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कैल्शियम का स्कोर बताएगा आपके दिल का राज! - फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट

हार्ट अटैक सबसे डरावनी बीमारियों में से एक है. फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट कैल्शियम स्कोरिंग ने एक टेस्ट शुरू किया है, जो भविष्य में दिल के दौरे के जोखिम का पता लगाने के लिए एक सरल तरीका है.

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कैल्शियम का स्कोर बताएगा आपके दिल का राज
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Published : Mar 13, 2021, 12:23 PM IST

नई दिल्‍ली: फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट के डॉक्‍टरों ने भविष्‍य में हार्ट अटैक की आशंका का पता लगाने के लिए एक आसान टैस्‍ट ‘कैल्शियम स्‍कोरिंग टैस्‍ट’ उपयोग किया है. इस टैस्‍ट के जरिए एक खास सीटी इमेजिंग की मदद से कोरोनरी आर्टरी में कैल्शियम की मात्रा का पता लगाया जाता है, जिसकी पुष्टि आर्टरी में कैल्शियम के जमाव और उसके घनत्‍व के आधार पर की जाती है.

कैल्शियम का स्कोर बताएगा आपके दिल का राज

कैल्शियम हमारी हडि्डयों के लिए बेशक महत्‍वपूर्ण है, लेकिन कोरोनरी आर्टरी में इसकी अधिक मात्रा का होना हृदय रोगों के लिए खतरे की घंटी है. इसीलिए कैल्शियम स्‍कोरिंग टैस्‍ट की मदद से हार्ट अटैक के जोखिम के बारे में पहले से ही पता लगाना आसान होता है. ये टैस्‍ट कोरोनरी आर्टरीज में कैल्शियम के जमाव की मात्रा का सही-सही आकलन करने में मददगार है.

जीरो स्‍कोर का मतलब है कि रक्‍तवाहिकाओं में कैल्शियम की मौजूदगी नहीं है, यानी अगले कुछ दशकों में हार्ट अटैक की संभावना काफी कम है. इसके उलट, अधिक स्‍कोर का मतलब है कि हृदय रोग का जोखिम भी अधिक है. 100-300 का स्‍कोर सामान्‍य तौर पर जोखिम का सूचक है जबकि 400 से अधिक स्‍कोर कोरोनरी आर्टरी में ब्‍लॉकेज को दर्शाता है.

फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट के चेयरमैन डॉ अशोक सेठ ने कहा कि हार्ट अटैक हम सभी के लिए एक चेतावनी होता है. देश में खासतौर से युवाओं में, हृदय रोगों की वजह से मौतें बढ़ रही हैं. कैल्शियम स्‍कोरिंग एक नया तरीका है जो भविष्‍य में हार्ट अटैक के जोखिम का पूर्वानुमान लगा सकता है और आर्टरीज में कैल्शियम की मौजूदगी पता लगाने का मकसद लाइफस्‍टाइल में बदलाव लाकर जोखिम को कम करने के लिए प्रेरित करना है.

पढ़ें-कोरोना संक्रमण पर बोले स्वास्थ्य मंत्री, कहा- दिल्ली में दूसरे राज्यों जैसे हालात नहीं

नॉन-इंटरवेंशनल कार्डियोली एवं हैड डिपार्टमेंट ऑफ प्रीवेंटिव कार्डियोलॉजी, फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ पीयूष जैन ने बताया कि कैल्शियम स्‍कोरिंग को अब जोखिम आकलन और उपचार के संदर्भ में दुनियाभर में मान्‍यता मिल चुकी है. ये स्‍कैन उन मरीजो के काफी उपयोगी जो जिनके बारे में माना जाता है कि वे हृदय रोगों के अनिश्चित जोखिमों से ग्रस्‍त हैं. साथ ही, हृदय रोगों के सामान्‍य जोखिमों से घिरे लोगों को भी अपनी जीवनशैली में सुधार कर जोखिम कम करने के लिए प्रेरित कर सकता है.

नई दिल्‍ली: फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट के डॉक्‍टरों ने भविष्‍य में हार्ट अटैक की आशंका का पता लगाने के लिए एक आसान टैस्‍ट ‘कैल्शियम स्‍कोरिंग टैस्‍ट’ उपयोग किया है. इस टैस्‍ट के जरिए एक खास सीटी इमेजिंग की मदद से कोरोनरी आर्टरी में कैल्शियम की मात्रा का पता लगाया जाता है, जिसकी पुष्टि आर्टरी में कैल्शियम के जमाव और उसके घनत्‍व के आधार पर की जाती है.

कैल्शियम का स्कोर बताएगा आपके दिल का राज

कैल्शियम हमारी हडि्डयों के लिए बेशक महत्‍वपूर्ण है, लेकिन कोरोनरी आर्टरी में इसकी अधिक मात्रा का होना हृदय रोगों के लिए खतरे की घंटी है. इसीलिए कैल्शियम स्‍कोरिंग टैस्‍ट की मदद से हार्ट अटैक के जोखिम के बारे में पहले से ही पता लगाना आसान होता है. ये टैस्‍ट कोरोनरी आर्टरीज में कैल्शियम के जमाव की मात्रा का सही-सही आकलन करने में मददगार है.

जीरो स्‍कोर का मतलब है कि रक्‍तवाहिकाओं में कैल्शियम की मौजूदगी नहीं है, यानी अगले कुछ दशकों में हार्ट अटैक की संभावना काफी कम है. इसके उलट, अधिक स्‍कोर का मतलब है कि हृदय रोग का जोखिम भी अधिक है. 100-300 का स्‍कोर सामान्‍य तौर पर जोखिम का सूचक है जबकि 400 से अधिक स्‍कोर कोरोनरी आर्टरी में ब्‍लॉकेज को दर्शाता है.

फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट के चेयरमैन डॉ अशोक सेठ ने कहा कि हार्ट अटैक हम सभी के लिए एक चेतावनी होता है. देश में खासतौर से युवाओं में, हृदय रोगों की वजह से मौतें बढ़ रही हैं. कैल्शियम स्‍कोरिंग एक नया तरीका है जो भविष्‍य में हार्ट अटैक के जोखिम का पूर्वानुमान लगा सकता है और आर्टरीज में कैल्शियम की मौजूदगी पता लगाने का मकसद लाइफस्‍टाइल में बदलाव लाकर जोखिम को कम करने के लिए प्रेरित करना है.

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नॉन-इंटरवेंशनल कार्डियोली एवं हैड डिपार्टमेंट ऑफ प्रीवेंटिव कार्डियोलॉजी, फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ पीयूष जैन ने बताया कि कैल्शियम स्‍कोरिंग को अब जोखिम आकलन और उपचार के संदर्भ में दुनियाभर में मान्‍यता मिल चुकी है. ये स्‍कैन उन मरीजो के काफी उपयोगी जो जिनके बारे में माना जाता है कि वे हृदय रोगों के अनिश्चित जोखिमों से ग्रस्‍त हैं. साथ ही, हृदय रोगों के सामान्‍य जोखिमों से घिरे लोगों को भी अपनी जीवनशैली में सुधार कर जोखिम कम करने के लिए प्रेरित कर सकता है.

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