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लंबित चालानों के निपटारे के लिए साकेत कोर्ट में लगी लोक अदालत - ट्रैफिक चालान दिल्ली पुलिस

साकेत कोर्ट में लगी लोक अदालत में लोग पेंडिंग ट्रैफिक चालानों (Pending traffic violations challans) का निपटारा कर रहे हैं.

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Published : Dec 11, 2021, 6:35 PM IST

नई दिल्ली : देश में नए ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में काटे गए लंबित चालानों के निपटारे के लिए वैसे तो सालों से लोक अदालतें लगती आ रही हैं. शनिवार यानी 11 दिसम्बर को पहली बार एक नए और अनूठे तरीके से लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसे 'घर-घर लोक अदालत' का नाम दिया गया है. इसके तहत दिल्ली के छह कोर्ट परिसरों के अलावा 33 अन्य सार्वजनिक जगहों पर भी अदालतें लगीं, जहां जाकर लोग पेंडिंग ट्रैफिक चालानों (Pending traffic violations) का निपटारा कर रहे है.

साकेत कोर्ट में लगी लोक अदालत में काफ़ी संख्या में लंबी कतारें दिखाई दी. लोग चालान भरने के लिए कतारों में दिखाई दिए. नंबर न आने की वजह से पेशेवर लोग जो चालान जमा कराने आए थे वे मायूस रहे. ट्रैफिक डिपार्टमेंट की ओर से यह ट्रैफिक लोक अदालत दिल्‍ली राज्‍य विधिक सेवाएं प्राधिकरण (Delhi State Legal Services Authority) के साथ मिलकर लगाई जा रही है. इसमें अदालतों में लंबित सभी तरह के ट्रैफिक चालान का निपटारा कराया जा सकेगा.

साकेत कोर्ट में लगी लोक अदालत


हालांकि लोक अदालत में केवल उन्हीं चालानों को डिस्पोज किया जाएगा जो कंपाउंडेबल ट्रैफिक ऑफेंसेज (Compoundable Traffic Offenses) के दायरे में आएंगे और जिनमें ऑन स्पॉट या ऑनलाइन जुर्माना भरकर चालान डिस्पोज करने का प्रावधान है. ड्रंक ड्राइविंग, रेडलाइट जंपिंग, रॉन्ग साइड ड्राइविंग, नाबालिग के द्वारा ड्राइविंग जैसे दर्जन भर से ज्यादा ऐसे उल्लंघन जिनमें जुर्माने के अलावा जेल की सजा और लाइसेंस कैंसल/सस्पेंड करने जैसे प्रावधान भी हैं. उनसे संबंधित चालानों का निपटारा इन लोक अदालतों में नहीं होगा. बल्कि उसके लिए उल्लंघन करने वाले को संबंधित कोर्ट में ही पेश होना पड़ेगा.

ये भी पढे़ं: पार्किंग से स्कूटी चुराकर स्नेचिंग करने वाला नाबालिग पकड़ा गया, ऐसे देता था वारदात को अंजाम

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नई दिल्ली : देश में नए ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में काटे गए लंबित चालानों के निपटारे के लिए वैसे तो सालों से लोक अदालतें लगती आ रही हैं. शनिवार यानी 11 दिसम्बर को पहली बार एक नए और अनूठे तरीके से लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसे 'घर-घर लोक अदालत' का नाम दिया गया है. इसके तहत दिल्ली के छह कोर्ट परिसरों के अलावा 33 अन्य सार्वजनिक जगहों पर भी अदालतें लगीं, जहां जाकर लोग पेंडिंग ट्रैफिक चालानों (Pending traffic violations) का निपटारा कर रहे है.

साकेत कोर्ट में लगी लोक अदालत में काफ़ी संख्या में लंबी कतारें दिखाई दी. लोग चालान भरने के लिए कतारों में दिखाई दिए. नंबर न आने की वजह से पेशेवर लोग जो चालान जमा कराने आए थे वे मायूस रहे. ट्रैफिक डिपार्टमेंट की ओर से यह ट्रैफिक लोक अदालत दिल्‍ली राज्‍य विधिक सेवाएं प्राधिकरण (Delhi State Legal Services Authority) के साथ मिलकर लगाई जा रही है. इसमें अदालतों में लंबित सभी तरह के ट्रैफिक चालान का निपटारा कराया जा सकेगा.

साकेत कोर्ट में लगी लोक अदालत


हालांकि लोक अदालत में केवल उन्हीं चालानों को डिस्पोज किया जाएगा जो कंपाउंडेबल ट्रैफिक ऑफेंसेज (Compoundable Traffic Offenses) के दायरे में आएंगे और जिनमें ऑन स्पॉट या ऑनलाइन जुर्माना भरकर चालान डिस्पोज करने का प्रावधान है. ड्रंक ड्राइविंग, रेडलाइट जंपिंग, रॉन्ग साइड ड्राइविंग, नाबालिग के द्वारा ड्राइविंग जैसे दर्जन भर से ज्यादा ऐसे उल्लंघन जिनमें जुर्माने के अलावा जेल की सजा और लाइसेंस कैंसल/सस्पेंड करने जैसे प्रावधान भी हैं. उनसे संबंधित चालानों का निपटारा इन लोक अदालतों में नहीं होगा. बल्कि उसके लिए उल्लंघन करने वाले को संबंधित कोर्ट में ही पेश होना पड़ेगा.

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