नई दिल्ली: दिल्ली का प्रदूषण स्तर अभी भी 'खराब' श्रेणी में है. आज दिल्ली का का एयर क्वालिटी इंडेक्स 253 दर्ज किया गया है. जो 'खराब' श्रेणी माना जाता है. आने वाले दिनों में प्रदूषण की समस्या और खराब होनी की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में विशेषज्ञ घर में एयर प्यूरीफायर लगाने का सुझाव दे रहे हैं, तो वहीं कुछ विशेषज्ञ घर के भीतर छोटे-छोटे पौधे लगाकर नेचुरल प्यूरीफायर लगाने की सलाह दे रहे हैं. इससे न सिर्फ घर के भीतर हर कमरे की हवा शुद्ध होगी, बल्कि इस एयर प्यूरीफायर के इस्तेमाल से बिजली की बचत भी होगी.
इन दिनों लोग अपने घरों में छोटे-छोटे पौधे लगाना शुरू किए हैं. बोनसाई इन्हीं में से एक है. बोनसाई एक्सपोर्ट जयपाल सिंह बताते हैं कि शहरों में पेड़ पौधे कम हो गए हैं. जिससे प्रदूषण की समस्या काफी बढ़ गई है. ऐसे में लोग अपने घरों में छोटे-छोटे पौधे लगाकर घर में प्राकृतिक माहौल पैदा करने के साथ-साथ शुद्ध हवा का सेवन कर सकते हैं.
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बोनसाई एक्सपोर्ट जयपाल सिंह अपने घर को एक छोटे बगीचे में तब्दील कर दिए हैं, जिससे उन्हें न सिर्फ प्राकृतिक माहौल का आनंद मिल रहा है, बल्कि पूरे घर में ऑक्सीजन मिल रहा है. वह दूसरे लोगों से भी अपने घरों में छोटे-छोटे पौधे लगाने का सुझाव दे रहे हैं.
जयपाल सिंह बताते हैं कि सर्दी के मौसम में अक्सर दिल्ली की हवा खराब हो जाती है. वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो जाती है. लोगों का जीना मुहाल हो जाता है. वह बताते हैं कि हमने प्रकृति के साथ काफी छेड़छाड़ किया है, जिसकी वजह से हमें साल के कुछ महीनों में सांस लेने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है. उनका कहना है कि प्रदूषण की समस्या से बचने के लिए सभी को अपने घर में शुद्ध ऑक्सीजन के लिए एयर प्यूरीफाइंग प्लांट्स लगवाना चाहिए. इससे आपके शौक भी पूरे होंगे और सुकून भी मिलेगा. बाजार में मिलने वाले हर तरह के एयर प्यूरीफाइंग प्लांट्स अच्छे होते हैं, उनमें से कोई भी प्लांट्स घर में लगा सकते हैं.
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जयपाल सिंह अपने अपार्टमेंट के पांचवी फ्लोर पर रहते हैं. वहां उन्होंने बोनसाई प्लांट्स का एक पूरा गार्डन बनाया है. यह गार्डन इतना खूबसूरत है कि यह न सिर्फ प्राकृतिक माहौल का दर्शन कराता है, बल्कि शुद्ध ऑक्सीजन पूरे घर में उपलब्ध कराता है. आप अपने घर के छत के अलावा बालकनी में भी अपने पसंद के प्लांट लगा सकते हैं. यह प्लांट्स आपके मित्र की तरह हैं. आपकी सुरक्षा करेंगे साथ ही वायु प्रदूषण के खतरनाक प्रभाव से बचाव का भी यह एक प्रभावी तरीका है.
जयपाल बताते हैं कि बोनसाई की मांग हाल के दिनों में शहरी क्षेत्रों में काफी बढ़ी है. इसे ध्यान में रखते हुए पिछले महीने दिल्ली के सभी नगर निकायों के हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारियों को बोनसाई की ट्रेनिंग देने के लिये उन्हें आमंत्रित किया गया था. दिल्ली के जाने-माने बोनसाई एक्सपर्ट जयपाल सिंह अपने घर से दर्जन भर से ज्यादा बोनसाई ट्री लाकर अधिकारियों को उसके बारे में विस्तार से बताये हैं.
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बोनसाई एक्सपर्ट जयपाल सिंह बताते हैं कि बोनसाई छोटे कद के पेड़ होते हैं. पौधों को किसी छोटे गमले में उगाना किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि यह बड़े पेड़ की छोटी प्रतिकृति होती है. आप जानते हैं कि बरगद का पेड़ कितना विशाल होता है. पीपल कितना बड़ा पेड़ होता है. जब उन्हीं पेड़ों की प्रतिकृति जब आप अपने छोटे से गमले में कुछ सेंटीमीटर तक उगाएंगे तो इस बात का पूरा ध्यान रखना है कि उसकी ऊंचाई कुछ सेंटीमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. हाइट छोटी रखना ही बोनसाई क्रिएशन की बड़ी सफलता है.
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