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क्षेत्र को खस्ताहाल छोड़, उत्तराखंड के चुनावी विकास में जुटे विधायक - संगम विहार का रतिया मार्ग खस्ताहार

संगम विहार का रतिया मार्ग पिछले छह साल से बन रहा है. इसकी धीमी रफ्तार को देखकर लोगों के सब्र का बांध टूट चुका है और वे विधायक को जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं. वहीं विधायक जी अपने क्षेत्र को अनाथ छोड़कर उत्तराखंड के चुनाव में व्यस्त हैं.

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संगम विहार के लोग विधायक से परेशान
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Published : Feb 1, 2021, 9:39 PM IST

नई दिल्ली: संगम विहार के रतिया मार्ग में चलना उबड़-खाबड़ और पथरीले रास्तों पर चलने जैसा है. गली नंबर 17 के बाद सड़क की ऐसी हालत है, जिस पर आसानी से नहीं चला जा सकता है. सबसे ज्यादा खराब हालत आई ब्लॉक और पीपल चौक के पास है, क्योंकि यहां आते-आते रतिया मार्ग एक संकरी पतली सड़क में बदल गई है. इसमें भी लगभग 6 फीट की जगह नाली ने घेर रखा है. इसकी वजह से इन मार्गों पर दुकान चलाने वालों की दुकानदारी खत्म हो रही है. आम लोगों के इस रास्ते पर चलना मुश्किल हो रहा है.

संगम विहार के लोग विधायक से परेशान
विधायक दिनेश मोहनिया पर फूट रहा स्थानीय लोगों का गुस्सा
स्थानीय लोगों का गुस्सा विधायक दिनेश मोहनिया फूट रहा है. लोग उन्हें कोस रहे हैं, क्योंकि चुनाव जीतने के बाद उन्होंने इलाके में किसी को अपनी शक्ल नहीं दिखाई है. इसी बात का गुस्सा लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. स्थानीय निवासी मोनू गुप्ता बता रहे हैं कि दिनेश मोहनिया लगातार तीन बार से संगम विहार के विधायक बन रहे हैं, लेकिन कभी एक बार भी यहां आकर यहां की सड़कों की स्थिति को नहीं देखा. लोग किस हालत में यहां रह रहे हैं इसकी कभी परवाह नहीं की.

सड़क बनाने के नाम पर छह साल से चल रहा है ड्रामा
स्थानीय निवासी इकरार मंसूरी बताते हैं कि सड़क बन रही है अच्छी बात है, लेकिन इसके बनने की रफ्तार बहुत धीमी है. कोई देखने नहीं आता है. एक दिन काम होता है और एक महीने आराम होता है. शाहबाज ने बताया कि रतिया मार्ग सड़क बनने का काम पिछले 6 साल से चल रहा है. आज तक बनकर तैयार नहीं हुआ है. कुछ दूरी तक रतिया मार्ग में उन्होंने दोनों तरफ नालियां बनवाईं, लेकिन आई ब्लॉक के केवल एक तरफ नाली बनाई जा रही है. एक तरफ की नाली को ही 6 फीट चौड़ी बना दी गई है, जिसकी वजह से पहले से ही पतली सड़क और भी पतली हो गई है. पिछले साढ़े पांच साल से यही ड्रामा चल रहा है.

चौड़ी नाली बनाने से सड़क बनने के बाद समस्या और बढ़ेगी
रामरतन बता रहे हैं कि 6 साल बीत गए हैं, सड़क को बनते हुए देखने के लिए आंखें पथरा गई हैं. उनका मानना है कि अगर सड़क बन भी जाती है तो समस्या खत्म नहीं होगी, बल्कि और भी बढ़ जाएगी. क्योंकि पहले से ही पतली सड़क और भी पतली हो गई है, जिसकी वजह से यहां हमेशा जाम बना रहेगा. कार, ऑटो और मोटरसाइकिल की कौन कहे पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाएगा.

संगम विहार के लिहाज से चौड़ी नाली सही नहीं
पीपल चौक के पास दुकान चलाने वाले रामशंकर वर्मा बताते हैं कि संगम विहार के लिहाज से इतनी चौड़ी नाली को बनाना सही नहीं है. जहां सड़कें चौड़ी नहीं हैं, वहां चौड़ी नाली का क्या काम? इससे समस्या और बढ़ेगी. एक तरफ से ही कितना जाम हो जाएगा कि दूसरी तरफ की ट्रैफिक को निकलने की जगह ही नहीं मिलेगी. इस नाले को 4 फीट में बन जाना चाहिए था. नाली के लिए 6 फीट की जगह दी गई है. यह पहाड़ी क्षेत्र है और यहां इतनी ऊंची नाली बनाना ठीक नहीं था. अगर यह नाली ढाई फुट ऊंचा और 2 फीट चौड़ी होती तो इसी में काम हो जाता. इससे बहुत सारे लोगों को परेशानी होगी.

उत्तराखंड में प्रचार में जुटे हैं विधायक
बता दें कि संगम विहार के विधायक दिनेश मोहनिया को आम आदमी पार्टी की तरफ से उत्तराखंड में होने वाले चुनाव के लिए प्रमुख बनाकर भेजा गया है. अपने विधानसभा क्षेत्र को अनाथ छोड़कर वह पार्टी के दूसरे काम में व्यस्त हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने दिनेश मोहनिया को तीसरी बार इसलिए अपना विधायक चुना था कि वह वर्षों से उपेक्षित संगम विहार का विकास कर सके, लेकिन वह तो अपने विधानसभा क्षेत्र को भुलाकर पार्टी के विकास में लगे हुए हैं.

नई दिल्ली: संगम विहार के रतिया मार्ग में चलना उबड़-खाबड़ और पथरीले रास्तों पर चलने जैसा है. गली नंबर 17 के बाद सड़क की ऐसी हालत है, जिस पर आसानी से नहीं चला जा सकता है. सबसे ज्यादा खराब हालत आई ब्लॉक और पीपल चौक के पास है, क्योंकि यहां आते-आते रतिया मार्ग एक संकरी पतली सड़क में बदल गई है. इसमें भी लगभग 6 फीट की जगह नाली ने घेर रखा है. इसकी वजह से इन मार्गों पर दुकान चलाने वालों की दुकानदारी खत्म हो रही है. आम लोगों के इस रास्ते पर चलना मुश्किल हो रहा है.

संगम विहार के लोग विधायक से परेशान
विधायक दिनेश मोहनिया पर फूट रहा स्थानीय लोगों का गुस्सा
स्थानीय लोगों का गुस्सा विधायक दिनेश मोहनिया फूट रहा है. लोग उन्हें कोस रहे हैं, क्योंकि चुनाव जीतने के बाद उन्होंने इलाके में किसी को अपनी शक्ल नहीं दिखाई है. इसी बात का गुस्सा लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. स्थानीय निवासी मोनू गुप्ता बता रहे हैं कि दिनेश मोहनिया लगातार तीन बार से संगम विहार के विधायक बन रहे हैं, लेकिन कभी एक बार भी यहां आकर यहां की सड़कों की स्थिति को नहीं देखा. लोग किस हालत में यहां रह रहे हैं इसकी कभी परवाह नहीं की.

सड़क बनाने के नाम पर छह साल से चल रहा है ड्रामा
स्थानीय निवासी इकरार मंसूरी बताते हैं कि सड़क बन रही है अच्छी बात है, लेकिन इसके बनने की रफ्तार बहुत धीमी है. कोई देखने नहीं आता है. एक दिन काम होता है और एक महीने आराम होता है. शाहबाज ने बताया कि रतिया मार्ग सड़क बनने का काम पिछले 6 साल से चल रहा है. आज तक बनकर तैयार नहीं हुआ है. कुछ दूरी तक रतिया मार्ग में उन्होंने दोनों तरफ नालियां बनवाईं, लेकिन आई ब्लॉक के केवल एक तरफ नाली बनाई जा रही है. एक तरफ की नाली को ही 6 फीट चौड़ी बना दी गई है, जिसकी वजह से पहले से ही पतली सड़क और भी पतली हो गई है. पिछले साढ़े पांच साल से यही ड्रामा चल रहा है.

चौड़ी नाली बनाने से सड़क बनने के बाद समस्या और बढ़ेगी
रामरतन बता रहे हैं कि 6 साल बीत गए हैं, सड़क को बनते हुए देखने के लिए आंखें पथरा गई हैं. उनका मानना है कि अगर सड़क बन भी जाती है तो समस्या खत्म नहीं होगी, बल्कि और भी बढ़ जाएगी. क्योंकि पहले से ही पतली सड़क और भी पतली हो गई है, जिसकी वजह से यहां हमेशा जाम बना रहेगा. कार, ऑटो और मोटरसाइकिल की कौन कहे पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाएगा.

संगम विहार के लिहाज से चौड़ी नाली सही नहीं
पीपल चौक के पास दुकान चलाने वाले रामशंकर वर्मा बताते हैं कि संगम विहार के लिहाज से इतनी चौड़ी नाली को बनाना सही नहीं है. जहां सड़कें चौड़ी नहीं हैं, वहां चौड़ी नाली का क्या काम? इससे समस्या और बढ़ेगी. एक तरफ से ही कितना जाम हो जाएगा कि दूसरी तरफ की ट्रैफिक को निकलने की जगह ही नहीं मिलेगी. इस नाले को 4 फीट में बन जाना चाहिए था. नाली के लिए 6 फीट की जगह दी गई है. यह पहाड़ी क्षेत्र है और यहां इतनी ऊंची नाली बनाना ठीक नहीं था. अगर यह नाली ढाई फुट ऊंचा और 2 फीट चौड़ी होती तो इसी में काम हो जाता. इससे बहुत सारे लोगों को परेशानी होगी.

उत्तराखंड में प्रचार में जुटे हैं विधायक
बता दें कि संगम विहार के विधायक दिनेश मोहनिया को आम आदमी पार्टी की तरफ से उत्तराखंड में होने वाले चुनाव के लिए प्रमुख बनाकर भेजा गया है. अपने विधानसभा क्षेत्र को अनाथ छोड़कर वह पार्टी के दूसरे काम में व्यस्त हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने दिनेश मोहनिया को तीसरी बार इसलिए अपना विधायक चुना था कि वह वर्षों से उपेक्षित संगम विहार का विकास कर सके, लेकिन वह तो अपने विधानसभा क्षेत्र को भुलाकर पार्टी के विकास में लगे हुए हैं.
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