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JNU प्रशासन की गठित उच्च स्तरीय कमेटी को लेकर छात्रों ने उठाए सवाल - छात्र संघ ने प्रशासन पर सवाल उठाए

जेएनयू छात्र संघ ने जेएनयू प्रशासन के द्वारा समिति गठित करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जेएनयू प्रशासन अपनी मनमानी पर उतर आया है. साथ ही कहा कि जब एमएचआरडी द्वारा जेएनयू में चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया था.

छात्रों ने उठाए सवाल
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Published : Nov 25, 2019, 2:51 AM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग को लेकर छात्रों का लगातार प्रदर्शन जारी है. वहीं प्रदर्शन के मामले को सुलझाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने 7 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने की घोषणा की थी.

जिसमें रेक्टर 3 राणा प्रताप सिंह को चैयरमैन बनाया गया है. जिसको लेकर जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया था और हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्रों से सुझाव मांगे गए थे, जिससे की पिछले करीब 25 दिन से चल रहे गतिरोध को सुलझाया जा सके.

उच्च स्तरीय कमेटी को लेकर छात्रों ने उठाए सवाल

रविवार शाम तक का समय दिया गया था

बता दें कि जेएनयू प्रशासन की ओर से छात्रों को सुझाव देने के लिए रविवार शाम तक का समय दिया गया था. जिसमें मिली जानकारी के मुताबिक ज्यादातर छात्रों ने अपने सुझाव में 28 अक्टूबर को पारित हुए आईएचए हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को तत्काल प्रभाव से पूरी तरह से वापस लेने की मांग की. इसको लेकर छात्रों ने प्रशासन द्वारा दिए गए संबंधित ईमेल आईडी और डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर उमेश कदम को भी मेल कर बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग की.

छात्र संघ ने प्रशासन पर सवाल उठाए

वहीं जेएनयू छात्र संघ ने जेएनयू प्रशासन के द्वारा समिति गठित करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जेएनयू प्रशासन अपनी मनमानी पर उतर आया है. साथ ही कहा कि जब एमएचआरडी द्वारा जेएनयू में चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया था. तो करीब एक हफ्ते बाद इस तरह से कमेटी गठित करने का क्या औचित्य रह जाता है. साथ ही कहा कि जेएनयू छात्र संघ को कोई मेल नहीं भेजा गया है. जबकि एमएचआरडी द्वारा छात्र संघ की वैधता को स्वीकार कर लिया गया था.

बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जेएनयू में चल रहे प्रशासन और छात्रों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए 18 नवंबर को तीन सदस्य उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी. जिसने सभी स्कूलों के डीन और छात्र प्रतिनिधियों से मुलाकात की है. वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि यह कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश कर देगी.+

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग को लेकर छात्रों का लगातार प्रदर्शन जारी है. वहीं प्रदर्शन के मामले को सुलझाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने 7 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने की घोषणा की थी.

जिसमें रेक्टर 3 राणा प्रताप सिंह को चैयरमैन बनाया गया है. जिसको लेकर जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया था और हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्रों से सुझाव मांगे गए थे, जिससे की पिछले करीब 25 दिन से चल रहे गतिरोध को सुलझाया जा सके.

उच्च स्तरीय कमेटी को लेकर छात्रों ने उठाए सवाल

रविवार शाम तक का समय दिया गया था

बता दें कि जेएनयू प्रशासन की ओर से छात्रों को सुझाव देने के लिए रविवार शाम तक का समय दिया गया था. जिसमें मिली जानकारी के मुताबिक ज्यादातर छात्रों ने अपने सुझाव में 28 अक्टूबर को पारित हुए आईएचए हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को तत्काल प्रभाव से पूरी तरह से वापस लेने की मांग की. इसको लेकर छात्रों ने प्रशासन द्वारा दिए गए संबंधित ईमेल आईडी और डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर उमेश कदम को भी मेल कर बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग की.

छात्र संघ ने प्रशासन पर सवाल उठाए

वहीं जेएनयू छात्र संघ ने जेएनयू प्रशासन के द्वारा समिति गठित करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जेएनयू प्रशासन अपनी मनमानी पर उतर आया है. साथ ही कहा कि जब एमएचआरडी द्वारा जेएनयू में चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया था. तो करीब एक हफ्ते बाद इस तरह से कमेटी गठित करने का क्या औचित्य रह जाता है. साथ ही कहा कि जेएनयू छात्र संघ को कोई मेल नहीं भेजा गया है. जबकि एमएचआरडी द्वारा छात्र संघ की वैधता को स्वीकार कर लिया गया था.

बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जेएनयू में चल रहे प्रशासन और छात्रों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए 18 नवंबर को तीन सदस्य उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी. जिसने सभी स्कूलों के डीन और छात्र प्रतिनिधियों से मुलाकात की है. वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि यह कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश कर देगी.+

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नई दिल्ली ।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर चल रहे प्रदर्शन को सुलझाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने 7 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने की घोषणा की जिसमें रेक्टर 3 राणा प्रताप सिंह को चैयरमैन बनाया गया है. इसको लेकर जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया और हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्रों से सुझाव मांगे गए जिससे कि पिछले करीब 25 दिन से चल रहे गतिरोध को सुलझाया जा सके.


Body:बता दें कि जेएनयू प्रशासन की ओर से छात्रों को सुझाव देने के लिए रविवार शाम तक का समय दिया गया था जिसमें मिली जानकारी के मुताबिक ज्यादातर छात्रों ने अपने सुझाव में 28 अक्टूबर को पारित हुए आईएचए हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को तत्काल प्रभाव से पूरी तरह से वापस लेने की मांग की. इसको लेकर छात्रों ने प्रशासन द्वारा दिए गए संबंधित ईमेल आईडी और डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर उमेश कदम को भी मेल कर बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग की.

जेएनयू छात्र संघ ने जेएनयू प्रशासन के द्वारा समिति गठित करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जेएनयू प्रशासन अपनी मनमानी पर उतर आया है. साथ ही कहा कि जब एमएचआरडी द्वारा जेएनयू में चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया था तो करीब एक हफ्ते बाद इस तरह से कमेटी गठित करने का क्या औचित्य रह जाता है. साथ ही कहा कि जेएनयू छात्र संघ को कोई मेल नहीं भेजा गया है जबकि एमएचआरडी द्वारा छात्र संघ की वैधता को स्वीकार कर लिया गया था.


Conclusion:बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जेएनयू में चल रहे प्रशासन और छात्रों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए 18 नवंबर को तीन सदस्य उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी जिसने सभी स्कूलों के डीन और छात्र प्रतिनिधियों से मुलाकात की है. वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि यह कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश कर देगी.

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