नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर में ठहराव की स्थिति आ गई है, लेकिन एक और लहर के आने की आशंका से सरकार भयभीत है और तैयारियों में जुटी हुई है. आने वाली यह लहर बच्चों को काफी परेशान करने वाला बताया जा रहा है. इसलिए काफी सावधानी बरती जा रही है. लेकिन आम लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.
दिल्ली में कोरोना वायरस के इतना तांडव मचाने के बाद भी लोग अभी तक इसकी भयावहता को महसूस नहीं कर पाए हैं और खुद के बचाव के लिए सतर्क नहीं हो रहे हैं. ओखला सब्जी मंडी के लोग कोरोना की घटती संख्या को देखकर इतने लापरवाह हो गए हैं कि मास्क पहनना ही छोड़ दिया है.
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लोग सब्जी मंडी में भीड़ लगाना शुरू कर दिये हैं. सोशल डिस्टेंस का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जा रहा है. अगर इन लोगों की लापरवाही की वजह से यहां कोरोना वायरस को पैर पसारने में मदद मिले तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं है. मंडी में आने वाले लगभग 70 फीसदी लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं और जो मास्क लगा भी रहे हैं वो भी सही तरीके से नहीं लगा रहे हैं. मास्क को नाक के नीचे लगा रहे हैं जिसकी वजह से उनको कोरोना से कोई सुरक्षा नहीं मिल पा रही है.
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सिविल डिफेंस इंचार्ज इम्तियाज अख्तर का कहना है कि उनके सिविल डिफेंस के जवान मंडी के एंट्री गेट पर तैनात हैं और काफी मुस्तैद हैं. बिना मास्क वाले लोगों को अंदर प्रवेश करने नहीं देते हैं. फिर भी कुछ लोग जागरूकता की कमी की वजह से मास्क नहीं पहनते हैं. उन्होंने कहा कि सारा काम सरकार नहीं कर सकती, लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. केंद्र और राज्य सरकार कोरोना को नियंत्रित करने के लिये जितना जागरूकता कार्यक्रम चलाई है उतने में हर नागरिक को अपनी सुरक्षा के लिये सतर्क रहना चाहिए. अपनी नागरिकता का कर्तव्य का भी हमें पालन कटना चाहिये.
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लोग तंज कसते हुए कह रहे हैं कि यहां केजरीवाल की सरकार है इसलिए लोग कोरोना वायरस से बेखौफ हैं. उन्हें लगता है कि कोरोना वायरस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. लोगों की सुरक्षा उनके हाथ में है. सरकार केवल गाइडलाइंस जारी कर सकती है. उसका पालन कर करना लोगों के हाथ में है.