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JNU: वीर सावरकर मार्ग पर प्रशासन ने दी सफाई, कहा- EC की बैठक में मिली मंजूरी

जेएनयू एक बार फिर चर्चा में है. दरअसल प्रशासन की ओर से एक सड़क का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखे जाने पर बात की गई. इस मामले पर कुछ शरारती तत्वों ने कालिख पोती जिसके बाद विवाद और शुरू हो गया.

JNU matter on veer savarkar marg after executive council in delhi
वीर सावरकर मार्ग पर JNU प्रशासन
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Published : Mar 17, 2020, 7:22 PM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. दरअसल इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से एक सड़क का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखे जाने को लेकर चर्चा में है. वहीं इस पर कुछ शरारती तत्वों ने कालिख पोती जिसके बाद विवाद और शुरू हो गया. वहीं इस पूरे मामले को लेकर जेएनयू प्रशासन ने कहा कि 13 जून 2016 को हुई कैंपस डेवलपमेंट कमेटी की मीटिंग में यह कहा गया की बाहर से आने वाले लोगों को सही से साइन या सड़क का नाम ना होने की वजह से परेशानी होती थी.

वीर सावरकर मार्ग पर JNU प्रशासन

ऐसे हुआ नाम रखने का फैसला

वहीं जेएनयू प्रशासन ने कहा कि 264वीं एग्जीक्यूटिव काउंसिल ( EC ) की बैठक जो कि 21 जुलाई 2016 को आयोजित की गई थी. उसमें यह मामला रखा गया और ईसी ने एक कमेटी स्थापित करने के लिए कहा था जो कि 12 सितंबर 2017 को कैंपस में अलग-अलग सड़क के नाम पर सुझाव देने के लिए बनी. वहीं इस कमेटी की रिपोर्ट 272वीं ईसी की बैठक में रखी गई थी जोकि 13 मार्च 2018 को आयोजित की गई थी.

इन नामों का दिया गया था सुझाव

वहीं ईसी में बिरसा मुंडा मार्ग, शहीद भगत सिंह मार्ग, सीवी रमन मार्ग, रानी गैदिनलिउ मार्ग, विवेकानंद मार्ग, अभिनव गुप्ता मार्ग, सावित्रीबाई फूले मार्ग, आर्यभट्ट मार्ग, ध्यानचंद मार्ग, सुश्रुत मार्ग, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मार्ग और नेताजी सुभाष चंद्र बोस मार्ग को मंजूरी दी गई थी.

283वीं ईसी बैठक में और नाम को मिली मंजूरी

वहीं प्रशासन ने कहा कि पिछले कुछ सालों में कई साइन बोर्ड लगाए गए अलग-अलग रोड पर लगाए गए. लेकिन यह काफी नहीं थे इसके चलते दोबारा कमेटी गठित की गई जिसे कि जिन सड़कों के नामकरण नहीं किया जा सका है उनका नाम भी सुझाए. वहीं प्रशासन ने कहा कि कमेटी की 24 जुलाई 2019 को मीटिंग हुए जिसमें कई नाम का सुझाव दिया जिनमें से कुछ का नाम रखना अभी भी बाकी है प्रशासन ने कहा प्रशासन ने कहा कि इन नामों को मंजूरी 283 इसी की बैठक जो कि 13 नवंबर 2019 आयोजित की गई थी उसमें मंजूरी दे दी गई जिसकी बहुत विश्वविद्यालय का स्टेट एंड इंजीनियरिंग ब्रांच धीरे-धीरे सड़क को पर साइन एज लगाने का काम कर रहा है.

283वीं बैठक में इन नामों को मिली थी मंजूरी

बता दें कि गुरु रविदास मार्ग, वीर सावरकर मार्ग, रानी अब्बाक्क मार्ग, अब्दुल हमीद मार्ग, महर्षि बाल्मीकि मार्ग, गार्गी वाचक्नवी मार्ग, रानी झांसी मार्ग, महर्षि दयानंद सरस्वती मार्ग, गोपीनाथ बोरडोली मार्ग, वीर शिवाजी मार्ग, महाराणा प्रताप मार्ग, सरदार पटेल मार्ग, लोकमान्य तिलक मार्ग शामिल है.

