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छत्तरपुर: सार्वजनिक शौचालयों में लगा ताला, लोग परेशान - दिल्ली ODF समस्या

छत्तरपुर में बने सार्वजनिक शौचालयों में ताला लगा हुआ है, जिसके कारण लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. जो स्वच्छ भारत अभियान और खुले में शौच मुक्त अभियान की धज्जियां उडाते नजर आ रहे हैं.

Public toilets locked in Chhatarpur
छत्तरपुर में सार्वजनिक शौचालयों में लगा ताला
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Published : Dec 14, 2020, 9:40 PM IST

नई दिल्ली: साल 2014 में शुरू हुआ स्वच्छ भारत मिशन सरकार द्वारा चलाया गया सबसे महत्वपूर्ण स्वच्छता अभियान है. स्वच्छता के जन अभियान की अगुआई करते हुए प्रधानमंत्री ने जनता को महात्मा गांधी के स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक वातावरण वाले भारत के निर्माण के सपने को साकार करने के लिए प्रेरित किया. इसी कड़ी में हर घर शौचालय जैसी कई योजनाओं को भी चलाया गया था.

शौच मुक्त अभियान की सच्चाई.

शौचालय में ताला लगा होने से लोगों ने अब शौचालय के साथ में मौजूदा जगह का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. जिसके चलते वहां से बदबू आने के साथ-साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है. लोगों का आरोप है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी इन शौचालयों को नहीं खोला गया.

जनता की गाढ़ी कमाई हो रही है बर्बाद

छत्तरपुर वार्ड में करीब 7 शौचालय बनाए गए हैं जो पूरी तरह तैयार होनें के बावजूद बन्द है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि जनता की गाढ़ी कमाई खर्च करने बाद भी ये उनके उपयोग में नहीं आ रहे हैं.

यह भी पढ़ें- दिल्ली: उत्तरी निगम को मिला ODF टैग, स्वच्छता सर्वेक्षण में 127वां रैंक

शौचालय में लगे समान ही हालात खराब

इन ने शौचालयों में लगे नए सेनेटरी समान का इस्तेमाल होनें से पहले ही उनकी हालत ख़ास्त बनती जा रही है. इस शौचालयों के अंदर मकड़ी के जकड़ते नजर आ रहे हैं और साथ ही इनके अंदर गंदगी का माहौल बनता जा रहा है.

स्थानीय लोगों का कहना हैं की इस शौचालय पर ताला लगा होने से लोग शौचालय के पीछे जाकर खुले में ही शौच कर रहे हैं, जिससे बदबू आने के साथ-साथ बीमारियों के भी बढ़ने का खतरा पैदा हो रहा है जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और प्रशासन इसकी सुध तक नहीं ले रहा.

नई दिल्ली: साल 2014 में शुरू हुआ स्वच्छ भारत मिशन सरकार द्वारा चलाया गया सबसे महत्वपूर्ण स्वच्छता अभियान है. स्वच्छता के जन अभियान की अगुआई करते हुए प्रधानमंत्री ने जनता को महात्मा गांधी के स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक वातावरण वाले भारत के निर्माण के सपने को साकार करने के लिए प्रेरित किया. इसी कड़ी में हर घर शौचालय जैसी कई योजनाओं को भी चलाया गया था.

शौच मुक्त अभियान की सच्चाई.

शौचालय में ताला लगा होने से लोगों ने अब शौचालय के साथ में मौजूदा जगह का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. जिसके चलते वहां से बदबू आने के साथ-साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है. लोगों का आरोप है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी इन शौचालयों को नहीं खोला गया.

जनता की गाढ़ी कमाई हो रही है बर्बाद

छत्तरपुर वार्ड में करीब 7 शौचालय बनाए गए हैं जो पूरी तरह तैयार होनें के बावजूद बन्द है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि जनता की गाढ़ी कमाई खर्च करने बाद भी ये उनके उपयोग में नहीं आ रहे हैं.

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शौचालय में लगे समान ही हालात खराब

इन ने शौचालयों में लगे नए सेनेटरी समान का इस्तेमाल होनें से पहले ही उनकी हालत ख़ास्त बनती जा रही है. इस शौचालयों के अंदर मकड़ी के जकड़ते नजर आ रहे हैं और साथ ही इनके अंदर गंदगी का माहौल बनता जा रहा है.

स्थानीय लोगों का कहना हैं की इस शौचालय पर ताला लगा होने से लोग शौचालय के पीछे जाकर खुले में ही शौच कर रहे हैं, जिससे बदबू आने के साथ-साथ बीमारियों के भी बढ़ने का खतरा पैदा हो रहा है जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और प्रशासन इसकी सुध तक नहीं ले रहा.

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