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ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर ने 'राइड फॉर लाइफ' यात्रा को बढ़ाकर 5 हजार किमी किया

एम्स के ओर्बो के अंगदान के प्रति जागरूकता के लिए शुरू की गई 'राइड फॉर लाइफ' अब अपने अगले पड़ाव पर पहुंच गई है. राजीव मैखुरी ने राइड को एक हजार किलोमीटर से बढ़ाकर 5 हजार किलोमीटर किया गया है साथ ही मिलने वाले लोगों के दायरों को भी बढ़ा दिया है.

Transplant Coordinator at next stop of organ donation campaign
अब 5 हजार किमी तक चलेगी 'राइड फॉर लाइफ' यात्रा
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Published : Dec 24, 2020, 1:45 AM IST

Updated : Jan 16, 2021, 5:17 PM IST

नई दिल्ली: अंगदान के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए एम्स के ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गनाइजेशन (ओर्बो ) के मेडिकल सोशल वेलफेयर अधिकारी राजीव मैखुरी की "राइड फॉर लाइफ" साइकिल यात्रा 1000 किलोमीटर से बढ़कर 5000 किलोमीटर हो गई है. राजीव ने अब दिल्ली से बाहर निकलकर एनसीआर इलाके में लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने का प्रयास शुरू कर दिया है. राजीव ने साइकिलिस्ट, आरडब्लूए इंडिविजुअल ग्रुप और डोनर फैमिली से मुलाकात और रिसिपिएंट्स फैमिली तक पहुंचने के बाद अब ऑर्गन कोऑर्डिनेटर से मिलना शुरू कर दिया है.


ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर है तो अंगदान मुमकिन है
राजीव ने बताया कि ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन प्रोग्राम की रीढ़ की हड्डी होते हैं. मेडिकल सोशल वेलफेयर अधिकारी के अलावा मैं भी ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर के रूप में अपनी सेवा दे रहा हूं. ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर ही वह व्यक्ति होता है जो लोगों के दुख की घड़ी में भी उनके परिवार वालों को ऑर्गन डोनेशन के लिए तैयार करता है. उनकी काउंसलिंग करता है. ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर जैसे बैकबोन से मिलने के लिए एक नई शुरुआत की है. अलग-अलग हॉस्पिटल में जाकर वहां काम कर रहे ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर से मिलकर उनके काम करने के तरीके के बारे में जानते हैं और अपने आइडिया शेयर करते हैं.

ये भी पढ़ें- पूर्वी दिल्ली: देश भर के 17 लोगों को मिला मदर टेरेसा अवॉर्ड


नेटको और मोहन फाउंडेशन के अधिकारियों से की मुलाकात
इस बार राजीव दिल्ली की सीमा से निकलकर करीब 83 किमी साइकिल की यात्रा कर गुड़गांव के हॉस्पिटल आर्टेमिस पहुंचे. सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक पूरे 12 घंटे सफर में रहे. उन्होंने इस यात्रा में नेटको और मोहन फाउंडेशन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर से मुलाकात की. मोहन फाउंडेशन ऑर्गन डोनेशन के लिए काम करने वाला राष्ट्रीय स्तर का एक एनजीओ है जो लोगों को ऑर्गन डोनेशन के लिए जागरूक करने का काम करता है. यह संस्था अलग-अलग संस्थाओं के साथ मिलकर ऑर्गन डोनेशन को लेकर राज्य सरकारों के साथ मिलकर भी कई ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाती है.


ऑर्गन डोनेशन कैंपेन के लिए आइडिया कर रहे हैं शेयर
मोहन फाउंडेशन का रीजनल ऑफिस गुड़गांव में ही है. इसके एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पल्लवी कुमार हैं. मोहन फाउंडेशन और नेटको के सहयोग से गुड़गांव के आर्टेमिस अस्पताल में काम करने वाली ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर शाफिया मलिक से मुलाकात की. उन्होंने लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ गिरिराज वोरा से मिलवाया. इस अस्पताल के पूरी ट्रांसप्लांट टीम से मिले और एक दूसरे के साथ अपने आइडिया शेयर किया. ऑर्गन डोनेशन के प्लेज के लिए ऑरेंज कलर की जो टी फ्लैगशिप टीशर्ट पहनते हैं उस पर सभी ने ऑर्गन डोनेशन के लिए खूबसूरत संदेश लिखें और शुभकामनाएं दी.

