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नारकीय जीवन जीने को मजबूर NBCC के कर्मचारी, सरोजिनी नगर ऑफिस के बाहर किया विरोध प्रदर्शन - All India Employees Association secretary Baliram

NBCC के कर्मचारी कोरोना महामारी में भी बदतर स्थिति में रह रहे हैं. जिसको लेकर ऑल इंडिया एंप्लॉय एसोसिएशन के सचिव बलिराम ने कर्मचारियों के साथ मिलकर सरोजिनी नगर में स्थित NBCC ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि कोरोना जैसी महामारी के बीच भी 12-13 कर्मचारी एक कमरे में एक साथ रहते हैं.

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नारकीय जीवन जीने को मजबूर NBCC के कर्मचारी
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Published : Aug 12, 2021, 2:39 PM IST

नई दिल्ली: ऑल इंडिया एंप्लॉय एसोसिएशन के सचिव बलिराम ने कर्मचारियों के साथ मिलकर सरोजिनी नगर स्थित NBCC ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने NBCC के कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए. बलिराम का कहना है कि कोरोना जैसी महामारी के बीच भी 12-13 कर्मचारी एक कमरे में एक साथ रहते हैं. इस दौरान उनको न तो पीने का पानी मिल रहा है और न ही दूसरी सुविधायें. इसके अलावा बाथरूम और टॉयलेट की व्यवस्था के भी ढंग की नहीं है. इन समस्याओं के बाद भी अधिकारी कर्मचारियों की बात नहीं सुनते हैं. जिससे कर्मचारी नारकीय जीवन जी रहे हैं.

NBCC के कर्मचारियों ने सरोजिनी नगर में स्थित एनबीसीसी ऑफिस में अधिकारियों से बात की और अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. इतना ही नहीं एनबीसीसी के कई अधिकारियों पर राजनीति और एनबीसीसी के काम में देरी को लेकर भी कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने बताया कि नेताजीनगर स्थित हेड ऑफिस में रहने वाला रस्तोगी नाम का एक अधिकारी काम को अटकाने का काम करता है. जिसकी वजह से NBCC का काम भी लेट हो रहा है और उसे कुछ ज्ञान भी नहीं है लेकिन पता नहीं वह उस कुर्सी पर क्यों बैठा हुआ है और लगातार मजदूरों को भी परेशान करता रहता है. कर्मचारियों का कहना है कि एनबीसीसी के काम में कई पेड़ों को भी काट दिया गया है, जो नहीं कटने चाहिए थे.

नारकीय जीवन जीने को मजबूर NBCC के कर्मचारी


ये भी पढ़ें: #DelhiMasterPlan2041: पानी की समस्या से जूझ रहे संगम विहार के लोग, नहीं होती सुनवाई


कई कर्मचारियों का यह भी कहना है कि उन्होंने समस्याओं को लेकर कई बार लिखित में शिकायत दी है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, बल्कि एनबीसीसी में यह नियम है कि यदि कोई कर्मचारी ट्रांसफर होकर आता है तो जब तक उसके लिए कमरे की व्यवस्था नहीं होती तब तक उसे होटल में ठहराया जाता है लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी यह कर्मचारी इस टूटी फूटी बिल्डिंग में रह रहे हैं ना तो यह साफ-सफाई है ना ही टॉयलेट की व्यवस्था है और ना ही कुछ और व्यवस्था की गई है. सब सरकारी कर्मचारी हैं लेकिन इसको महामारी में भी बिना सोशल डिस्टेंसिंग के रहने को मजबूर हैं.

नई दिल्ली: ऑल इंडिया एंप्लॉय एसोसिएशन के सचिव बलिराम ने कर्मचारियों के साथ मिलकर सरोजिनी नगर स्थित NBCC ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने NBCC के कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए. बलिराम का कहना है कि कोरोना जैसी महामारी के बीच भी 12-13 कर्मचारी एक कमरे में एक साथ रहते हैं. इस दौरान उनको न तो पीने का पानी मिल रहा है और न ही दूसरी सुविधायें. इसके अलावा बाथरूम और टॉयलेट की व्यवस्था के भी ढंग की नहीं है. इन समस्याओं के बाद भी अधिकारी कर्मचारियों की बात नहीं सुनते हैं. जिससे कर्मचारी नारकीय जीवन जी रहे हैं.

NBCC के कर्मचारियों ने सरोजिनी नगर में स्थित एनबीसीसी ऑफिस में अधिकारियों से बात की और अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. इतना ही नहीं एनबीसीसी के कई अधिकारियों पर राजनीति और एनबीसीसी के काम में देरी को लेकर भी कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने बताया कि नेताजीनगर स्थित हेड ऑफिस में रहने वाला रस्तोगी नाम का एक अधिकारी काम को अटकाने का काम करता है. जिसकी वजह से NBCC का काम भी लेट हो रहा है और उसे कुछ ज्ञान भी नहीं है लेकिन पता नहीं वह उस कुर्सी पर क्यों बैठा हुआ है और लगातार मजदूरों को भी परेशान करता रहता है. कर्मचारियों का कहना है कि एनबीसीसी के काम में कई पेड़ों को भी काट दिया गया है, जो नहीं कटने चाहिए थे.

नारकीय जीवन जीने को मजबूर NBCC के कर्मचारी


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कई कर्मचारियों का यह भी कहना है कि उन्होंने समस्याओं को लेकर कई बार लिखित में शिकायत दी है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, बल्कि एनबीसीसी में यह नियम है कि यदि कोई कर्मचारी ट्रांसफर होकर आता है तो जब तक उसके लिए कमरे की व्यवस्था नहीं होती तब तक उसे होटल में ठहराया जाता है लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी यह कर्मचारी इस टूटी फूटी बिल्डिंग में रह रहे हैं ना तो यह साफ-सफाई है ना ही टॉयलेट की व्यवस्था है और ना ही कुछ और व्यवस्था की गई है. सब सरकारी कर्मचारी हैं लेकिन इसको महामारी में भी बिना सोशल डिस्टेंसिंग के रहने को मजबूर हैं.

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