नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की आवोहवा में स्वाइन फ्लू का वायरस जिस तरह शामिल है, उसके बाद स्वास्थ्य विभाग भी चिंता में है. आपको बता दें कि विगत 2010 से 2019 तक के आंकड़ों को देखें तो इस साल सबसे ज्यादा स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए हैं.
जिसमें 21 लोगों की मौत की भी रिपोर्ट सामने आई है. इसके बाद सभी अस्पतालों में लगातार वेक्सीन लगाई जा रही है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेहतर उपचार देने का निर्देश भी सभी अस्पतालों को दिया गया है.
आपको बता दें कि स्वाइन फ्लू का असर अप्रैल माह के आखिरी तक रहेगा. इसलिए बेहतर है कि आप सामान्य फ्लू होने पर भी डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें.
सर्दियों में होता है सबसे ज्यादा इसका असर
राम मनोहर लोहिया के मेडिकल सुप्रिडेंट बीएस तिवारी ने बताया कि स्वाइन फ्लू संक्रमित बीमारी है. इसलिए यह ज्यादा फैलती है. उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि इससे डरना चाहिए. लेकिन यह जरूरी है कि समय रहते इसका उपचार करवाया जाए.
जिससे कि यह और अधिक लोगों में न फैले. उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू के वायरस H1N1 सर्दियों में ज्यादा असरदार होते हैं. गर्मी बढ़ते-बढ़ते इसके असर कम हिना शुरू हो जाता है.
ऐसे में अब गर्मियां शुरू हो चुकी हैं, इसलिए यह कहा जा सकता है कि इसका असर अब दिल्ली में भी कम होगा. उन्होंने बताया कि अप्रैल आखिरी तक इसका असर रहता है. इसलिए जरूरी है कि अभी भी सतर्क रहने की बेहद जरूरत है.
फिलहाल जिस तरह से दिल्ली में स्वाइन फ्लू का असर देखने को मिला है, वह बेहद ही चोंकाने वाला है.
इसलिए जरूरी है कि सामान्य फ्लू होने पर मेडिकल आदि से दवा लेने से बेहतर है आप डॉक्टर की सलाह पर ही उपचार चलाएं. जिससे समय रहते इस बीमारी से बचा जा सके.