ETV Bharat / state

दिल्ली हाट में आदि महोत्सव: लोगों को भा रहे हैं मुरादाबाद के शानदार कालीन

दिल्ली हाट में लगे 'आदि महोत्सव' में मुरादाबाद के कालीन लोगों को खासा आकर्षित कर रहे हैं. खास कारीगरी से तैयार किए गए ये कालीन दुनिया भर में मशहूर हैं.

author img

By

Published : Nov 28, 2019, 2:29 PM IST

Moradabad carpets
मुरादाबाद के कालीन

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के कालीन दुनिया भर में मशहूर हैं. वहां की कलाकारी और खास कारीगरी से तैयार किए गए कालीन कारीगर बरसों से बनाते आ रहे हैं. मुरादाबाद की ऐसी कारीगरी की प्रदर्शनी दिल्ली हाट में लगे 'आदि महोत्सव' में लगाई गई है.

मुरादाबाद के कालीन लोगों को खासा आकर्षित कर रहे हैं

दरअसल यूपी के मुरादाबाद में कॉटन और वूलन से कालीन बनाने वाले कारीगर दिल्ली में अपने हाथ का हुनर लेकर आए हैं. ईटीवी भारत की टीम 'आदि महोत्सव' में पहुंची. वहां हमने मुरादाबाद की इस स्टॉल पर मौजूद कारीगर फिरोज अहमद से बात की.

फिरोज ने बताया-

ये बेहद प्राचीन परंपरा रही है. इस परंपरा को लोगों के बीच लाने के लिए हम आदि महोत्सव का धन्यवाद करते हैं. हमें ये मौका दिया गया कि दिल्ली हाट में आकर अपने हुनर को लोगों को दिखा सकें. हमारे पास हर साइज और हर डिजाइन के कालीन मौजूद हैं. इन्हें बड़ी ही मेहनत के साथ तैयार किया जाता है. कई प्रकार के धागों का इस्तेमाल किया जाता है.

फिरोज अहमद का कहना था कि एक कालीन को बनाने में महीने लग जाते हैं. जितनी ज्यादा बारीकी और बड़े साइज का कालीन बनाया जाता है उतने ही ज्यादा कारीगर इस पर काम करते हैं. फिरोज ने बताया कि उनके पास ₹1500 से लेकर ₹25000 तक के कालीन मौजूद हैं.

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के कालीन दुनिया भर में मशहूर हैं. वहां की कलाकारी और खास कारीगरी से तैयार किए गए कालीन कारीगर बरसों से बनाते आ रहे हैं. मुरादाबाद की ऐसी कारीगरी की प्रदर्शनी दिल्ली हाट में लगे 'आदि महोत्सव' में लगाई गई है.

मुरादाबाद के कालीन लोगों को खासा आकर्षित कर रहे हैं

दरअसल यूपी के मुरादाबाद में कॉटन और वूलन से कालीन बनाने वाले कारीगर दिल्ली में अपने हाथ का हुनर लेकर आए हैं. ईटीवी भारत की टीम 'आदि महोत्सव' में पहुंची. वहां हमने मुरादाबाद की इस स्टॉल पर मौजूद कारीगर फिरोज अहमद से बात की.

फिरोज ने बताया-

ये बेहद प्राचीन परंपरा रही है. इस परंपरा को लोगों के बीच लाने के लिए हम आदि महोत्सव का धन्यवाद करते हैं. हमें ये मौका दिया गया कि दिल्ली हाट में आकर अपने हुनर को लोगों को दिखा सकें. हमारे पास हर साइज और हर डिजाइन के कालीन मौजूद हैं. इन्हें बड़ी ही मेहनत के साथ तैयार किया जाता है. कई प्रकार के धागों का इस्तेमाल किया जाता है.

फिरोज अहमद का कहना था कि एक कालीन को बनाने में महीने लग जाते हैं. जितनी ज्यादा बारीकी और बड़े साइज का कालीन बनाया जाता है उतने ही ज्यादा कारीगर इस पर काम करते हैं. फिरोज ने बताया कि उनके पास ₹1500 से लेकर ₹25000 तक के कालीन मौजूद हैं.

Intro:यूपी के मुरादाबाद के कालीन दुनिया भर में मशहूर है. वहां की कलाकारी और खास कारीगरी से तैयार किए गए कालीन कारीगर बरसों से बनाते आ रहे हैं. मुरादाबाद की ऐसी कारीगरी की प्रदर्शनी दिल्ली में लगे 'आदि महोत्सव' में लगाई गई है दरअसल यूपी के मुरादाबाद में कॉटन और वूलन से बनाने वाले कारीगर दिल्ली में अपने हाथ का हुनर लेकर आए हैं और आदि महोत्सव में लोगों तक इसे पहुंचा रहे हैं.


Body:जब हम इस महोत्सव में पहुंचे तो मुरादाबाद कि इस स्टॉल पर मौजूद कारीगर फिरोज अहमद ने बताया की ये बेहद प्राचीन परंपरा रही है और इस परंपरा को लोगों के बीच लाने के लिए वह आदि महोत्सव का धन्यवाद देते हैं. क्योंकि उन्हें यह मौका दिया गया कि वह दिल्ली हाट में आकर अपने हुनर को लोगों को दिखा सके. उन्होंने बताया कि उनके पास हर एक साइज के और हर एक डिजाइन के कालीन मौजूद हैं. और एक कालीन को बड़ी ही मेहनत के साथ तैयार किया जाता है कई प्रकार के धागों का इस्तेमाल किया जाता है पहले धागे को डाई भी करते हैं और कॉटन और बोलन को मिक्स करके इन कालीन को बनाया जाता है.


Conclusion:फिरोज अहमद का कहना था कि एक कालीन को बनाने में महीने लग जाते हैं क्योंकि जितनी ज्यादा बारीकी और बड़े साइज का कालीन बनाया जाता है उतनी ही कारीगरों का इस्तेमाल उस कालीन को बनाने में लगता है कम से कम एक कालीन को बनाने में 5 कारीगर काम पर लगते हैं जिसके बाद यह कालीन तैयार होते हैं उनका कहना था कि उनके पास 15 सौ रुपये से लेकर ₹25000 तक के काली मौजूद है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.