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स्कूल तो खुले लेकिन छात्रों की संख्या कम, जानें वजह - दिल्ली स्कूलों में कोरोना का भय

दिल्ली सरकार ने हाल ही में 10वीं और 12वीं की कक्षाएं शुरू करने के आदेश दिए हैं, लेकिन स्कूलों में छात्र काफी कम संख्या में आ रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर ईटीवी भारत ने अभिवावकों से बातचीत की और कारण जानने का प्रयास किया.

Students like doing online classes in delhi
स्कूल तो खुले लेकिन छात्रों की सख्या कम
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Published : Jan 22, 2021, 8:00 PM IST

नई दिल्ली: जिस तरह सिनेमा हॉल में पिक्चर देखने के बजाय लोग ऑनलाइन घरों में पिक्चर देख रहे हैं. वैसे ही अब लगता है कि शिक्षा का बदला हुआ पैटर्न online education छात्र और अभिभावक को पसंद आ रहा है.

स्कूल तो खुले लेकिन छात्रों की सख्या कम?
स्कूलों से हो रहा मोह भंग

लॉकडाउन के बाद सिनेमा घरों को खोल तो दिया गया, लेकिन लोग सिनेमा हॉल में जाने के बजाय ऑनलाइन फिल्म देखना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. स्कूलों के साथ कुछ ऐसे ही परिस्थिति सामने आई है. दिल्ली में दसवीं और बारहवीं के लिए स्कूलों को खोल दिया गया है. हालांकि पहले दिन अगर प्राइवेट स्कूलों की बात करें तो यहां बेहद कम छात्र स्कूल में आए. हमने छात्रों के घरों में जाकर वास्तविकता जानने की कोशिश की, लेकिन जो परिस्थिति हमें देखने को मिली, लगता है कि आने वाले दिनों में मनोरंजन की तरह एजुकेशन का पैटर्न भी बदलने वाला है.

ऑनलाइन पढ़ाई से हुआ सुधार

फिलहाल मौजूदा दौर में कोरोना संक्रमण को लेकर अभी डर खत्म नहीं हुआ है. इसको लेकर छात्र और उनके माता-पिता दोनों ही चिंतित हैं. छात्र और अभिभावक दोनों का मानना है कि ऑनलाइन क्लासेज शुरुआत हुई थी, तो यह इनके लिए इन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि पढ़ाई आखिर कैसे होगी. लेकिन लगातार लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई को देखते हुए ऐसा लगता है घर में ऑनलाइन पढ़ाई से छात्रों में और भी ज्यादा सुधार हो रहा है. साथ ही साथ छात्र अभिभावक के निगरानी में अच्छे से पढ़ाई कर रहे हैं.

कोरोना का भय बरकरार
ईटीवी भारत ने डीपीएस वसंत कुंज में रहने वाले एक परिवार से बात की. अभिवावकों का मानना है कि ऑनलाइन पढ़ाई होने से काफी फायदा है. सबसे पहले कोरोना संक्रमण के मद्देनजर छात्र घरों में बेहद सुरक्षित हैं. दूसरा छात्र और अभिभावक दोनों को लगता है कि घर में ऑनलाइन क्लासेज होने के चलते छात्र 24 घंटे अभिभावक के निगरानी में रहते हैं. छात्रों को भी अब लगता है कि घर में रह के ज्यादा ध्यान लगाकर वह पढ़ाई कर रहे हैं. चाहे वह प्रैक्टिकल ही क्यों न हो घर में रहकर भी अच्छे से प्रैक्टिकल और नोट्स बनाए जा सकते हैं. इस परिवार का मानना है की भले ही सभी स्कूल कोविड गाइडलाइंस के मुताबिक, हर सावधानी बरत रहे होंगे. लेकिन चूक कहीं भी हो सकती है, जिसके लिए दिल्ली के यह अभिभावक बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं.

नई दिल्ली: जिस तरह सिनेमा हॉल में पिक्चर देखने के बजाय लोग ऑनलाइन घरों में पिक्चर देख रहे हैं. वैसे ही अब लगता है कि शिक्षा का बदला हुआ पैटर्न online education छात्र और अभिभावक को पसंद आ रहा है.

स्कूल तो खुले लेकिन छात्रों की सख्या कम?
स्कूलों से हो रहा मोह भंग

लॉकडाउन के बाद सिनेमा घरों को खोल तो दिया गया, लेकिन लोग सिनेमा हॉल में जाने के बजाय ऑनलाइन फिल्म देखना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. स्कूलों के साथ कुछ ऐसे ही परिस्थिति सामने आई है. दिल्ली में दसवीं और बारहवीं के लिए स्कूलों को खोल दिया गया है. हालांकि पहले दिन अगर प्राइवेट स्कूलों की बात करें तो यहां बेहद कम छात्र स्कूल में आए. हमने छात्रों के घरों में जाकर वास्तविकता जानने की कोशिश की, लेकिन जो परिस्थिति हमें देखने को मिली, लगता है कि आने वाले दिनों में मनोरंजन की तरह एजुकेशन का पैटर्न भी बदलने वाला है.

ऑनलाइन पढ़ाई से हुआ सुधार

फिलहाल मौजूदा दौर में कोरोना संक्रमण को लेकर अभी डर खत्म नहीं हुआ है. इसको लेकर छात्र और उनके माता-पिता दोनों ही चिंतित हैं. छात्र और अभिभावक दोनों का मानना है कि ऑनलाइन क्लासेज शुरुआत हुई थी, तो यह इनके लिए इन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि पढ़ाई आखिर कैसे होगी. लेकिन लगातार लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई को देखते हुए ऐसा लगता है घर में ऑनलाइन पढ़ाई से छात्रों में और भी ज्यादा सुधार हो रहा है. साथ ही साथ छात्र अभिभावक के निगरानी में अच्छे से पढ़ाई कर रहे हैं.

कोरोना का भय बरकरार
ईटीवी भारत ने डीपीएस वसंत कुंज में रहने वाले एक परिवार से बात की. अभिवावकों का मानना है कि ऑनलाइन पढ़ाई होने से काफी फायदा है. सबसे पहले कोरोना संक्रमण के मद्देनजर छात्र घरों में बेहद सुरक्षित हैं. दूसरा छात्र और अभिभावक दोनों को लगता है कि घर में ऑनलाइन क्लासेज होने के चलते छात्र 24 घंटे अभिभावक के निगरानी में रहते हैं. छात्रों को भी अब लगता है कि घर में रह के ज्यादा ध्यान लगाकर वह पढ़ाई कर रहे हैं. चाहे वह प्रैक्टिकल ही क्यों न हो घर में रहकर भी अच्छे से प्रैक्टिकल और नोट्स बनाए जा सकते हैं. इस परिवार का मानना है की भले ही सभी स्कूल कोविड गाइडलाइंस के मुताबिक, हर सावधानी बरत रहे होंगे. लेकिन चूक कहीं भी हो सकती है, जिसके लिए दिल्ली के यह अभिभावक बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं.

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