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विजेंद्र गुप्ता का सीएम केजरीवाल को खुला पत्र, कोरोना प्रभावितों को मिले आर्थिक मदद - दिल्ली बीजेपी पूर्व अध्यक्षा का सीएम केजरीवाल को पत्र

दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और विधायक विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र लिखकर दिल्ली में लॉकडाउन से प्रभावित दुकानदारों फैक्ट्री वाले व्यापारी व इन प्रतिष्ठानों से जुड़े सभी कामगार श्रमिकों आदि के लिए तुरंत आर्थिक सहायता पैकेज घोषित करने की मांग की है.

विजेंद्र गुप्ता का ट्वीट
विजेंद्र गुप्ता का ट्वीट
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Published : May 18, 2021, 2:23 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और विधायक विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र लिखकर दिल्ली में लॉकडाउन से प्रभावित दुकानदारों फैक्ट्री वाले व्यापारी व इन प्रतिष्ठानों से जुड़े सभी कामगार श्रमिकों आदि के लिए तुरंत आर्थिक सहायता पैकेज घोषित करने की मांग की है. उन्होंने अपने खुले पत्र में कहा कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन हुए महीना पूरा हो चुका है. अभी भी लॉकडाउन जारी है. इस दौरान मेट्रो से लेकर थोक बाजार, फुटकर बाजार व्यापारिक संस्थान, साप्ताहिक बाजार सब बंद पड़े हैं.

विजेंद्र गुप्ता का ट्वीट
विजेंद्र गुप्ता का ट्वीट

ये भी पढ़ें- दिल्ली: सिंगल डिजिट में आई पॉजिटिविटी दर, लेकिन 24 घंटे में 340 की मौत




दूसरी लहर से निपटने की विफलता पर उठाया सवाल
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के लोग पूरी तरह से भयभीत हैं. मौत का मंजर ऐसा ना कभी किसी ने देखा था, ना कभी सुना था. देश और दिल्ली के लिए यह विपदा का समय है. गुप्ता ने दिल्ली सरकार की कोरोना संक्रमण की आई दूसरी लहर से निपटने की विफलता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पिछले दिनों कहा था कि महामारी से लड़ने के लिए दिल्ली पूरी तरह से सक्षम है.

उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछा कि वे बताएं कि जब कुछ दिनों पहले पिछले साल की तरह दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ चुकी थी तो केंद्र सरकार से मदद मांगने की गुहार के सिवा उन्होंने क्या किया? उनके मंत्री और 'आप' के नेता इस संकटकाल में भी दिल्ली की जनता को गुमराह करने की राजनीति से बाज नहीं आए.

ये भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस को मिली नवनीत कालरा की तीन दिन की रिमांड




दिहाड़ी मजदूरों की आर्थिक मदद के लिये किया आग्रह
गुप्ता ने कहा दिल्ली को बंद करना आसान है. ऐसा करने से सरकार केवल अपनी जिमेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती. दिहाड़ी कामगार/ मजदूरों को दिल्ली में लॉकडाउन के चलते भूखे मरना पड़ रहा है. युवाओं को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. छोटी-छोटी दुकानें बंद पड़ी हैं. छोटी-छोटी फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं और इनमें काम करने वाले कामगार लोग घरों पर खाली बैठे हैं.

उनके घर में चूल्हा नहीं जल पा रहा है. उनका काम धंधा बंद हो गया है. एक तरफ तो काम बंद है. दूसरे महामारी के कारण कोई ना कोई घर पर कोरोना से ग्रस्त है. जिसके कारण आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है. यह कैसे हो सकता है कि लोग भूख के मारे मर रहे हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरकर बैठी है.

