नई दिल्ली:पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.1984 में दिल्ली के सुल्तानपुरी सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दायर मामले के चश्मदीद गवाह जोगिंदर सिंह ने आज अपने बयान में पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि सज्जन कुमार ने भीड़ का नेतृत्व किया और उन्हें उकसाने का काम किया.
'पुलिस ने दर्ज नहीं किया FIR'
अपने बयान में जोगिंदर सिंह ने कहा किजब वे पुलिस के पास एफआईआर लिखवाने पहुंचेतो पुलिस नेसज्जन कुमार का नाम लिखने से इनकार कर दिया.जोगिंदर सिंह ने कहा कि उस दंगे में उसके भाई की हत्या कर दी गई थी. पटियाला कोर्ट की डिस्ट्रिक्ट जज पूनम बांबा ने आज जोगिंदर सिंह का बयान दर्ज करने के बाद उनका क्रास एग्जामिनेशन करने के लिए 9 और 10 अप्रैल की तिथितयकी.
पिछले 7 मार्च को इस मामले की मुख्य गवाह चाम कौर का क्रास-एग्जामिनेशन खत्म हुआ.सज्जन कुमार एक दूसरे सिख विरोधी दंगों के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद दिल्ली की मंडोली जेल में बंद हैं.सज्जन कुमार ने 31 दिसंबर 2018 को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर किया था.
सुल्तानपुर इलाके में घटी थीघटना
बता दें कि ये केस सुल्तानपुर का है.इस केस को दर्ज करने का आदेश सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए बनी नानावती आयोग ने दिया था.16 नवंबर 2018 को इस केस की मुख्य गवाह चाम कौर ने पटियाला हाउस कोर्ट में अपनी गवाही के दौरान कोर्ट में उपस्थित सज्जन कुमार की पहचान की थी.उसके पहले 20 सितंबर को चाम कौर ने आरोप लगाया था कि उन्हें कोर्ट में गवाही देने से रोका जा रहा है.चाम कौर ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी सुरक्षा की मांग की थी.
चाम कौर ने कहा था कि उन्हें फोन पर धमकी दी जा रही है कि अगर उसने कोर्ट में गवाही दी तो गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो रहे.चाम कौर ने कहा था कि 19 सितंबर 2018 की रात दिल्ली के सुल्तानपुर माजरा के पूर्व कांग्रेस विधायक जय किशन के लोगों ने उसके घर आकर धमकी दी.उन्हें पैसे का भी लालच दिया गया.