नई दिल्ली : कनॉट प्लेस में हर रोज सैकड़ों रेहड़ी-पटरी और फेरी लगाकर या सामान बेचकर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं, लेकिन दिल्ली प्रशासन का दिल इतना भी बड़ा नहीं है कि यहां बिना लाइसेंस के किसी को कुछ भी बेचने दे, चाहे वह चाय या पानी बेचने वाला ही क्यों न हो. NDMC Enforcement Department समय-समय पर अभियान चलाकर ऐसे लोगों के सामान को जब्त करता रहता है, जिससे पानी बेचने वाला मुकेश परेशान है क्योंकि उसके रोजी-दिहाड़ी का एकमात्र साधन को NDMC ने जब्त कर लिया.
कनॉट प्लेस दिल्ली का दिल भी है और पयर्टकों का एक आकर्षण का केंद्र भी. लोग दूर-दराज से यहां घूमने आते हैं. कनॉट प्लेस के इनर सर्किल और आउटर सर्किल में बाहर से घूमने आए लोगों को छोटा-मोटा सामान बेचने के लिए यहां बहुत सारे अवैध वेंडर्स घूमते रहते हैं. ऐसे ही एक अवैध वेंडर्स में नींबू-पानी बेचने वाला मुकेश भी शामिल है. मुकेश के नींबू-पानी बेचने के ठेले को इंफोर्समेंट इंस्पेक्टर ने एक कार्रवाई के दौरान जब्त कर लिया. वह फूट-फूट कर रोने लगा, बहुत गिड़गिड़ाया, लेकिन उसके रोजी-रोटी के जरिये को प्रशासन उठा ले गया. यही मुकेश की कमाई का एकमात्र जरिया था. इससे जो कुछ पैसे बचत होती है, उसे वह अपने गांव में रह रहे परिवार को पालता है.
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मुकेश ने बताया कि वह बिहार के कटिहार से दिल्ली आकर यहां कनॉट प्लेस में दिन के समय नींबू-पानी और शिकंजी बेचकर किसी तरह अपना गुजारा करता है. कमरे का किराया बचाने के लिये वह मंदिर में ही सोता है और गुरुद्वारे में खाना खाता है ताकि कुछ पैसे बचा कर गांव में परिवार को भेज सके. गांव में दो बच्चे, पत्नी और माता-पिता रहते हैं, जो मुकेश की कमाई के भरोसे भरण-पोषण करते हैं.
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मुकेश ने बताया कि कोरोना काल में जब लॉकडाउन लगा तो खाने के भी लाले पड़ गये. जब लॉकडाउन खुला तो गर्मी में लोगों को नींबू-पानी पिलाने लगा. बारिश और सर्दी में वह चाय बेचने लगते हैं. इसी से उनका और उनके परिवार का गुजारा चलता है, लेकिन NDMC वाले उनके रेहड़ी-ठेले को जब्त कर लेते हैं. अभी तक चार बार ऐसा हो चुका है. मुकेश कनॉट प्लेस में अपने रोजी-दिहाड़ी का जरिया छीने जाने से काफी परेशान है और वह पार्क में घूम-घूम कर हर किसी से मदद की मांग कर रहा है. मुकेश कहता है कि वह मेहनत करके कुछ पैसे कमा रहे हैं, कहीं चोरी तो नहीं करते हैं.