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ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर ठगी करने वाला गैंग गिरफ्तार, दुबई में बैठे मास्टरमाइंड की तलाश में पुलिस

साइबर पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर ठगी करने वाले गैंग को गिरफ्तार किया है. यह लोगों को ऑनलाइन गेम खिलाकर उनसे ठगी करते थे. पुलिस ने इस गैंग के चार लोगों को गिरफ्तार किया है, वहीं इस गैंग का मास्टरमाइंड पुलिस की गिरफ्त से बहार है, जो दुबई में बैठकर इस गैंग को चलता था.

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Published : Apr 24, 2023, 4:54 PM IST

नई दिल्ली: मध्य जिला साइबर पुलिस की टीम ने ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 11 सिम कार्ड, 11 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और 29 लाख को जब्त किया है. गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान फरहान अंसारी, संजय डबास, पंकज और मोनू के रूप में की गई है.

सेंट्रल दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त संजय कुमार सेन ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि फरवरी में एक महिला ने साइबर पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बताया गया कि उन्हें एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप मैसेज मिला, मैसेज में रुपए का भुगतान का प्रस्ताव था. व्हाट्सएप के माध्यम से भेजे गए लिंक को लाइक करने के लिए ₹50 प्रति लाइक देने की बात कही गई थी. उसमें लिंक को खोलें और उन्हें लाइक किया, जिसके बाद उन्होंने उक्त व्यक्ति को स्क्रीनशॉट भेजा. क्रेडिट राशि प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम लिंक खोलने के लिए कहा गया.

उन्होंने वो टेलीग्राम लिंक खोला इसी प्रकार पहले 150 ,100 फिर 200 फिर 1000 हजार रुपए उसने पेमेंट किया और वे लगातार उस गेम को खेलती रही. इस प्रकार वह एक दिन में करीब 22 लाख रूपए हार गई, जिसके बाद उसने इसकी शिकायत साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी. इस संबंध में क्राइम इस संबंध में साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया.

जांच के दौरान आरोपियों के बैंक विवरण और सीडीआर प्राप्त किए गए. जिसके बाद 16 अप्रैल को संजय डबास को उसके गांव से गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में उसने जुर्म कबूल कर लिया. उसकी निशानदेही पर एक अन्य आरोपी फरहान अंसारी को दिल्ली के महिपालपुर से पकड़ा गया. लगातार पूछताछ पर गिरफ्तार व्यक्तियों ने खुलासा किया कि लगभग 2 साल पहले वे पंकज वाधवा उर्फ ​​सनी के संपर्क में आए थे, जो ऑनलाइन ठगी में शामिल था.

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उसके लालच पर उन्होंने अलग-अलग नामों से करंट बैंक खातों की व्यवस्था शुरू कर दी. संजय डबास ने दिल्ली के नेताजी सुभाष प्लेस में किराये पर ऑफिस लिया. फरहान अंसारी बैंक में खाता खुलवाने के लिए लोगों की व्यवस्था करता था. वे बैंक खातों के लिए कंपनी के फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे. इसके बाद बैंक विवरण पंकज वाधवा उर्फ ​​सनी को सौंप दिया गया. पंकज वाधवा और उसका साथी भूपेश अरोड़ा दुबई से ऑपरेट करने वाले कुछ चीनी साथियों के संपर्क में थे.

जालसाजों के खोले गए अधिकांश बैंक खाते निजी बैंक में हैं. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इन बैंक खातों को खोलने में कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई है. मार्च 2022 में, भूपेश अरोड़ा दुबई में स्थानांतरित हो गए, क्योंकि देश भर में उनके खिलाफ विभिन्न शिकायतें थीं. आरोपी संजय डबास व फरहान अंसारी की निशानदेही पर आरोपी पंकज वाधवा उर्फ ​​सन्नी व मोनू उर्फ ​​मनोज कुमार शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया. इसने आगे खुलासा किया कि आरोपी संजय डबास और फरहान अंसारी नवंबर 2022 के बाद से भूपेश अरोड़ा और उनके सहयोगियों से मिलने के लिए तीन बार दुबई गए थे.

