता है. अब इन प्रदर्शनकारी महिलाओं को राजनैतिक दलों का भी साथ मिलने लगा है. एक ओर बीजेपी के निगम पार्षद यहां शामिल हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेता भी आंदोलन को समर्थन कर रहे हैं. इन महिलाओं का कहना है जब तक यहां से ठेका नहीं हट जाता, वो वहीं धरने पर बैठी रहेंगी.