नई दिल्ली: जेएनयू में पीएचडी कर रहे छात्र शरजील इमाम की गिरफ्तारी को लेकर फिर बवाल मच गया है. बता दें कि जेएनयू शिक्षक संघ(जेएनयूटीए) ने शरजील के देशद्रोह के मामले में गिरफ्तारी को लेकर चिंता जताई है. उनका कहना है कि शरजील का भाषण इतना भी गंभीर नहीं था कि उन पर देशद्रोह का मामला लगाया जा सके. वहीं शिक्षक संघ ने शंका जताई है कि शरजील की गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक कारण हो सकता है.
शरजील के समर्थन में जेएनयू शिक्षक संघ
बता दें कि जेएनयू से पीएचडी कर रहे छात्र शरजील इमाम की गिरफ्तारी को लेकर जेएनयू शिक्षक संघ ने आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि शरजील इमाम के भाषण की जो वीडियो वायरल हो रही है. उसमें कही गई कुछ बातें भले ही थोड़ी असहज है, लेकिन इतनी भी नहीं इसे देशद्रोह का नाम दिया जा सके.
'सरकार स्वतंत्र भारत में अंग्रेजी कानून चलाना चाहती है'
वहीं इस मामले को लेकर जेएनयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष डीके लोबियाल और सचिव सुरजीत मजूमदार ने कहा कि तत्कालीन सरकार आजाद भारत में अंग्रेजी कानून जारी रखने की कोशिश कर रही है और जो भी इसके गलत इस्तेमाल पर विरोध की आवाज उठाता है. उसे दबाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने शरजील की गिरफ्तारी में जितनी फुर्ती दिखाई है. उतनी जेएनयू में 5 जनवरी को हुई हिंसा के आरोपी को गिरफ्तार करने में नहीं दिखाई.
'शरजील की गिरफ्तारी संदेहास्पद'
वहीं शिक्षक संघ ने कहा कि सरकारी महकमे के कई प्रतिष्ठित लोग अपने भाषण में अकसर आपत्तिजनक बातें कह जाते हैं, लेकिन उन पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होती. लेकिन शरजील के भाषण पर तत्कालीन कार्रवाई की गई, जो कि संदेहास्पद नजर आ रही है. शिक्षक संघ को ये संदेह है कि इस गिरफ्तारी के पीछे शरजील का भाषण नहीं बल्कि कोई अन्य ही कारण है. बता दें कि शरजील के समर्थन में सोमवार देर रात जेएनयू के छात्रों ने प्रदर्शन किया था.