नई दिल्ली: जेएनयू में सोमवार देर शाम कुलपति एम. जगदीश कुमार को प्रदर्शनकारी छात्रों का आक्रोश देखने को मिला. जिसमें कुलपति का परिवार प्रदर्शनाकरियों का शिकार हुए. वहीं इस पूरी घटना पर कुलपति से बात की ईटीवी भारत ने...
जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम.जगदीश कुमार ने बताया कि शाम को छह बजे के करीब 400 से 500 की संख्या में आकर छात्रों ने उनके आवास का घेराव किया और मेरी पत्नी को बंधक बनाया.जोकि उस समय घर पर मौजूद थी. उन्होंने ने कहा कि इस पूरी घटना के दौरान पुरुष और महिला सुरक्षा कर्मियों को काफी चोटे भी आई है.
जेएनयू कुलपति प्रोफेसर कुमार ने बताया कि प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ किसी पुलिस में शिकायत नहीं की गई है. क्योंकि उनके भविष्य का सवाल है. साथ ही छात्रों ने मेरी पत्नी को बंधक बनाया इसके बाद भी उन्होंने छात्रों को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए माफ कर दिया और किसी भी तरह की पुलिस में शिकायत करने इनकार कर दिया. लेकिन प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी. क्योंकि उन्होंने विश्वविद्यायल के नियम का उल्लंघन किया है.
जो भी छात्र बात करना चाहता है वो आ सकता है
वहीं छात्रों की मांगों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रोफेसर कुमार ने कहा कि कोई भी छात्र अकादमिक मुद्दे को लेकर बात करना चाहते है तो वो आकर बात कर सकते है. साथ ही कहा कि पहली बार जेएनयू में कुलपति से मिलने के लिए महीने के पहले सोमवार को छात्रों से मिलने के लिए रखा गया है. वहीं एमबीए और इंजीनियरिंग की फीस के बारे में बताते हुए प्रो.कुमार ने बताया कि एमबीए और इंजीनियरिंग की फीस काफी रिसर्च के बाद निर्धारित की गई है. जिसमें विभिन्न यूनिवर्सिटी के फीस स्ट्रक्चर का भी अध्ययन किया गया है. साथ ही आइआइटी, आईआईएम जैसे यूनिवर्सिटी में भी एमबीए के लिए फीस स्ट्रक्चर पूर्वनिर्धारित है और उसी के अनुसार जेएनयू में एमबीए की फीस तय की गई है.
कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा और सेंटर के बारे में प्रो. कुमार ने कहा कि गत वर्ष के मुकाबले हमारे सेंटर बढ़े है. जहां पहले करीब 70 सेंटर थे वहीं इस वर्ष की प्रवेश परीक्षा के लिए सेंटर को बढ़ाकर 127 कर दिया गया है. हमारी पूरी कोशशि होती है देश के हर हिस्से में प्रवेश परीक्षा के लिए सेंटर बना सके. अगर इसे ज्यादा हम सेंटर बनाते तो पंजीकरण की फीस पर असर पड़ता. वहीं कंप्यूटर आधरित प्रवेश परीक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि हमें वक्त के साथ बदलाव करना चाहिए और यह जरूरी भी है.
उदहारण देते हुए उन्होंने कहा कि लिखित परीक्षा में अक्सर छात्रों के नंबर कटने के डर बना रहता है. क्योंकि जो परीक्षक कॉपी जांच रहा है, उसके विचार से तालमेल बैठ सके. लेकिन बहुविकल्पीय आधारित सवाल में एक सही उत्तर का चुनाव करना पड़ता है. जिसमें नंबर कटने के डर नहीं रहता है. वहीं उन्होंने बताया कि कंप्यूटर आधारित परीक्षा होने के बाद भी आवेदन की संख्या में कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है. जबकि आवेदन प्रक्रिया शुरू होने के 10 दिन के अंदर ही 30 हज़ार से अधिक छात्रों ने आवेदन कर दिया है. वहीं जिस एमबीए के पाठ्यक्रम की फीस को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहा है उसमें ही हज़ार से अधिक छात्रों ने पंजीकरण किया है.
प्रोफेसर कुमार ने बताया कि जेएनयू में बहुत सालों बाद कुछ नए पाठ्यक्रम जोड़े गए है. ताकि जेएनयू हर विषय में अग्रीण रहे है. इसी कड़ी में स्पेशल सेंटर डिजास्टर रिसर्च , अटल विहारी बाजपेयी स्कूल ऑफ मैनजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप और स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग जैसे और भी पाठ्यक्रम शुरू किए गए है.