नई दिल्ली: पिछले साल लॉकडाउन के पहले जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए एसडीएम कार्यालय में एक शख्स ने आवेदन किया था. लगभग साल भर पूरा होने के बाद भी उनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाया. इसके बारे में आवेदनकर्ता संतोष कुमार को कोई भी सूचना नहीं दी गई.
आवेदन रद्द होने की बाद में मिली जानकारी
हैरान-परेशान आवेदनकर्ता जब एसडीएम कार्यालय पहुंचा, तो वहां उन्हें जानकारी मिली कि उनका आवेदन रद्द हो गया है. इसकी कोई वजह नहीं बताई गई. नियम के तहत अधिकतम 14 दिनों में जाति प्रमाण पत्र बनकट तैयार हो जाना चाहिए था. अगर कोई कमी है, तो इसकी सूचना आवेदनकर्ता को दी जानी चाहिये थी.
डोर स्टेप सर्विस के जरिए आवेदन
पीड़ित व्यक्ति संगम विहार के ब्लॉक में रहता है. जाति प्रमाण पत्र पाने के लिए एसडीएम कार्यालय में आवेदन किया था. संतोष कुमार ने दिल्ली सरकार के डोर स्टेप डिलीवरी सर्विस के जरिए फरवरी 2020 में जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था. मोबाइल सहायक इनके घर आकर सारे जरूरी दस्तावेज भी ले गए थे और इनके घर पर ही ऑनलाइन आवेदन कर दिया था, लेकिन अब उन्हें दोबारा आवेदन करने को कहा गया है.
शिकायत करने के बावजूद दोबारा आवेदन करने को कहा
संतोष को बताया गया कि उन्हें दोबारा आवेदन करना पड़ेगा. उनका पुराना आवेदन रद्द हो गया है. संतोष तहसीलदार के पास भी गए, लेकिन वहां भी उन्हें यही बताया गया है कि उन्हें दोबारा जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना पड़ेगा. इस पूरी प्रक्रिया में एक बार फिर कम से कम 3 महीने का समय जरूर लगेगा, लेकिन संतोष को अपनी बेटी के छात्रवृत्ति के लिए स्कूल में जाति प्रमाण पत्र जमा करवाना जरूरी है, जिसकी अंतिम तारीख अब समाप्त हो गई है.