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. दरअसल इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से एक सड़क का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखे जाने को लेकर चर्चा में है. वहीं इस पर कुछ शरारती तत्वों ने कालिख पोती जिसके बाद विवाद और शुरू हो गया. वहीं इस पूरे मामले को लेकर जेएनयू प्रशासन ने कहा कि 13 जून 2016 को हुई कैंपस डेवलपमेंट कमेटी की मीटिंग में यह कहा गया की बाहर से आने वाले लोगों को सही से साइन या सड़क का नाम ना होने की वजह से परेशानी होती थी.

वीर सावरकर मार्ग पर JNU प्रशासन

ऐसे हुआ नाम रखने का फैसला

वहीं जेएनयू प्रशासन ने कहा कि 264वीं एग्जीक्यूटिव काउंसिल ( EC ) की बैठक जो कि 21 जुलाई 2016 को आयोजित की गई थी. उसमें यह मामला रखा गया और ईसी ने एक कमेटी स्थापित करने के लिए कहा था जो कि 12 सितंबर 2017 को कैंपस में अलग-अलग सड़क के नाम पर सुझाव देने के लिए बनी. वहीं इस कमेटी की रिपोर्ट 272वीं ईसी की बैठक में रखी गई थी जोकि 13 मार्च 2018 को आयोजित की गई थी.

इन नामों का दिया गया था सुझाव

वहीं ईसी में बिरसा मुंडा मार्ग, शहीद भगत सिंह मार्ग, सीवी रमन मार्ग, रानी गैदिनलिउ मार्ग, विवेकानंद मार्ग, अभिनव गुप्ता मार्ग, सावित्रीबाई फूले मार्ग, आर्यभट्ट मार्ग, ध्यानचंद मार्ग, सुश्रुत मार्ग, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मार्ग और नेताजी सुभाष चंद्र बोस मार्ग को मंजूरी दी गई थी.

283वीं ईसी बैठक में और नाम को मिली मंजूरी

वहीं प्रशासन ने कहा कि पिछले कुछ सालों में कई साइन बोर्ड लगाए गए अलग-अलग रोड पर लगाए गए. लेकिन यह काफी नहीं थे इसके चलते दोबारा कमेटी गठित की गई जिसे कि जिन सड़कों के नामकरण नहीं किया जा सका है उनका नाम भी सुझाए. वहीं प्रशासन ने कहा कि कमेटी की 24 जुलाई 2019 को मीटिंग हुए जिसमें कई नाम का सुझाव दिया जिनमें से कुछ का नाम रखना अभी भी बाकी है प्रशासन ने कहा प्रशासन ने कहा कि इन नामों को मंजूरी 283 इसी की बैठक जो कि 13 नवंबर 2019 आयोजित की गई थी उसमें मंजूरी दे दी गई जिसकी बहुत विश्वविद्यालय का स्टेट एंड इंजीनियरिंग ब्रांच धीरे-धीरे सड़क को पर साइन एज लगाने का काम कर रहा है.

283वीं बैठक में इन नामों को मिली थी मंजूरी

बता दें कि गुरु रविदास मार्ग, वीर सावरकर मार्ग, रानी अब्बाक्क मार्ग, अब्दुल हमीद मार्ग, महर्षि बाल्मीकि मार्ग, गार्गी वाचक्नवी मार्ग, रानी झांसी मार्ग, महर्षि दयानंद सरस्वती मार्ग, गोपीनाथ बोरडोली मार्ग, वीर शिवाजी मार्ग, महाराणा प्रताप मार्ग, सरदार पटेल मार्ग, लोकमान्य तिलक मार्ग शामिल है.

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