नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट थाने की पुलिस टीम ने फर्जी दस्तावेज पर हवाई जहाज में यात्रा करने के मामले में मास्टरमाइंड सहित आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान अरमान दीप, अमृतपाल सिंह, जगदीप सिंह, गुरविंदर सिंह, राहुल जांगड़ा, दीपक, मनवीर सिंह के रूप में की गई है जबकि एक मास्टरमाइंड की पहचान पंकज के रूप में की गई है जो कि एजेंट के रूप में काम करता था. वह उत्तर प्रदेश के भदोही जिले का रहने वाला बताया जा रहा है. मुंबई में एक प्रॉपर्टी डीलर के रूप में कार्य करता था. वह अवैध तरीके से फर्जी वीजा पासपोर्ट बनवा था.
आईजीआई एयरपोर्ट के पुलिस उपायुक्त संजय त्यागी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि दो जनवरी को एक शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें बताया गया कि दिल्ली की लगभग 12:30 बजे एयर इंडिया के ग्राउंड स्टाफ ने सात भारतीय पक्ष को हटाने के लिए संपर्क किया. बोर्डिंग गेट पर एयर इंडिया एसटीएस द्वारा उनकी यात्रा दस्तावेजों की जांच के दौरान यह पाया गया कि उनके बोर्डिंग पास फर्जी थे. यात्रा दस्तावेजों का पुनः सत्यापन किया गया था. जिसमें पाया कि उनके नाम बदले हुए थे. उड़ान के यात्रा के चार्ट के अंतिम टैक्स मेनिफेस्ट में वह दूसरों के नाम पर यात्रा करते हुए पाए गए. इसलिए दिल्ली से शिकायत के आधार पर उक्त मामले में आईजीआई एयरपोर्ट नई दिल्ली में मामला दर्ज किया गया और 7 आरोपियों को पकड़ लिया गया.
इस मामले को लेकर आईजीआई एयरपोर्ट पर SHO के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया, जिसमें एसआई रमेश चंद्र, राजकुमार हेड कांस्टेबल, रामअवतार कॉन्स्टेबल अमरजीत को शामिल किया गया. पूछताछ के बाद पैकर्स ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने बोर्डिंग पास RT-PCR परीक्षण रिपोर्ट और ओके टू बोर्ड शिप ज्वाइनिंग लेटर दिल्ली के दो एजेंटों कृष्णा और कमल के द्वारा 12 लाख रुपये में लिए थे.
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यूनाइटेड किंग्डम में उनके स्थाई बंदोबस्त का भी आश्वासन दिया गया था. आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि यह सभी यात्री भारत के डीजी शिपिंग द्वारा अनुमोदित सीमेंट के रूप में यूके जा रहे थे.
हालांकि यह योजना बनाई गई थी कि एक बार जब देवी के फोन जाएंगे तो उसकी डीसी प्रमाण पत्रों को नष्ट कर देंगे और यह सरकार से शरण मांगेंगे. फिल्हाल पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है और लगातार पूरे मामले की जांच की जा रही है.