नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बच्चों को शिक्षित करने के लिए और उनके हुनर को पहचानने के लिए सरकार के द्वारा भी तमाम कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली में कई इलाके ऐसे हैं जहां गरीब और वंचित बच्चे रहते हैं उनके पास इन सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाता है. इन बच्चों के सपने को साकार करने के लिए जीवनधारा ट्रस्ट की तरफ से पिछले पांच साल से पिछड़े बच्चों की मदद की जा रही है और उन्हें हुनरमंद बनाया जा रहा है.
दक्षिणी दिल्ली के महरौली में जीवनधारा ट्रस्ट की तरफ से पिछले पांच साल से करीब 100 से अधिक बच्चों को शिक्षित किया जा चुका है. वह बच्चे होते हैं जिनके माता-पिता गरीब हैं और वह पढ़ने की इच्छा रखते हैं. लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं होते कि वह अपने बच्चों को पढ़ा सकें, ऐसे में जीवनधारा ट्रस्ट इन बच्चों की मदद के लिए आगे आया है और छोटे बच्चों को पढ़ाई के साथ बच्चियों को सिलाई कढ़ाई बुनाई भी सिखाई जाती है और यहां पर पूरी स्कूल की तरह से सभी फैसिलिटी बच्चों को दी जाती है. डांसिंग क्लासेस सिंगिंग कंपटीशन सहित सभी प्रकार की गतिविधियां बच्चों को कराई जाती है.
जीवनधारा ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य अनीता शास्त्री ने बताया कि वह करीब पांच साल से जीवनधारा ट्रस्ट का संचालन कर रही है. उन्होंने बताया कि वह एक पार्क में जब टहल रही थीं तब उन्होंने चार बच्चों को देखा और तभी से उनके मन में यह सवाल आया कि बच्चे पढ़ना चाहते हैं लेकिन उनके पास पढ़ने की कोई वजह नहीं है. इसी वजह से वह अब चार बच्चों को अपने यहां लेकर आईं और तभी से वह निरंतर बच्चों की सफलता के लिए काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि अगर बच्चे शिक्षित रहेंगे तो देश भी आगे बढ़ेगा. उनका कहना है कि उनकी जो संस्था है वह बिना गवर्नमेंट के चल रहा है. सामाजिक मदद के कारण उनका संस्थान चल रहा है सब कुछ अपनी तरफ से करतीं हैं. अब उनके साथ कई महिलाएं भी जुड़ चुकी हैं.
जीवनधारा ट्रस्ट की युवा सदस्य अर्चना ने बताया कि वह भी इस संस्थान से जुड़ी हैं और बच्चों को पढ़ा रही हैं. उन्होंने बताया कि यह अनीता शास्त्री ने एक अच्छा कदम उठाया है. उन्होंने बताया कि यहां गरीब लड़कियों को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई सिखाई जाती है और बच्चों के भविष्य के लिए जीवनधारा ट्रस्ट हमेशा से सदैव तत्पर है. उनका मुख्य उद्देश्य बच्चों को शिक्षित करना है.
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