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लोधी गार्डन में म्युटेशन के जरिए खिले खूबसूरत फूल, जानिए क्या है पूरा प्रोसेस - आर्टिफिशियल म्युटेशन

नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी) के लोधी गार्डन में फूलों को प्राकृतिक म्युटेशन प्रोसेस के जरिए और भी ज्यादा खूबसूरत बनाया जा रहा है यानी की इस प्रोसेस के जरिए एक ही पौधे में अलग-अलग रंग के फूल खिलते हैं. इस खबर में जानिए, कैसे ये खूबसूरत फूल लोधी गार्डन में खिले.

natural mutation seen in flowers at lodhi garden in delhi
म्युटेशन के जरिए लोधी गार्डन में खिले सुंदर फूल
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Published : Jun 18, 2020, 8:38 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के खूबसूरत पार्कों में से एक नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी) के लोधी गार्डन में फूलों को नई तकनीक से मनमोहक बनाया जा रहा है. इन फूलों को म्युटेशन के प्रोसेस से अद्भुत खूबसूरती प्रदान की गई है.

म्युटेशन के जरिए लोधी गार्डन में खिले सुंदर फूल

पौधे में हुआ प्राकृतिक रिवर्सिबल म्युटेशन

एनडीएमसी के लोधी गार्डन में एक अद्भुत प्राकृतिक नजारा देखने को मिला. यहां एक ही पौधे में अलग-अलग तरह के फूल खिले हैं. एनडीएमसी के बागवानी विभाग के निदेशक चेल्लई ने बताया कि कुछ दिन पहले ही उन्होंने लोधी गार्डन में एक खूबसूरत बदलाव देखा. एक ही पौधे में दो अलग-अलग तरह के फूल खिले नजर आए. यह खूबसूरत बदलाव उन्होंने लोधी गार्डन हाईटेक नर्सरी के सामने लगे एक फ्लावर प्लांट में देखा. उस प्लांट को एक सांसद ने डोनेट किया था. पिछले 4-5 सालों में पौधे ने खुद को म्युटेट कर लिया है. उन्होंने कहा कि इस पौधे का अपने आप प्राकृतिक रिवर्सिबल म्युटेशन हुआ है. दूसरी चौंकाने वाली बात यह थी कि इस पौधे में सिंगल पेटल और डबल पेटल फूल लगे हुए हैं.

बदलाव को कहा जाता है म्युटेशन

चेल्लई ने बताया कि जब एक ही पौधे में दो तरह के जीन होते हैं तो उनके कुछ गुणों में अंतर आ जाता है और इसके तहत या तो फूलों का रंग बदल जाता हैं या उनके आकार-प्रकार में बदलाव देखा जाता है. पत्ते के रंग और उनके आकार में भी बदलाव आ सकता है. पौधों के अंगों में इस तरह के बदलाव को ही म्युटेशन कहते हैं.




जानिए रिवर्ट म्युटेशन प्रोसेस

चेल्लई ने बताया कि कभी-कभी म्युटेशन रिवर्ट बैक भी हो जाता है. यानी पहले म्युटेशन होता है. फूलों के आकार-प्रकार और रंग रूप में अप्रत्याशित बदलाव आता है. यह स्थाई भी हो सकता है और अस्थाई भी. कुछ फ्लॉवेरिंग प्लांट्स में पहले म्युटेशन होता है, उसके कई वर्षों बाद रिवर्ट बैक म्युटेशन हो जाता है. यानी अगर किसी फूल वाले पौधे का म्युटेशन हुआ है तो उसके पीले रंग का फूल गुलाबी हो जाता है और रिवर्ट म्युटेशन में उसी पौधे पर पहले की तरह कुछ जगह पीले रंग के फूल खिल जाते हैं. एक ही पौधे में पीले और गुलाबी रंग के फूल खिले नजर आते है.




सुगंध और खूबसूरती के लिए आर्टिफिशियल म्युटेशन

चेल्लई ने बताया कि इन दिनों आर्टिफिशियल म्युटेशन का भी चलन तेजी से बढ़ा है. ऐसा अक्सर खूबसूरत पौधे और फूल के साथ किया जाता है. फूल की खूबसूरती और उसकी सुगंध बढ़ाने के लिए भी म्युटेशन कराया जाता है. एनडीएमसी के नेहरू पार्क, लोधी गार्डन और ताल कटोरा गार्डन में ऐसे कुछ फ्लॉवेरिंग प्लांट्स हैं. जिनका आर्टिफिशियल म्युटेशन कराया गया है. गुलाब के फूल की जब भी बात होती है तो इसके गुलाबी रंग का ही ख्याल आता है, लेकिन आज यह 200 अलग-अलग रंग और विभिन्न आकार-प्रकार में उपलब्ध हैं. यहां तक की हरा और काला गुलाब भी होता है, जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है. लोधी गार्डन में भी ऐसे कई तरह के रंग- बिरंगे फूल हैं.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के खूबसूरत पार्कों में से एक नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी) के लोधी गार्डन में फूलों को नई तकनीक से मनमोहक बनाया जा रहा है. इन फूलों को म्युटेशन के प्रोसेस से अद्भुत खूबसूरती प्रदान की गई है.

