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एम्स के MSWO राजीव मैखुरी ने दधीचि देहदान समिति को अपनी राइड की समर्पित

एम्स के ओर्बो डिपार्टमेंट के मेडिकल सोशल वर्क ऑफिसर (MSWO) राजीव मैखुरी ने राइड फॉर लाइफ की 53 किलोमीटर की साइकिल यात्रा इस बार दधीचि देहदान समिति को समर्पित की है. देहदान समिति लोगों को फुल बॉडी डोनेशन के लिए प्रेरित और जागरूक करती है. मेडिकल रिसर्च और मेडिकल स्टूडेंट्स के लिये ह्यूमन बॉडी की आवश्यकता होती है.

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Published : Oct 12, 2020, 7:13 AM IST

MSWO Rajiv Makhuri dedicated his 53 km cycle ride to the Dadhichi Deh Dan Samiti for a noble cause
एम्स के MSWO ने दधीचि देहदान समिति को अपनी राइड की समर्पित

नई दिल्ली: अंगदान के प्रति राइड फॉर साइकिल अभियान के तहत जागरूकता फैलाने वाले एम्स के ओर्बो डिपार्टमेंट के मेडिकल सोशल वर्क ऑफिसर राजीव मैखुरी ने इस रविवार की 53 किलोमीटर की राइड दधीचि देहदान समिति को समर्पित की है. राजीव मानते हैं कि अंगदान की तरह देहदान भी महादान है. मेडिकल के छात्रों को मानव शरीर के बारे में विस्तृत अध्ययन के लिए एक बॉडी की आवश्यकता होती है. हर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर को मनुष्य के शरीर के विभिन्न अंगों के बारे में और किस तरह से सर्जरी की जाती है इसकी व्यवहारिक ज्ञान के लिए मानव शरीर के ऊपर प्रयोग किए जाते हैं.

एम्स के MSWO ने दधीचि देहदान समिति को अपनी राइड की समर्पित
देहदान के लिए काम कर रही है दधीचि देहदान समिति

दधीचि देहदान समिति पिछले कई वर्षों से इस नेक काम में जुटी हुई है. एम्स के मेडिकल सोशल वर्क ऑफिसर राजीव मैखुरी ने इस बार अपनी साइकिल यात्रा को दधीचि देहदान समिति को डेडिकेट करते हुए लोगों से बॉडी डोनेशन की अपील की. राजीव मैखुरी ने बताया कि वह लोगों को अंगदान के प्रति जागरूकता के लिए राइट फॉर लाइफ अभियान चला रहे हैं. उसी तरह से दधीचि देहदान समिति पूरे शरीर को दान करने का अभियान चला रही है. और पिछले कई वर्षों से यह समिति इस काम को निरंतर करते आ रही है.

मेडिकल रिसर्च के लिए जरूरी है मानव शरीर

आपको बता दें कि मेडिकल रिसर्च और मेडिकल स्टूडेंट को मानव शरीर के बारे में व्यवहारिक अध्ययन के लिए मानव शरीर की आवश्यकता होती है. मानव शरीर के विभिन्न अंग मेडिकल रिसर्च के लिए बहुत अहम हैं. इसी तरह डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए भी मानव शरीर के विभिन्न अंगों की जानकारी उनके काम करने के तरीके का व्यवहारिक ज्ञान होना भी जरूरी है. उनके लिए मानव शरीर आवश्यक है.


53 किलोमीटर की थी साइकिल राइड

राजीव ने बताया कि दधिचि देह दान समिति के अभियान को सपोर्ट करने के लिए हमने आज की साइकिल यात्रा को उन्हें समर्पित की है. आज हमने अपने कुछ साथियों के साथ 53 किलोमीटर की साईकल यात्रा की. इसे दधिचि देहदान समिति को हम समर्पित करते हैं. अभी तक जितने लोगों ने अपने नजदीकी रिश्तेदारों के शरीर का दान किया उन्हें सम्मानित करने के लिए हमने इस राइड को दधिचि देहदान समिति को समर्पित करने का निर्णय लिया.


