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नया सेशन शुरू होते ही अभिभावकों पर फीस के लिए बनाया जा रहा दबाव

कोरोना महामारी के बीच अभिभावकों ने स्कूलों पर आरोप लगाया है कि उन पर स्कूल फीस को लेकर दबाव बनाया जा रहा है. इसी मुद्दे को लेकर ईटीवी भारत ने कुछ अभिभावकों से बातचीत की. देखिए खास रिपोर्ट.

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Published : Jul 10, 2020, 8:45 AM IST

Updated : Jul 10, 2020, 9:32 AM IST

parents are being pressurized by schools for fees
स्कूल फीस

नई दिल्लीः कोरोना काल में सभी स्कूल बंद हैं, ऐसे में छात्रों की पढ़ाई घर पर ऑनलाइन हो रही है. इसके साथ ही 1 जुलाई से नया सेशन भी शुरू हो गया है. जिसके बाद स्कूलों की तरफ से अभिभावकों को स्कूल फीस जमा करने के लिए मैसेज और कॉल भी पहुंच रहे हैं. लेकिन मौजूदा हालात में अभिभावकों में चिंता बनी हुई है कि स्कूल फीस जमा कैसे की जाए? क्योंकि इस समय घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

अभिभावकों पर फीस के लिए बनाया जा रहा दबाव

ऐसे में स्कूलों की फीस कैसे जमा करें? हालांकि इस मामले को लेकर कोर्ट की तरफ से भी साफ किया गया है कि स्कूल केवल ट्यूशन फीस है ले सकते हैं. इसके अलावा जो पहले अन्य चार्ज फीस के जरिए लिए जाते थे. वह नहीं वसूले जाएंगे. इसको लेकर ईटीवी भारत ने अभिभावकों से बात की.

फीस के लिए लगातार आ रहे कॉल और मैसेज

ड्राइविंग कर अपना घर चलाने वाले विजयपाल ने बताया कि उनके दो बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं. 1 जुलाई से नया सेशन शुरू हो जाने के बाद स्कूलों की तरफ से पिछले 3 महीनों की फीस जमा करने के लिए मैसेज आ रहे हैं. बार-बार फीस जमा करने के लिए कहा जा रहा है लेकिन समस्या यह है कि काम बिल्कुल बंद है. कोई तनख्वाह नहीं आ रही है, तो बच्चों की फीस कैसे जमा की जाए.

अभिभावकों पर बनाया जा रहा दबाव

अन्य अभिभावक सागर ने बताया कि उनका छोटा भाई, जोकि ग्रेटर कैलाश बलवंत राय स्कूल में पढ़ता है. जिसकी मासिक फीस 10 हजार रुपए जाती है. लेकिन अभी स्कूल की तरफ से केवल ट्यूशन फीस 3 हजार रुपए मांगी जा रही है.

इसके लिए बार-बार मैसेज और कॉल किए जा रहे हैं. यहां तक कि ग्रुप में भी बार-बार बच्चे के नाम से फीस जमा करने को लेकर प्रेशर बनाया जा रहा है. और जब तक बच्चे की फीस जमा नहीं की जा रही तब तक उसे कक्षाएं भी नहीं दी जा रही.

'नौकरी ही नहीं तो फीस कहां से दें'

अन्य अभिभावक राकेश चौहान ने बताया कि वह सेल्स एंड मार्केटिंग में जॉब करते हैं, लेकिन मार्च महीने में ही उनका काम पूरी तरीके से बंद हो गया है. कोई तनख्वाह नहीं आ रही है, जो कुछ सेविंग है उसके जरिए ही घर खर्च चलाया जा रहा है और अब स्कूल की तरफ से उनके दो बच्चों की फीस जमा करने के लिए लगातार मैसेज और कॉल आ रहे हैं, अब हम फीस कहां से भरे.

'लॉकडाउन की फीस ना वसूले स्कूल'

अलग-अलग छात्रों के अभिभावकों से बात करने के बाद सभी का यही कहना है कि मौजूदा समय में हर कोई आर्थिक परेशानी से जूझ रहा है. किसी के पास नौकरी नहीं है, तो किसी का काम नहीं चल रहा है. घर चलाना तक मुश्किल हो रहा है, ऐसे में कम से कम लॉकडाउन के शुरुआती 2 महीने तक की फीस को स्कूल की तरफ से माफ किया जाए.

नई दिल्लीः कोरोना काल में सभी स्कूल बंद हैं, ऐसे में छात्रों की पढ़ाई घर पर ऑनलाइन हो रही है. इसके साथ ही 1 जुलाई से नया सेशन भी शुरू हो गया है. जिसके बाद स्कूलों की तरफ से अभिभावकों को स्कूल फीस जमा करने के लिए मैसेज और कॉल भी पहुंच रहे हैं. लेकिन मौजूदा हालात में अभिभावकों में चिंता बनी हुई है कि स्कूल फीस जमा कैसे की जाए? क्योंकि इस समय घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

अभिभावकों पर फीस के लिए बनाया जा रहा दबाव

ऐसे में स्कूलों की फीस कैसे जमा करें? हालांकि इस मामले को लेकर कोर्ट की तरफ से भी साफ किया गया है कि स्कूल केवल ट्यूशन फीस है ले सकते हैं. इसके अलावा जो पहले अन्य चार्ज फीस के जरिए लिए जाते थे. वह नहीं वसूले जाएंगे. इसको लेकर ईटीवी भारत ने अभिभावकों से बात की.

फीस के लिए लगातार आ रहे कॉल और मैसेज

ड्राइविंग कर अपना घर चलाने वाले विजयपाल ने बताया कि उनके दो बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं. 1 जुलाई से नया सेशन शुरू हो जाने के बाद स्कूलों की तरफ से पिछले 3 महीनों की फीस जमा करने के लिए मैसेज आ रहे हैं. बार-बार फीस जमा करने के लिए कहा जा रहा है लेकिन समस्या यह है कि काम बिल्कुल बंद है. कोई तनख्वाह नहीं आ रही है, तो बच्चों की फीस कैसे जमा की जाए.

अभिभावकों पर बनाया जा रहा दबाव

अन्य अभिभावक सागर ने बताया कि उनका छोटा भाई, जोकि ग्रेटर कैलाश बलवंत राय स्कूल में पढ़ता है. जिसकी मासिक फीस 10 हजार रुपए जाती है. लेकिन अभी स्कूल की तरफ से केवल ट्यूशन फीस 3 हजार रुपए मांगी जा रही है.

इसके लिए बार-बार मैसेज और कॉल किए जा रहे हैं. यहां तक कि ग्रुप में भी बार-बार बच्चे के नाम से फीस जमा करने को लेकर प्रेशर बनाया जा रहा है. और जब तक बच्चे की फीस जमा नहीं की जा रही तब तक उसे कक्षाएं भी नहीं दी जा रही.

'नौकरी ही नहीं तो फीस कहां से दें'

अन्य अभिभावक राकेश चौहान ने बताया कि वह सेल्स एंड मार्केटिंग में जॉब करते हैं, लेकिन मार्च महीने में ही उनका काम पूरी तरीके से बंद हो गया है. कोई तनख्वाह नहीं आ रही है, जो कुछ सेविंग है उसके जरिए ही घर खर्च चलाया जा रहा है और अब स्कूल की तरफ से उनके दो बच्चों की फीस जमा करने के लिए लगातार मैसेज और कॉल आ रहे हैं, अब हम फीस कहां से भरे.

'लॉकडाउन की फीस ना वसूले स्कूल'

अलग-अलग छात्रों के अभिभावकों से बात करने के बाद सभी का यही कहना है कि मौजूदा समय में हर कोई आर्थिक परेशानी से जूझ रहा है. किसी के पास नौकरी नहीं है, तो किसी का काम नहीं चल रहा है. घर चलाना तक मुश्किल हो रहा है, ऐसे में कम से कम लॉकडाउन के शुरुआती 2 महीने तक की फीस को स्कूल की तरफ से माफ किया जाए.

Last Updated : Jul 10, 2020, 9:32 AM IST
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