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फरीदाबाद की महिला ने अंगदान कर बचाई पांच की जान, दिमाग ने काम करना कर दिया था बंद - महिला के अंगदान

aiims hospital in delhi: परोपकार और निस्वार्थता का प्रदर्शन करते हुए फरीदाबाद की रहने वाली महिला के परिवार ने उसके ब्रेन डेड घोषित होने के बाद उसके अंगों को दान करने का फैसला लिया है. परिवार के इस फैसले की वजह से कई लोगों को नई जिंदगी मिली.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 21, 2023, 8:08 AM IST

नई दिल्ली: फरीदाबाद की रहने वाली 53 वर्षीय महिला की सड़क हादसे में जान चली गई थी, लेकिन उसके परिजनों के साहस की बदौलत पांच लोगों को नई जिंदगी मिली. परिवार के राजी होने के बाद महिला के अंगदान से दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती पांच बीमार लोगों को जीवनदान मिला है. फरीदाबाद की 53 वर्षीय कंचन 1 दिसंबर को एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गईं थी. उनके सिर में गंभीर चोट लगी थी.

शुरुआत में परिजनों ने फरीदाबाद के एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया. उसके बाद उन्हें एम्स दिल्ली के ट्रामा सेंटर में रेफर किया गया. काफी प्रयास के बाद भी डॉक्टर महिला को बचा नहीं सके. महिला का ब्रेन डेड घोषित करना पड़ा. इसके बाद एम्स के ऑर्बो विभाव के प्रत्यारोपण संयोजकों की टीम ने महिला के परिजनों को अंगदान के महत्व के बारे में बताया. परिवार अंगदान के लिए राजी हो गया.

ये भी पढ़ें : एम्स में आधुनिक तकनीक से अब और बेहतर इलाज, 7 परियोजनाओं का उद्घाटन

परिजनों का कहना है कि कंचन तो अब जिंदा नहीं रही, लेकिन उसके अंगदान कर हम पांच लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं. महिला के लिवर को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर आईएलबीएस अस्पताल पहुंचाया गया. वहां भर्ती लिवर के अंतिम स्टेज के मरीज को प्रत्यारोपित कर उसकी जान बचाई गई. उसकी एक किडनी एम्स में भर्ती एक मरीज और सफदरजंग में भर्ती अन्य मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित की गई. सर्जरी के बाद दोनों मरीज ठीक है. महिला के दिल के वॉल्व और आंखों के कॉर्निया को एम्स में सुरक्षित रखा गया है. उन्हें जरूरतमंद मरीजों को प्रत्यारोपित किया जाएगा.

ये भी पढ़ें : थेरानोस्टिक्स तकनीक से एम्स ने चौथे चरण के कैंसर को नियंत्रित रखने में पाई सफलता!

नई दिल्ली: फरीदाबाद की रहने वाली 53 वर्षीय महिला की सड़क हादसे में जान चली गई थी, लेकिन उसके परिजनों के साहस की बदौलत पांच लोगों को नई जिंदगी मिली. परिवार के राजी होने के बाद महिला के अंगदान से दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती पांच बीमार लोगों को जीवनदान मिला है. फरीदाबाद की 53 वर्षीय कंचन 1 दिसंबर को एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गईं थी. उनके सिर में गंभीर चोट लगी थी.

शुरुआत में परिजनों ने फरीदाबाद के एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया. उसके बाद उन्हें एम्स दिल्ली के ट्रामा सेंटर में रेफर किया गया. काफी प्रयास के बाद भी डॉक्टर महिला को बचा नहीं सके. महिला का ब्रेन डेड घोषित करना पड़ा. इसके बाद एम्स के ऑर्बो विभाव के प्रत्यारोपण संयोजकों की टीम ने महिला के परिजनों को अंगदान के महत्व के बारे में बताया. परिवार अंगदान के लिए राजी हो गया.

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परिजनों का कहना है कि कंचन तो अब जिंदा नहीं रही, लेकिन उसके अंगदान कर हम पांच लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं. महिला के लिवर को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर आईएलबीएस अस्पताल पहुंचाया गया. वहां भर्ती लिवर के अंतिम स्टेज के मरीज को प्रत्यारोपित कर उसकी जान बचाई गई. उसकी एक किडनी एम्स में भर्ती एक मरीज और सफदरजंग में भर्ती अन्य मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित की गई. सर्जरी के बाद दोनों मरीज ठीक है. महिला के दिल के वॉल्व और आंखों के कॉर्निया को एम्स में सुरक्षित रखा गया है. उन्हें जरूरतमंद मरीजों को प्रत्यारोपित किया जाएगा.

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