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Tughlaqabad Encroachment Case: सुप्रीम कोर्ट का तुगलकाबाद में अतिक्रमण हटाओ अभियान पर रोक लगाने से इनकार - तुगलकाबाद में अतिक्रमण अभियान

तुगलकाबाद एरिया के लोगों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. कोर्ट ने इलाके में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. अब अदालत मंगलवार को दोबारा इस मामले पर सुनवाई करेगी.

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Published : May 1, 2023, 10:44 PM IST

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दक्षिण दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके से अतिक्रमण हटाने के लिए चल रहे अभियान पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने पुनर्वास के मुद्दे पर सुनवाई पर सहमति जताते हुए कुछ नागरिकों की याचिका पर केंद्र, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और दिल्ली विकास प्राधिकरण को नोटिस जारी किया.

पीठ ने कहा कि कल आइए. हम इसे पहले मामले के तौर पर लेंगे. वे बताएं कि जमीन उनकी है. अगर आप नरेला की तरफ जाने को तैयार हैं तो हम उनसे कह सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार, एएसआई और दिल्ली विकास प्राधिकरण को नोटिस भेजे जाएं, हम रोक नहीं लगा रहे. बता दें, कुछ लोगों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजाल्विस ने पहले मामले का उल्लेख प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष किया, जिन्होंने इसे न्यायमूर्ति खन्ना के समक्ष रखने की अनुमति दे दी.

फिर मंगलवार को होगी सुनवाईः गोंजाल्विस ने पीठ के समक्ष कहा कि तुगलकाबाद किले के आसपास के इलाकों को साफ करने का आदेश दिया गया है और दिल्ली सरकार ने नागरिकों के लिए वैकल्पिक पुनर्वास की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि यह मानवीय समस्या है. कृपया यथास्थिति बहाल कीजिए. 1,000 घर पहले ही गिराये जा चुके हैं और 1,000 अब गिराये जाएंगे. इस मामले पर शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मंगलवार को मामले में सुनवाई करेंगे.

यह भी पढ़ेंः G20 summit : केंद्र की टीम जी20 समिट से पहले सुरक्षा व्यवस्था जांचने जम्मू कश्मीर जाएगी

दूसरे दिन भी चला अतिक्रमण हटाओ अभियानः सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. इस दौरान इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. रविवार से शुरू हुए इस अभियान में सैकड़ों मकान तोड़े जा चुके हैं. बताया जा रहा है कि तुगलकाबाद किला परिधि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है.

(भाषा)

यह भी पढ़ेंः केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- राजद्रोह कानून की समीक्षा पर परामर्श के अग्रिम चरण में सरकार

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दक्षिण दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके से अतिक्रमण हटाने के लिए चल रहे अभियान पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने पुनर्वास के मुद्दे पर सुनवाई पर सहमति जताते हुए कुछ नागरिकों की याचिका पर केंद्र, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और दिल्ली विकास प्राधिकरण को नोटिस जारी किया.

पीठ ने कहा कि कल आइए. हम इसे पहले मामले के तौर पर लेंगे. वे बताएं कि जमीन उनकी है. अगर आप नरेला की तरफ जाने को तैयार हैं तो हम उनसे कह सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार, एएसआई और दिल्ली विकास प्राधिकरण को नोटिस भेजे जाएं, हम रोक नहीं लगा रहे. बता दें, कुछ लोगों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजाल्विस ने पहले मामले का उल्लेख प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष किया, जिन्होंने इसे न्यायमूर्ति खन्ना के समक्ष रखने की अनुमति दे दी.

फिर मंगलवार को होगी सुनवाईः गोंजाल्विस ने पीठ के समक्ष कहा कि तुगलकाबाद किले के आसपास के इलाकों को साफ करने का आदेश दिया गया है और दिल्ली सरकार ने नागरिकों के लिए वैकल्पिक पुनर्वास की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि यह मानवीय समस्या है. कृपया यथास्थिति बहाल कीजिए. 1,000 घर पहले ही गिराये जा चुके हैं और 1,000 अब गिराये जाएंगे. इस मामले पर शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मंगलवार को मामले में सुनवाई करेंगे.

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दूसरे दिन भी चला अतिक्रमण हटाओ अभियानः सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. इस दौरान इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. रविवार से शुरू हुए इस अभियान में सैकड़ों मकान तोड़े जा चुके हैं. बताया जा रहा है कि तुगलकाबाद किला परिधि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है.

(भाषा)

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