नई दिल्ली: जंगपुरा इलाके के भोगल मार्केट में ज्वेलरी शोरूम से करोड़ों रुपये की चोरी के बाद दिल्ली पुलिस की अलग-अलग टीमें अलग-अलग तरीके से मामले की जांच कर रही हैं. क्राइम ब्रांच और स्पेशल स्टाफ की टीम में जहां आरोपियों की तलाश में छापे मार रही हैं वहीं, स्थानीय थाना पुलिस मार्केट में स्थित सभी दुकानों पर काम करने वाले स्टाफ का पुलिस वेरीफिकेशन कर रही है.
इस दौरान पुलिस को पता चला है कि ज्यादातर दुकानों पर काम करने वाले स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया गया था. इस मार्केट में ज्यादातर दुकानों पर ज्वेलरी कारीगर भी काम करते हैं. ये कारीगर पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार और झारखंड से आते हैं. यहां की एक दुकान पर काम करने वाले कारीगर ने बताया कि ज्यादातर कारीगर परिवार के साथ रहने की बजाय भोगल, आश्रम, किलोकरी आदि इलाकों में किराए पर कमरा लेकर रहते हैं.
ये लोग अपने साथी कारीगरों के साथ कमरा शेयर करके रहते हैं. इसलिए पुलिस उनके मकान मालिकों से संपर्क करके यह भी चेक कर रही है कि उनके मकान मालिकों ने उनका वेरिफिकेशन कराया था या नहीं. पुलिस उन कारीगरों के रूम पार्टनर्स का भी पूरा डिटेल ले रही है उनके मोबाइल कॉल को ट्रेस कर रही है.
इसलिए दुकानों के स्टाफ पर बढ़ा है शक
दरअसल जिस शोरूम में चोरी हुई है उसके ठीक पीछे एक लॉज है. इसमें कई कमरे हैं जो अलग-अलग लोगों को किराए पर दिए जाते हैं. जांच में पता चला कि यहां पर एक कमरे में कुछ युवक रहते थे जो काफी दिनों से नजर नहीं आ रहे थे. लॉज के मालिक ने बताया कि इनमें से एक युवक कश्मीरी है. वह भी काफी दिनों से नहीं दिखा है. पुलिस को आशंका है कि वारदात में ऐसा कोई व्यक्ति शामिल हो सकता है जिसे शोरूम के अंदरूनी स्ट्रक्चर के बारे में पूरी जानकारी हो.
इसीलिए पुलिस शोरूम के स्टाफ से भी कई राउंड पूछताछ कर चुकी है. दरअसल, शोरूम के स्ट्रांग रूम में जहां दीवार काटकर चोरी हुई है वहां पर तीन तरफ से मोटी सरिया का जाल था लेकिन एक तरफ सरिया का जाल नहीं था. चोरों ने उधर से ही दीवार को काटकर चोरी की है. इसीलिए बार-बार पुलिस का शक किसी ऐसे व्यक्ति पर जा रहा है जिसे इसके बारे में जानकारी होगी.
स्टाफ पर शक जाने का एक और कारण है. कालकाजी इलाके में पिछले साल अंजली ज्वेलर्स के यहां हुई चोरी के बाद शोरूम का ही एक स्टाफ मास्टरमाइंड निकला था. इससे पहले भी ऐसी कई वारदात हुई है जहां कोई न कोई स्टाफ वारदात में शामिल पाया गया है. लिहाजा दिल्ली पुलिस इस मार्केट के शोरूम में काम करने वाले स्टाफ से भी पूछताछ कर रही है.
सभी के मोबाइल नंबर लेकर उनकी कॉल डिटेल को खंगाल जा रहा है. उमराव सिंह ज्वेलर्स के शोरूम में काम करने वाले सभी 12 लोगों के नाम, पता और उनके फिंगरप्रिंट दे दिए गए हैं और सभी की कॉल डिटेल्स को खंगाला जा रहा है. यहां स्थित एक ज्वेलरी शॉप पर काम करने वाले कारीगर ने बताया कि पुलिस ने उनसे पूछताछ की है. पुलिस ने उनके मोबाइल नंबर भी लिए हैं.
पूरे देश में सर्राफा कारोबारी सरकार को सबसे ज्यादा टैक्स देते हैं. सरकार को सर्राफा कारोबारी की सुरक्षा के लिए व्यवस्था करनी चाहिए. अक्सर सराफा कारोबारी की दुकानों में चोरी हो जाती है, कभी-कभी लूटपाट और विरोध करने पर हत्या तक हो जाती है. इससे सराफा कारोबारी में असुरक्षा की भावना रहती है. बहुत से कारोबारी गन लाइसेंस के लिए आवेदन करते हैं लेकिन उनका आवेदन भी पुलिस निरस्त कर देती है. कारोबारी के पास यदि गन लाइसेंस हो तो काफी हद तक अपनी सुरक्षा को भी कर सकते हैं.
आदेश कुमार वर्मा, महासचिव, श्री मैढ़ क्षत्रिय सभा दिल्ली व उप प्रधान अखिल भारतीय मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज
- राजधानी दिल्ली में करीब 15 हजार ज्वेलरी की दुकान हैं
- भोगल मार्केट में ज्वेलरी की 80 से अधिक दुकानें हैं
- दिल्ली में ज्वेलरी और इससे संबंधित कारोबार में 2 लाख से अधिक लोग शामिल हैं
- पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार और झारखंड से बड़ी संख्या में ज्वेलरी कारीगर दिल्ली में रहते हैं
- भोगल की दुकानों में गहने दुकानों में ही बनते हैं, इसलिए यहां बड़ी संख्या में कारीगर रहते हैं
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