नई दिल्ली: साउथ एमसीडी के इलाके में रहने वाले लोगों को एक नए तरीके का टैक्स चुकाना पड़ सकता है. शुक्रवार को कमिश्नर ज्ञानेश भारती द्वारा पेश किए गए बजट में इस टैक्स का प्रस्ताव किया गया. इसे प्रोफेशनल टैक्स कहा जा रहा है, जिसके बाद लोगों पर 1200 रुपये से लेकर 2400 रुपये तक का अतिरिक्त सालाना बोझ पड़ सकता है.
तीन श्रेणियों में प्रस्ताव
निगम कमिश्नर ज्ञानेश भारती ने शुक्रवार को 2019-20 के संशोधित बजट अनुमान और साल 2020-21 के बजट प्रस्तावों को पेश किया. इस बजट प्रस्ताव में कमिश्नर ने प्रोफेशनल टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया है. प्रस्ताव के मुताबिक इस कर को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिसमें पहली श्रेणी के तहत 0-20 हजार तक की मासिक आय वाले व्यक्ति को इस कर से बाहर रखा गया है.
वहीं दूसरी श्रेणी में 20 हजार से 50 हजार रुपये की मासिक आय वाले व्यक्ति से 100 रुपये प्रति माह यानि 1200 रुपये वार्षिक और 50 हजार से ज्यादा मासिक आय वाले व्यक्तियों से 200 रुपये प्रतिमाह यानि 2400 रुपये वार्षिक तौर पर पेशेवर कर लगाने का प्रस्ताव है. निगम इस कर को आयकर जमा करने वाले आंकड़ो के हिसाब से वसूलेगा. निगम के मुताबिक आयकर विभाग से आयकर जमा करने वालों की सूची मांगी जाएगी और फिर उन लोगों से यह प्रोफेशनल टैक्स जमा करने के लिए कहा जाएगा. इससे निगम को वर्ष में 70-90 करोड़ रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त आय होने अनुमान है.
लोगों पर पड़ सकता है अतिरिक्त बोझ
गौर करने वाली बात है कि अभी यह सिर्फ प्रस्ताव है और इसका लागू होना, इस बात पर निर्भर करेगा कि नेता सदन द्वारा पढ़े जाने वाले फाइनल बजट में इसे शामिल किया जाता है या नहीं. वहीं स्थायी समिति में इस बजट के आने के बाद इस पर सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष और वार्ड समितियों में चर्चा होगी. आगामी चुनाव के मद्देनजर इसके लागू होने संभावनाएं कम है. हालांकि ऐसा अगर होता है तो ये लोगों की जेब पर अधिक बोझ डालने का काम करेगा.