स्वास्थ्य मंत्री ने प्रस्तुत किया उदाहरण

जिस तरह से अंगदान के लिए लोग प्लेज करते हैं और उनकी मृत्यु के बाद उनके परिजन उनका अंगदान करते हैं. उसी तरह से लोग मेडिकल रिसर्च में मदद करने के लिए भी अपने पूरे शरीर का दान कर सकते हैं. इसके लिए भी वो प्लेज ले सकते हैं. अभी हाल ही में देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने अपनी माताजी के देहांत के बाद उनके आंख की कॉर्निया को एम्स आईज बैंक को डोनेट किया है. साथ ही उनकी बॉडी को मेडिकल रिसर्च ले लिए मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज को दान कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है.

नई दिल्ली: अंगदान के प्रति राइड फॉर साइकिल अभियान के तहत जागरूकता फैलाने वाले एम्स के ओर्बो डिपार्टमेंट के मेडिकल सोशल वर्क ऑफिसर राजीव मैखुरी ने इस रविवार की 53 किलोमीटर की राइड दधीचि देहदान समिति को समर्पित की है. राजीव मानते हैं कि अंगदान की तरह देहदान भी महादान है. मेडिकल के छात्रों को मानव शरीर के बारे में विस्तृत अध्ययन के लिए एक बॉडी की आवश्यकता होती है. हर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर को मनुष्य के शरीर के विभिन्न अंगों के बारे में और किस तरह से सर्जरी की जाती है इसकी व्यवहारिक ज्ञान के लिए मानव शरीर के ऊपर प्रयोग किए जाते हैं.

एम्स के MSWO ने दधीचि देहदान समिति को अपनी राइड की समर्पित
देहदान के लिए काम कर रही है दधीचि देहदान समिति

दधीचि देहदान समिति पिछले कई वर्षों से इस नेक काम में जुटी हुई है. एम्स के मेडिकल सोशल वर्क ऑफिसर राजीव मैखुरी ने इस बार अपनी साइकिल यात्रा को दधीचि देहदान समिति को डेडिकेट करते हुए लोगों से बॉडी डोनेशन की अपील की. राजीव मैखुरी ने बताया कि वह लोगों को अंगदान के प्रति जागरूकता के लिए राइट फॉर लाइफ अभियान चला रहे हैं. उसी तरह से दधीचि देहदान समिति पूरे शरीर को दान करने का अभियान चला रही है. और पिछले कई वर्षों से यह समिति इस काम को निरंतर करते आ रही है.

मेडिकल रिसर्च के लिए जरूरी है मानव शरीर

आपको बता दें कि मेडिकल रिसर्च और मेडिकल स्टूडेंट को मानव शरीर के बारे में व्यवहारिक अध्ययन के लिए मानव शरीर की आवश्यकता होती है. मानव शरीर के विभिन्न अंग मेडिकल रिसर्च के लिए बहुत अहम हैं. इसी तरह डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए भी मानव शरीर के विभिन्न अंगों की जानकारी उनके काम करने के तरीके का व्यवहारिक ज्ञान होना भी जरूरी है. उनके लिए मानव शरीर आवश्यक है.


53 किलोमीटर की थी साइकिल राइड

राजीव ने बताया कि दधिचि देह दान समिति के अभियान को सपोर्ट करने के लिए हमने आज की साइकिल यात्रा को उन्हें समर्पित की है. आज हमने अपने कुछ साथियों के साथ 53 किलोमीटर की साईकल यात्रा की. इसे दधिचि देहदान समिति को हम समर्पित करते हैं. अभी तक जितने लोगों ने अपने नजदीकी रिश्तेदारों के शरीर का दान किया उन्हें सम्मानित करने के लिए हमने इस राइड को दधिचि देहदान समिति को समर्पित करने का निर्णय लिया.


स्वास्थ्य मंत्री ने प्रस्तुत किया उदाहरण

जिस तरह से अंगदान के लिए लोग प्लेज करते हैं और उनकी मृत्यु के बाद उनके परिजन उनका अंगदान करते हैं. उसी तरह से लोग मेडिकल रिसर्च में मदद करने के लिए भी अपने पूरे शरीर का दान कर सकते हैं. इसके लिए भी वो प्लेज ले सकते हैं. अभी हाल ही में देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने अपनी माताजी के देहांत के बाद उनके आंख की कॉर्निया को एम्स आईज बैंक को डोनेट किया है. साथ ही उनकी बॉडी को मेडिकल रिसर्च ले लिए मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज को दान कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है.

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