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'दूसरी बार बनने जा रहा हूं सांसद, किसी को नहीं मानता चुनौती' - loksabha election 2019

दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी से इस बार की चुनावी चुनौतियों के विषय में पूछा ने पर उन्होंने कहा कि वो किसी को भी चुनौती नहीं मानते. वो एक बार फिर से सांसद बनने जा रहे हैं.

'दूसरी बार बनने जा रहा हूं सांसद, किसी को नहीं मानता चुनौती'
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Published : Apr 28, 2019, 11:28 AM IST

नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी को एक बार फिर से पार्टी ने टिकट दिया है. ईटीवी भारत ने उनसे इस चुनाव में आने वाली चुनौतियों के विषय में बात की.

बिधूड़ी से पूछा गया कि पार्टी के प्रत्याशियों को सत्ता विरोधी लहर का सामना करने का भय सता रहा है? क्या वे अपने सामने विरोधी दल के प्रत्याशी को चुनौती के रूप में देखते हैं?

इसके जवाब में बिधूड़ी ने कहा कि पार्टी ने जिस भरोसे के साथ उन्हें दूसरी बार मौका दिया है उन्हें लगता है वे दूसरी बार चुनाव लड़ने नहीं, सांसद बनने जा रहे हैं.

'दूसरी बार बनने जा रहा हूं सांसद, किसी को नहीं मानता चुनौती'

विपक्ष ने जो प्रत्याशी सामने उतारा है उसे आप कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं?
इस पर बिधूड़ी ने कहा कि वो किसी को कोई चुनौती नहीं मानते. अगर चुनौती मानते तो वो ये नहीं कहते कि वो दूसरी बार सांसद बनने जा रहे हैं.
बिधूड़ी का कहना है कि दक्षिणी दिल्ली इलाके में पिछले 5 साल के दौरान विकास हुआ है. इलाके के लोग उनके विकास से संतुष्ट हैं. नामांकन के वक्त उमड़ी भीड़ ने उनको आश्वस्त किया है कि दक्षिणी दिल्ली के लोग पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उन्हें दोबारा सेवा करने का मौका देंगे.

कांग्रेस प्रत्याशी विजेंद्र सिंह को चुनौती के रूप में देखते हैं?
इस पर रमेश बिधूड़ी कहते हैं, कांग्रेस के नेताओं ने दक्षिणी दिल्ली से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. बीजेपी ने जब टिकट का ऐलान कर दिया और उन्हें दोबारा मौका दिया तब कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया. इसलिए कांग्रेस ने विजेंद्र को मैदान में उतारा है. पार्टी ने उन्हें एक तरह से बलि का बकरा बनाया है.

आम आदमी पार्टी प्रत्याशी राघव चड्ढा आपके खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, उनसे कैसे मुकाबला करेंगे?
आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी राघव चड्ढा को लेकर रमेश बिधूड़ी कहते हैं की उनको समझ नहीं है. चड्ढा चुनाव आयोग में कहते हैं कि वो पढ़े लिखे सीए हैं. क्या कोई बिना पढ़े लिखे सीए बन जाता है.

सीए तो पढ़ लिखकर ही बना जाता है. इसे बताने की क्या जरूरत. इससे उनकी समझ का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो कितने काबिल है.

नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी को एक बार फिर से पार्टी ने टिकट दिया है. ईटीवी भारत ने उनसे इस चुनाव में आने वाली चुनौतियों के विषय में बात की.

बिधूड़ी से पूछा गया कि पार्टी के प्रत्याशियों को सत्ता विरोधी लहर का सामना करने का भय सता रहा है? क्या वे अपने सामने विरोधी दल के प्रत्याशी को चुनौती के रूप में देखते हैं?

इसके जवाब में बिधूड़ी ने कहा कि पार्टी ने जिस भरोसे के साथ उन्हें दूसरी बार मौका दिया है उन्हें लगता है वे दूसरी बार चुनाव लड़ने नहीं, सांसद बनने जा रहे हैं.

'दूसरी बार बनने जा रहा हूं सांसद, किसी को नहीं मानता चुनौती'

विपक्ष ने जो प्रत्याशी सामने उतारा है उसे आप कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं?
इस पर बिधूड़ी ने कहा कि वो किसी को कोई चुनौती नहीं मानते. अगर चुनौती मानते तो वो ये नहीं कहते कि वो दूसरी बार सांसद बनने जा रहे हैं.
बिधूड़ी का कहना है कि दक्षिणी दिल्ली इलाके में पिछले 5 साल के दौरान विकास हुआ है. इलाके के लोग उनके विकास से संतुष्ट हैं. नामांकन के वक्त उमड़ी भीड़ ने उनको आश्वस्त किया है कि दक्षिणी दिल्ली के लोग पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उन्हें दोबारा सेवा करने का मौका देंगे.

