नई दिल्ली : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर जहां सभी संस्थान अलग-अलग तरीकों से बापू को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. वहीं जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने भी 'सिंगल यूज प्लास्टिक' पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
इस अवसर पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नज़मा अख्तर ने विश्वविद्यालय परिसर को प्लास्टिक मुक्त घोषित कर दिया.
कुलपति ने दिलाई छात्रों को शपथ
इस दौरान कुलपति ने जामिया के स्टाफ और छात्रों को शपथ दिलाई कि वह प्लास्टिक के सामानों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करेंगे. साथ ही औरों को भी प्लास्टिक ना इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करेंगे.
इस दौरान उन्होंने कहा कि प्लास्टिक से बेहतर विकल्प पर ध्यान देना चाहिए. साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय के सभी लोग एक-दूसरे को समय-समय पर याद दिलाते रहें कि परिसर में प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा चुका है. उन्होंने जामिया के सभी हॉस्टल, कम्युनिटी सेंटर, कैंटीन, दुकान और कॉफी शॉप्स में 'सिंगल यूज़ प्लास्टिक' का इस्तेमाल नहीं करने का आदेश जारी कर दिया है.
इस मौके पर प्रोफेसर नज़मा अख्तर ने एनएसएस और एनसीसी के वॉलिंटियर्स और अन्य छात्रों के सात समूहों को जामिया मिलिया इस्लामिया के आसपास की बस्तियों में 'सिंगल यूज प्लास्टिक' वस्तुओं का इस्तेमाल ना करने और अपने जीवन में स्वच्छता रखने का संदेश देने के लिए नियुक्त कर दिया है.
500 रुपये तक का जर्माना
बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही जामिया परिसर में सभी सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुएं जैसे बोतल, कप, गिलास, पॉलिथीन बैग और 50 माइक्रोन से कम प्लास्टिक वाली चीजें, प्लास्टिक प्लेट, प्लास्टिक कप, स्ट्रॉ आदि पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही स्टायरोफोम यानी थर्माकोल से बनी प्लेट और सजावट के सामान पर भी रोक लगा दी गई है. इस आदेश का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है. वहीं प्लास्टिक का सामान इस्तेमाल करने पर 500 रुपये तक के जुर्माने की घोषणा कर दी गई हैं.
वहीं जामिया विश्वविद्यालय की डॉक्टर जाकिर हुसैन लाइब्रेरी में महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित एक प्रदर्शनी भी शुरू की गई. इस प्रदर्शनी में डॉक्टर एमए अंसारी जो कि जामिया के संस्थापकों में से एक हैं. गांधी जी की तरफ से अंग्रेजी और उर्दू में लिखे गए पत्र को भी शामिल किया गया है.
प्रदर्शनी 12 अक्टूबर तक चलेगी
बता दें कि जामिया मिल्लिया की शुरुआती दिनों में डॉक्टर अंसारी की बेटी जोहरा अंसारी जिन्हें गांधी जी अपनी बेटी मानते थे और विश्वविद्यालय को स्थापित करने से जुड़े अन्य लोगों को गांधी जी के लिखे पत्रों, दुर्लभ तस्वीरों और राष्ट्रपिता पर लिखी पुस्तकों को भी दर्शाया गया है. बता दें कि यह प्रदर्शनी शनिवार और छुट्टी के दिनों के अलावा 12 अक्टूबर तक चलेगी.