नई दिल्ली: अपने ही बेटे द्वारा मारपीट कर घर से बाहर निकाले गए बुजुर्ग के हक में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के दिये फैसले के बाद भी बुजुर्ग दर-बदर भटकने को मजबूर है. बुजुर्ग के बेटों के खिलाफ दक्षिण दिल्ली साकेत की डीएम अंकिता चक्रवर्ती ने 27 जुलाई को ही एविक्शन ऑर्डर दिया था. इसके बावजूद बुजुर्ग के बेटे और बहू घर को खाली करने को तैयार नहीं हैं. परेशान बुजुर्ग पुलिस थाने के चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो गये हैं.
दक्षिण दिल्ली के भाटी माइंस स्थित संजय कॉलोनी निवासी बुजुर्ग के नौकर ने बताया कि उनके दो बेटे और बहू हैं. बुढ़ापे में उनकी देखभाल करने की जगह बेटों ने उनकी प्रॉपर्टी पर जबरदस्ती कब्जा कर घर से बाहर निकाल दिया है. बुजुर्ग बहुत बीमार हैं और दूसरों की दया पर जीने को मजबूर हैं. वह दूसरे के मकान में किराए पर रह रहे हैं. बेटों की अनदेखी से नाराज पिता का कहना है कि उन्होंने बेटे को एक दूसरा घर दे दिया है. इसके बावजूद उस घर पर भी कब्जा जमा लिया है. उनके बेटे व बहु नहीं चाहते कि वह जीवित रहें. इसलिए उन्होंने उनकी देखभाल बंद कर दी है और मरने के लिए छोड़ दिया है.
एसडीएम और डीएम ऑफिस में काफी लंबा चक्कर लगाने के बाद डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के कोर्ट में बुजुर्गों के हक में फैसला सुनाते हुए बेटों को उनका घर खाली करने का आदेश जारी कर दिया है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इविक्शन ऑर्डर पास होने के बावजूद ना तो स्थानीय पुलिस बेटों से घर खाली करवा पा रहा है और ना ही उनके बेटे अपनी मर्जी से घर खाली करने को तैयार हैं. परेशान बुजुर्ग ने थक हारकर एविक्शन ऑर्डर के साथ फिर से डीएम ऑफिस का चक्कर लगाना शुरू कर दिया है.
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बुजुर्ग ने आरोप लगाया है कि बताया कि जब से उनके बेटों के खिलाफ एविक्शन ऑर्डर जारी किया गया है, तब से उनके बेटे और भी ज्यादा उग्र हो गए हैं और उन्हें जान से मारने का प्रयास भी शुरू कर दिया है. उन्होंने स्थानीय भाटी माइंस पुलिस चौकी इंचार्ज पर भी आरोप लगाया कि बेटे से पैसे लेकर वह उल्टे उन्हें ही परेशान कर रहे हैं. इतना ही नहीं दुष्कर्म के झूठे मामले में भी फंसाने की धमकी दी जा रही है.