म्युटेशन के जरिए लोधी गार्डन में खिले सुंदर फूल

पौधे में हुआ प्राकृतिक रिवर्सिबल म्युटेशन

एनडीएमसी के लोधी गार्डन में एक अद्भुत प्राकृतिक नजारा देखने को मिला. यहां एक ही पौधे में अलग-अलग तरह के फूल खिले हैं. एनडीएमसी के बागवानी विभाग के निदेशक चेल्लई ने बताया कि कुछ दिन पहले ही उन्होंने लोधी गार्डन में एक खूबसूरत बदलाव देखा. एक ही पौधे में दो अलग-अलग तरह के फूल खिले नजर आए. यह खूबसूरत बदलाव उन्होंने लोधी गार्डन हाईटेक नर्सरी के सामने लगे एक फ्लावर प्लांट में देखा. उस प्लांट को एक सांसद ने डोनेट किया था. पिछले 4-5 सालों में पौधे ने खुद को म्युटेट कर लिया है. उन्होंने कहा कि इस पौधे का अपने आप प्राकृतिक रिवर्सिबल म्युटेशन हुआ है. दूसरी चौंकाने वाली बात यह थी कि इस पौधे में सिंगल पेटल और डबल पेटल फूल लगे हुए हैं.

बदलाव को कहा जाता है म्युटेशन

चेल्लई ने बताया कि जब एक ही पौधे में दो तरह के जीन होते हैं तो उनके कुछ गुणों में अंतर आ जाता है और इसके तहत या तो फूलों का रंग बदल जाता हैं या उनके आकार-प्रकार में बदलाव देखा जाता है. पत्ते के रंग और उनके आकार में भी बदलाव आ सकता है. पौधों के अंगों में इस तरह के बदलाव को ही म्युटेशन कहते हैं.




जानिए रिवर्ट म्युटेशन प्रोसेस

चेल्लई ने बताया कि कभी-कभी म्युटेशन रिवर्ट बैक भी हो जाता है. यानी पहले म्युटेशन होता है. फूलों के आकार-प्रकार और रंग रूप में अप्रत्याशित बदलाव आता है. यह स्थाई भी हो सकता है और अस्थाई भी. कुछ फ्लॉवेरिंग प्लांट्स में पहले म्युटेशन होता है, उसके कई वर्षों बाद रिवर्ट बैक म्युटेशन हो जाता है. यानी अगर किसी फूल वाले पौधे का म्युटेशन हुआ है तो उसके पीले रंग का फूल गुलाबी हो जाता है और रिवर्ट म्युटेशन में उसी पौधे पर पहले की तरह कुछ जगह पीले रंग के फूल खिल जाते हैं. एक ही पौधे में पीले और गुलाबी रंग के फूल खिले नजर आते है.




सुगंध और खूबसूरती के लिए आर्टिफिशियल म्युटेशन

चेल्लई ने बताया कि इन दिनों आर्टिफिशियल म्युटेशन का भी चलन तेजी से बढ़ा है. ऐसा अक्सर खूबसूरत पौधे और फूल के साथ किया जाता है. फूल की खूबसूरती और उसकी सुगंध बढ़ाने के लिए भी म्युटेशन कराया जाता है. एनडीएमसी के नेहरू पार्क, लोधी गार्डन और ताल कटोरा गार्डन में ऐसे कुछ फ्लॉवेरिंग प्लांट्स हैं. जिनका आर्टिफिशियल म्युटेशन कराया गया है. गुलाब के फूल की जब भी बात होती है तो इसके गुलाबी रंग का ही ख्याल आता है, लेकिन आज यह 200 अलग-अलग रंग और विभिन्न आकार-प्रकार में उपलब्ध हैं. यहां तक की हरा और काला गुलाब भी होता है, जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है. लोधी गार्डन में भी ऐसे कई तरह के रंग- बिरंगे फूल हैं.

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