नई दिल्लीः देशभर में 22 जनवरी को प्रोस्थोडॉन्टिस्ट दिवस के रूप में मनाया जाता है. प्रोस्थोडॉन्टिस्ट दिवस मानवों को अपनी दांतों को कैसे सुरक्षित रखा जाए. इसको लेकर मनाया जाता है. अगर आप किसी से बातचीत करते हैं तो जो लोग सबसे पहले नोटिस करते हैं, वह है आपकी मुस्कान और आपका सामने का दांत इस मुस्कान में चार चांद लगा देता है.
दिल्ली स्थित एम्स में यह दिवस 22 जनवरी को मनाया जाना था, लेकिन 22 जनवरी को रविवार होने की वजह से इस दिवस को सोमवार को मनाया गया. कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, इसमें कई वरिष्ठ दंत चिकित्सक और प्रोफेसर मौजूद रहे. कार्यक्रम में मरीजों को दातों में होने वाली परेशानी के बारे में जानकारियां दी गई. कार्यक्रम का लक्ष्य ओरोफेशियल रोगों की देखभाल और प्रबंधन में प्रोस्थोडॉन्टिक की भूमिका के बारे में आम जनता को जागरूक करना था.
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य सीडीईआर प्रो. रितु दुग्गल ने किया और उसके बाद मरीजों के लिए मौखिक स्वास्थ्य पर चर्चा की गई. इस दौरान प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग की प्रमुख प्रो. वीना जैन ने "प्रोस्थोडोंटिक्स उपचार के विकल्प" पर अपनी बात रखी. दूसरी वार्ता डॉ. स्वाति चतुर्वेदी (वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ) ने "जराचिकित्सा रोगियों के लिए पोषण" पर की.
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डॉ. धीरज कोली और डॉ अरुण कुमार (संकाय) द्वारा दंत कृत्रिम अंग प्रबंधन के बारे में प्रदर्शन और शिक्षा द्वारा स्वास्थ्य वार्ता का समापन किया गया. प्रोस्थोडॉन्टिक देखभाल के लिए लगभग 200 रोगियों की जांच की गई और डेंटल किट का निःशुल्क वितरण किया गया. कार्यक्रम के सफल समापन में विभाग के सभी रेजिडेंट डॉक्टरों और कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई.