नई दिल्ली: एनडीएमसी (New Delhi Municipal Council) सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public Private Partnership) मॉडल आधार पर एक हजार ई-स्कूटर के लिए स्टेशन स्थापित करने जा रही है. अपने क्षेत्र में सौ स्थानों पर इन्हें स्थापित करेगी. पहले चरण में केवल पांच सौ ई-स्कूटरों के लिए स्टेशन स्थापित किए जाएंगे और 50 चार्जिंग स्टेशनों पर इन्हें स्थापित किया जायेगा. दूसरे चरण में भी यही दोहराया जाएगा. ये मेट्रो स्टेशनों, बस स्टॉप, अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों के पास होंगे. नई दिल्ली में लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए ऐप-आधारित रेंटल इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए निविदा आमंत्रित की.
नई दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् क्षेत्र के उपयोगकर्ताओं के लिए अपनी लास्ट माइल कनेक्टिविटी को पूरा करने के उद्देश्य से एनडीएमसी ने अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना 'ऐप-आधारित रेंटल इलेक्ट्रिक स्कूटर' के लिए निविदा आमंत्रित कर दी है, यह जानकारी पालिका परिषद के उपाध्यक्ष, सतीश उपाध्याय ने दी. उन्होंने बताया कि परियोजना का विवरण देते हुए कहा कि दो चरणों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public Private Partnership) मॉडल आधार पर एक हजार ई-स्कूटर के लिए स्टेशन स्थापित किए जाएंगे और एनडीएमसी अपने क्षेत्र में सौ स्थानों पर इन्हें स्थापित करेगी. पहले चरण में केवल 500 ई-स्कूटरों के लिए स्टेशन स्थापित किए जाएंगे और 50 चार्जिंग स्टेशनों पर इन्हें स्थापित किए जायेगा और दूसरे चरण में भी यही दोहराया जाएगा. ये मेट्रो स्टेशनों, बस स्टॉप, अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों के पास होंगे.
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फूल चार्ज होने पर 80 किलोमीटर तक चलेगी ई-स्कूटर : उपाध्याय ने बताया कि ये ई-स्कूटर फुल चार्ज होने पर 80 किमी तक चलेंगे और 45 किमी प्रति घंटे तक की गति से चल सकते हैं जो एक नेट आधारित एप्लिकेशन के माध्यम से संचालित हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि उपयोगकर्ता को उन्हें कम से कम 15 मिनट के लिए किराए पर लेना होगा और शुल्क प्रत्येक मिनट के हिसाब से लगाया जाएगा.
ई-स्कूटर चलाने के लिए लाइसेंस होगा जरूरी : पालिका परिषद के उपाध्यक्ष, सतीश उपाध्याय का कहना है कि NDMC इन वाहनों को परिवहन विभाग में पंजीकृत करेगी, क्योंकि इन वाहनों को संचालित करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है और इस पर हेलमेट का उपयोग अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि इन पर दो व्यक्तियों के बैठने का प्रावधान होगा. इन जीपीएस चिप आधारित वाहनों की आवाजाही की निगरानी पालिका केंद्र स्थित एनडीएमसी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से नजर रखेंगे.
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पालिका के उपाध्याक्ष ने विश्वास व्यक्त किया कि ये ई-स्कूटर न केवल शहर में प्रदूषण कम करने की दिशा में अच्छा प्रयास है बल्कि कम दूरी की यात्रा के लिए निजी वाहनों का उपयोग करने की भी आवश्यकता में कमी आएगी. उन्होंने कहा कि परियोजना में मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी के कारण देरी हुई थी और लेकिन अब एक बार इसे लॉन्च करने के बाद उपयोगकर्ताओं को इलेक्ट्रिक स्कूटर किराए पर देकर लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करके वायु प्रदूषण को रोकने के लिए भी मदद मिलेगी.
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