नई दिल्ली: जेएनयू से पीएचडी कर रहे छात्र शरजील इमाम की गिरफ्तारी को लेकर जेएनयू के शिक्षक दो भाग में बंट गए हैं. जेएनयू टीचर्स फेडरेशन ने जेएनयू शिक्षक संघ का शरजील को समर्थन देने का विरोध किया और कहा कि जेएनयू शिक्षक संघ का अराजक तत्वों को समर्थन देना उनकी मंशा पर सवालिया निशान लगाता है.
जेएनयू टीचर्स फेडरेशन (जेएनयूटीएफ) ने जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) द्वारा 28 जनवरी को जारी किए गए बयान की निंदा की है. जेएनयूटीएफ ने कहा कि शिक्षक संघ अपने नैतिक मूल्यों को पूरी तरह खो चुका है, इसलिए सही-गलत में फर्क नहीं कर पा रहा.
जेएनयूटीएफ ने कहा-
जेएनयूटीए उन्हें बढ़ावा दे रहा है जो देश की एकता और अखंडता को क्षति पहुंचा सकते हैं. देशविरोधियों का समर्थन करने के लिए शिक्षक संघ ने जो बयान दिया है वो उनकी मंशा पर भी सवालिया निशान खड़ा करता है.
जेएनयू टीचर्स फेडरेशन का कहना है कि भारत का संविधान हर किसी को अपनी बात रखने की आजादी जरूर देता है, लेकिन सिर्फ तब तक जब तक उससे भारत की एकता और भाईचारे को खतरा न हो. वहीं उन्होंने कहा कि 28 जनवरी को जारी किया गया बयान केवल कुछ स्वार्थी शिक्षकों के दिमाग की उपज थी, जिसमें अधिकतर शिक्षक शामिल नहीं थे.
परिसर में बनाए रखें शांति
जेएनयू टीचर्स फेडरेशन ने कहा कि वो इस तरह के बयान की भर्त्सना करते हैं. साथ ही जेएनयू शिक्षकों और समुदाय से अपील करते हैं कि वो विश्वविद्यालय परिसर में शांति बनाए रखें और कानून को अपना काम करने दें.