नई दिल्ली: प्लास्टिक कचरे को लेकर जीरो टॉलरेंस और प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में प्लास्टिक की बोतल में बंद पानी की उपस्थिति को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है. अब से यहां किसी भी कैफेटेरिया में प्लास्टिक की बोतल में पानी नहीं मिलेगा. साथ ही किसी कॉन्फ्रेंस या सेमिनार में भी प्लास्टिक बोतल में पानी नहीं परोसा जाएगा और उसकी जगह कांच की बोतलों में पानी दिया जाएगा. एम्स डायरेक्टर प्रोफेसर एम श्रीनिवास ने बताया कि प्लास्टिक के प्रयोग को वे पूरी तरह से एम्स परिसर में प्रतिबंधित करना चाहते हैं .
उन्होंने बताया कि भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार, स्वच्छ पानी की सप्लाई प्लास्टिक बोतलों में नहीं की जाएगी. उनकी जगह पर कांच की बोतल का इस्तेमाल किया जाएगा. ऐसा एम्स परिसर में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ चल रही मुहिम को मजबूती देने के उद्देश्य से किया जा रहा है . देश के प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान एम्स में स्वास्थ्य खराब करने वाली चीजों का प्रयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इसी कड़ी में सिंगल यूज प्लास्टिक और तंबाकू का प्रयोग यहां पहले से यह सुविधा को मरीज और उनके घरों तक भी पहुंचाई जाएगी.
बता दें कि एम्स के सेंट्रल कैफेटेरिया में बॉटलिंग फैसिलिटी की सुविधा उपलब्ध होगी, जो पूरी तरह से स्वचालित होगी. इसमें हाइजीन का पूरा ध्यान रखा जाएगा. पानी को कांच की बोतल में भरने से पहले कांच की बोतल को अच्छे से साफ किया जाएगा और फिर उसे डिसइनफेक्ट किया जाएगा. इसके बाद उसकी रिपैकिंग की जाएगी और बोतल को अच्छे से सील किया जाएगा. शुरुआत में 500 एमएल की 15,000 बोतलें प्रति महीने तैयार की जाएगी. पूरी प्रक्रिया को अधिकृत करने के लिए एफएसएसएआई और क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया का सर्टिफिकेट भी प्राप्त होगा और उनके मानकों का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
कैफेटेरिया मैनेजमेंट कमेटी के प्रोफेसर इंचार्ज इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेंगे. जबकि इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट हर प्रकार की आवश्यक सुविधाएं जिसमें इस फैसिलिटी के लिए जगह प्रदान करने पानी, बिजली, ड्रेनेज सिस्टम और एयर कंडीशन सिस्टम पर निगरानी करना शामिल है. सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर इस काम की देखभाल करेंगे. एम्स की प्रमुख प्रवक्ता प्रोफेसर रीमा दादा ने बताया कि एम्स परिसर इको फ्रेंडली बन रहा है. ऐसे में यहां कोई भी ऐसा काम नहीं होगा जो पर्यावरण के प्रतिकूल हो और वातावरण को नुकसान पहुंचाने वाला हो.