इसे भी पढ़ें: Crime In Delhi: पिस्टल तानकर पत्नी को दे रहा था गोली मारने धमकी, पुलिस को देख उड़ गए होश

नई दिल्ली: मध्य जिला साइबर पुलिस की टीम ने ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 11 सिम कार्ड, 11 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और 29 लाख को जब्त किया है. गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान फरहान अंसारी, संजय डबास, पंकज और मोनू के रूप में की गई है.

सेंट्रल दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त संजय कुमार सेन ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि फरवरी में एक महिला ने साइबर पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बताया गया कि उन्हें एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप मैसेज मिला, मैसेज में रुपए का भुगतान का प्रस्ताव था. व्हाट्सएप के माध्यम से भेजे गए लिंक को लाइक करने के लिए ₹50 प्रति लाइक देने की बात कही गई थी. उसमें लिंक को खोलें और उन्हें लाइक किया, जिसके बाद उन्होंने उक्त व्यक्ति को स्क्रीनशॉट भेजा. क्रेडिट राशि प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम लिंक खोलने के लिए कहा गया.

उन्होंने वो टेलीग्राम लिंक खोला इसी प्रकार पहले 150 ,100 फिर 200 फिर 1000 हजार रुपए उसने पेमेंट किया और वे लगातार उस गेम को खेलती रही. इस प्रकार वह एक दिन में करीब 22 लाख रूपए हार गई, जिसके बाद उसने इसकी शिकायत साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी. इस संबंध में क्राइम इस संबंध में साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया.

जांच के दौरान आरोपियों के बैंक विवरण और सीडीआर प्राप्त किए गए. जिसके बाद 16 अप्रैल को संजय डबास को उसके गांव से गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में उसने जुर्म कबूल कर लिया. उसकी निशानदेही पर एक अन्य आरोपी फरहान अंसारी को दिल्ली के महिपालपुर से पकड़ा गया. लगातार पूछताछ पर गिरफ्तार व्यक्तियों ने खुलासा किया कि लगभग 2 साल पहले वे पंकज वाधवा उर्फ ​​सनी के संपर्क में आए थे, जो ऑनलाइन ठगी में शामिल था.

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उसके लालच पर उन्होंने अलग-अलग नामों से करंट बैंक खातों की व्यवस्था शुरू कर दी. संजय डबास ने दिल्ली के नेताजी सुभाष प्लेस में किराये पर ऑफिस लिया. फरहान अंसारी बैंक में खाता खुलवाने के लिए लोगों की व्यवस्था करता था. वे बैंक खातों के लिए कंपनी के फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे. इसके बाद बैंक विवरण पंकज वाधवा उर्फ ​​सनी को सौंप दिया गया. पंकज वाधवा और उसका साथी भूपेश अरोड़ा दुबई से ऑपरेट करने वाले कुछ चीनी साथियों के संपर्क में थे.

जालसाजों के खोले गए अधिकांश बैंक खाते निजी बैंक में हैं. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इन बैंक खातों को खोलने में कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई है. मार्च 2022 में, भूपेश अरोड़ा दुबई में स्थानांतरित हो गए, क्योंकि देश भर में उनके खिलाफ विभिन्न शिकायतें थीं. आरोपी संजय डबास व फरहान अंसारी की निशानदेही पर आरोपी पंकज वाधवा उर्फ ​​सन्नी व मोनू उर्फ ​​मनोज कुमार शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया. इसने आगे खुलासा किया कि आरोपी संजय डबास और फरहान अंसारी नवंबर 2022 के बाद से भूपेश अरोड़ा और उनके सहयोगियों से मिलने के लिए तीन बार दुबई गए थे.

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