नई दिल्ली: अंगदान के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए एम्स के ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गनाइजेशन (ओर्बो ) के मेडिकल सोशल वेलफेयर अधिकारी राजीव मैखुरी की "राइड फॉर लाइफ" साइकिल यात्रा 1000 किलोमीटर से बढ़कर 5000 किलोमीटर हो गई है. राजीव ने अब दिल्ली से बाहर निकलकर एनसीआर इलाके में लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने का प्रयास शुरू कर दिया है. राजीव ने साइकिलिस्ट, आरडब्लूए इंडिविजुअल ग्रुप और डोनर फैमिली से मुलाकात और रिसिपिएंट्स फैमिली तक पहुंचने के बाद अब ऑर्गन कोऑर्डिनेटर से मिलना शुरू कर दिया है.


ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर है तो अंगदान मुमकिन है
राजीव ने बताया कि ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन प्रोग्राम की रीढ़ की हड्डी होते हैं. मेडिकल सोशल वेलफेयर अधिकारी के अलावा मैं भी ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर के रूप में अपनी सेवा दे रहा हूं. ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर ही वह व्यक्ति होता है जो लोगों के दुख की घड़ी में भी उनके परिवार वालों को ऑर्गन डोनेशन के लिए तैयार करता है. उनकी काउंसलिंग करता है. ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर जैसे बैकबोन से मिलने के लिए एक नई शुरुआत की है. अलग-अलग हॉस्पिटल में जाकर वहां काम कर रहे ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर से मिलकर उनके काम करने के तरीके के बारे में जानते हैं और अपने आइडिया शेयर करते हैं.

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नेटको और मोहन फाउंडेशन के अधिकारियों से की मुलाकात
इस बार राजीव दिल्ली की सीमा से निकलकर करीब 83 किमी साइकिल की यात्रा कर गुड़गांव के हॉस्पिटल आर्टेमिस पहुंचे. सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक पूरे 12 घंटे सफर में रहे. उन्होंने इस यात्रा में नेटको और मोहन फाउंडेशन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर से मुलाकात की. मोहन फाउंडेशन ऑर्गन डोनेशन के लिए काम करने वाला राष्ट्रीय स्तर का एक एनजीओ है जो लोगों को ऑर्गन डोनेशन के लिए जागरूक करने का काम करता है. यह संस्था अलग-अलग संस्थाओं के साथ मिलकर ऑर्गन डोनेशन को लेकर राज्य सरकारों के साथ मिलकर भी कई ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाती है.


ऑर्गन डोनेशन कैंपेन के लिए आइडिया कर रहे हैं शेयर
मोहन फाउंडेशन का रीजनल ऑफिस गुड़गांव में ही है. इसके एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पल्लवी कुमार हैं. मोहन फाउंडेशन और नेटको के सहयोग से गुड़गांव के आर्टेमिस अस्पताल में काम करने वाली ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर शाफिया मलिक से मुलाकात की. उन्होंने लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ गिरिराज वोरा से मिलवाया. इस अस्पताल के पूरी ट्रांसप्लांट टीम से मिले और एक दूसरे के साथ अपने आइडिया शेयर किया. ऑर्गन डोनेशन के प्लेज के लिए ऑरेंज कलर की जो टी फ्लैगशिप टीशर्ट पहनते हैं उस पर सभी ने ऑर्गन डोनेशन के लिए खूबसूरत संदेश लिखें और शुभकामनाएं दी.

Last Updated : Jan 16, 2021, 5:17 PM IST
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