कांग्रेस प्रत्याशी विजेंद्र सिंह को चुनौती के रूप में देखते हैं?
इस पर रमेश बिधूड़ी कहते हैं, कांग्रेस के नेताओं ने दक्षिणी दिल्ली से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. बीजेपी ने जब टिकट का ऐलान कर दिया और उन्हें दोबारा मौका दिया तब कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया. इसलिए कांग्रेस ने विजेंद्र को मैदान में उतारा है. पार्टी ने उन्हें एक तरह से बलि का बकरा बनाया है.

आम आदमी पार्टी प्रत्याशी राघव चड्ढा आपके खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, उनसे कैसे मुकाबला करेंगे?
आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी राघव चड्ढा को लेकर रमेश बिधूड़ी कहते हैं की उनको समझ नहीं है. चड्ढा चुनाव आयोग में कहते हैं कि वो पढ़े लिखे सीए हैं. क्या कोई बिना पढ़े लिखे सीए बन जाता है.

सीए तो पढ़ लिखकर ही बना जाता है. इसे बताने की क्या जरूरत. इससे उनकी समझ का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो कितने काबिल है.

Intro:नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में 12 मई को मतदान होगा. नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गयी है. चुनाव मैदान में उतरे सभी प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए प्रचार में जुट गए हैं. दिल्ली की सातों सीट पर काबिज भाजपा के सात सांसदों में से पार्टी ने पाँच को दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है. ऐसे में क्या पार्टी के प्रत्याशियों को सत्ता विरोधी लहर का सामना करने का भय सता रहा है? क्या वे अपने सामने विरोधी दल के प्रत्याशी को चुनौती के रूप में देखते हैं? इस बारे में ईटीवी भारत ने भाजपा के दक्षिणी दिल्ली से प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी से बातचीत की.


Body:भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी का कहना है कि पार्टी ने जिस भरोसे के साथ उन्हें दूसरी बार मौका दिया है उन्हें लगता है वे दूसरी बार चुनाव लड़ने नहीं, सांसद बनने जा रहे हैं. सत्ता विरोधी लहर कहीं चुनाव में सामना ना करना पड़े या विपक्ष ने जो प्रत्याशी सामने उतारा है उसे आप कितनी चुनौती मानते हैं इस बाबत पूछे जाने पर भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूरी ने कहा कि वह कोई चुनौती नहीं मानते अगर चुनौती मानते तो वह यह नहीं कहते कि वे दूसरी बार सांसद बनने जा रहे हैं. दक्षिणी दिल्ली इलाके में पिछले 5 साल के दौरान जो विकास हुए हैं और इलाके के लोग जिस तरह से उनके विकास उनसे संतुष्ट हैं जब वे नामांकन के लिए गए थे तो लोगों का जो साथ मिला इससे आश्वस्त हैं कि दक्षिणी दिल्ली के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उन्हें दोबारा सेवा करने का मौका देंगे.

दक्षिणी दिल्ली से कांग्रेस ने मुक्केबाज बिजेंद्र को प्रत्याशी बनाया है, इसे वे कितनी बड़ी चुनौती के रूप में देखते हैं? इस पर रमेश बिधूड़ी कहते हैं, कांग्रेस के नेताओं ने दक्षिणी दिल्ली से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था.

भाजपा ने जब टिकट का ऐलान कर दिया और उन्हें दोबारा मौका दिया तब कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया. जब सभी स्थानीय नेताओं ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया तब कांग्रेस ने बिजेंद्र को मैदान में उतारा है. उन्हें एक तरह से बलि का बकरा पार्टी ने बनाया.

आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी राघव चड्ढा को लेकर रमेश बिधूड़ी कहते हैं की उसकी समझ तो इतनी है कि वह चुनाव आयोग में कहते हैं कि वह पढ़े लिखे सीए हैं. क्या कोई बिना पढ़े लिखे सीए बन जाता है. सीए तो पढ़ लिखकर ही बनाता है. इसे बताने की क्या जरूरत. इससे उनकी समझ का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह कितने काबिल है.

समाप्त, आशुतोष झा


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