बिजली चार्ज माफ और श्रमिकों को राहत देने की मांग
गुप्ता ने कहा कि राजधानी दिल्ली व्यापार का एक मुख्य केंद्र है. यहां पर होलसेल तथा फुटकर दुकानों की बहुतायत है. सरकार इन बंद पड़े दुकानों, फैक्ट्रियों के बिजली के बिलों में फिक्सड चार्ज और अन्य सेस लगाकर बिजली के बिल लगातार भेज रही है. यह प्राइवेट कंपनियों द्वारा एक तरह की लूट है. इस बावत व्यापारिक संगठनों में भी मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार व्यापारिक संगठनों की मांग पर तुरंत ध्यान दे. गुप्ता ने केजरीवाल सरकार से अनुरोध किया है कि इन बिजली बिलों पर लगने वाले फिक्सड चार्ज को माफ करे और आर्थिक सहायता का पैकेज घोषित कर व्यापारियों, कामगार/ श्रमिकों को राहत प्रदान करे.

नई दिल्ली: दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और विधायक विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र लिखकर दिल्ली में लॉकडाउन से प्रभावित दुकानदारों फैक्ट्री वाले व्यापारी व इन प्रतिष्ठानों से जुड़े सभी कामगार श्रमिकों आदि के लिए तुरंत आर्थिक सहायता पैकेज घोषित करने की मांग की है. उन्होंने अपने खुले पत्र में कहा कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन हुए महीना पूरा हो चुका है. अभी भी लॉकडाउन जारी है. इस दौरान मेट्रो से लेकर थोक बाजार, फुटकर बाजार व्यापारिक संस्थान, साप्ताहिक बाजार सब बंद पड़े हैं.

विजेंद्र गुप्ता का ट्वीट
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दूसरी लहर से निपटने की विफलता पर उठाया सवाल
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के लोग पूरी तरह से भयभीत हैं. मौत का मंजर ऐसा ना कभी किसी ने देखा था, ना कभी सुना था. देश और दिल्ली के लिए यह विपदा का समय है. गुप्ता ने दिल्ली सरकार की कोरोना संक्रमण की आई दूसरी लहर से निपटने की विफलता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पिछले दिनों कहा था कि महामारी से लड़ने के लिए दिल्ली पूरी तरह से सक्षम है.

उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछा कि वे बताएं कि जब कुछ दिनों पहले पिछले साल की तरह दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ चुकी थी तो केंद्र सरकार से मदद मांगने की गुहार के सिवा उन्होंने क्या किया? उनके मंत्री और 'आप' के नेता इस संकटकाल में भी दिल्ली की जनता को गुमराह करने की राजनीति से बाज नहीं आए.

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दिहाड़ी मजदूरों की आर्थिक मदद के लिये किया आग्रह
गुप्ता ने कहा दिल्ली को बंद करना आसान है. ऐसा करने से सरकार केवल अपनी जिमेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती. दिहाड़ी कामगार/ मजदूरों को दिल्ली में लॉकडाउन के चलते भूखे मरना पड़ रहा है. युवाओं को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. छोटी-छोटी दुकानें बंद पड़ी हैं. छोटी-छोटी फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं और इनमें काम करने वाले कामगार लोग घरों पर खाली बैठे हैं.

उनके घर में चूल्हा नहीं जल पा रहा है. उनका काम धंधा बंद हो गया है. एक तरफ तो काम बंद है. दूसरे महामारी के कारण कोई ना कोई घर पर कोरोना से ग्रस्त है. जिसके कारण आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है. यह कैसे हो सकता है कि लोग भूख के मारे मर रहे हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरकर बैठी है.

बिजली चार्ज माफ और श्रमिकों को राहत देने की मांग
गुप्ता ने कहा कि राजधानी दिल्ली व्यापार का एक मुख्य केंद्र है. यहां पर होलसेल तथा फुटकर दुकानों की बहुतायत है. सरकार इन बंद पड़े दुकानों, फैक्ट्रियों के बिजली के बिलों में फिक्सड चार्ज और अन्य सेस लगाकर बिजली के बिल लगातार भेज रही है. यह प्राइवेट कंपनियों द्वारा एक तरह की लूट है. इस बावत व्यापारिक संगठनों में भी मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार व्यापारिक संगठनों की मांग पर तुरंत ध्यान दे. गुप्ता ने केजरीवाल सरकार से अनुरोध किया है कि इन बिजली बिलों पर लगने वाले फिक्सड चार्ज को माफ करे और आर्थिक सहायता का पैकेज घोषित कर व्यापारियों, कामगार/ श्रमिकों को राहत प्रदान करे.

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