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World Dance Day: राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय डांस शैली से झूम उठा DLF साकेत मॉल - वंदे मातरम एक सोने की चिड़िया

आज वर्ल्ड डांस डे है. पूर्व संध्या पर साकेत के डीएलएफ एवेन्यू में मूविंग सोल्स नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं, शनिवार शाम कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में 'वंदे मातरम एक सोने की चिड़िया' नामक टाइटल से कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

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वर्ल्ड डांस डे
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Published : Apr 29, 2023, 12:34 PM IST

DLF साकेत मॉल में मूविंग सोल्स नामक कार्यक्रम का आयोजन

नई दिल्लीः दिल्ली में वर्ल्ड डांस डे की पूर्व संध्या यानि शुक्रवार को साकेत स्थित डीएलएफ एवेन्यू में मूविंग सोल्स नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस नृत्य कार्यक्रम में दुनिया भर में चर्चित तमाम नृत्य शैलियों ने दर्शकों का मन मोह लिया. इस दौरान कलाकारों ने बचाता, सालसा, बॉलीवुड और सोशल डांसिंग जैसी नृत्य शैलियों को रोचक तरीके से पेश किया.

यह कार्यक्रम दिल्ली स्थित मूविंग सोल्स नृत्य अकादमी द्वारा आयोजित किया गया था. इस अकादमी के अध्यक्ष रवि रस्तोगी हैं, जो एक सफल यूएस-प्रशिक्षित कोरियोग्राफर, डांसर और फिटनेस कोच भी हैं. कार्यक्रम के दौरान मूविंग सोल्स के संस्थापक और क्रिएटिव डायरेक्टर रवि रस्तोगी ने कहा कि नृत्य मेरा जुनून है और मैंने अपना पूरा जीवन इसके लिए समर्पित कर दिया है. एशले लोबो से ब्रॉडवे डांस सेंटर, न्यूयॉर्क तक भारत और विदेशों में प्रशिक्षित और प्रदर्शन किया. एक कलाकार और कोरियोग्राफर के रूप में बहुत कुछ हासिल किया है, फिर भी मेरे सामने एक लंबा रास्ता है. विश्व नृत्य दिवस पर डीएलएफ एवेन्यू ने नृत्य के प्रति उत्साही लोगों को अपने आप में नर्तक को तलाशने और तलाशने का एक अच्छा अवसर दिया है.

वहीं, आज वर्ल्ड डांस डे के मौके पर शाम को कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में 'वंदे मातरम एक सोने की चिड़िया' नामक टाइटल से कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. दिल्ली के डांस प्रेमियों के लिए यह एक अच्छा मौका है कि वह इस कार्यक्रम में जाये और मजे लें.

ये भी पढ़ेंः Wrestlers Protest: पहलवानों को मिला प्रियंका गांधी का साथ, जंतर-मंतर पहुंच खिलाड़ियों से की बात

वर्ल्ड डांस डे की कब हुई शुरुआत?
यूनेस्को के इंटरनेशनल थिएटर इंस्टीट्यूट की अंतरराष्ट्रीय डांस कमेटी ने 29 अप्रैल 1982 को महान नृतक जीन जार्ज नावेरे के जन्मदिन पर ये घोषणा की थी. तब से वर्ल्ड डांस डे हर साल 29 अप्रैल को मनाया जाता है. यहां ये जानना भी जरूरी है कि जार्ज नावेरे फ्रैंच डांसर थे. 19वीं सेंचुरी में उन्हें डांस की कई विधाओं का जनक माना गया है. वो चाहते थे कि डांस को स्कूली स्तर से ही शिक्षा में शामिल किया जाए.

ये भी पढ़ेंः Wrestlers Protest: जंतर-मंतर पर पुलिस ने की बिजली-पानी गुल, पहलवानों ने मोबाइल की रोशनी में खाया खाना

DLF साकेत मॉल में मूविंग सोल्स नामक कार्यक्रम का आयोजन

नई दिल्लीः दिल्ली में वर्ल्ड डांस डे की पूर्व संध्या यानि शुक्रवार को साकेत स्थित डीएलएफ एवेन्यू में मूविंग सोल्स नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस नृत्य कार्यक्रम में दुनिया भर में चर्चित तमाम नृत्य शैलियों ने दर्शकों का मन मोह लिया. इस दौरान कलाकारों ने बचाता, सालसा, बॉलीवुड और सोशल डांसिंग जैसी नृत्य शैलियों को रोचक तरीके से पेश किया.

यह कार्यक्रम दिल्ली स्थित मूविंग सोल्स नृत्य अकादमी द्वारा आयोजित किया गया था. इस अकादमी के अध्यक्ष रवि रस्तोगी हैं, जो एक सफल यूएस-प्रशिक्षित कोरियोग्राफर, डांसर और फिटनेस कोच भी हैं. कार्यक्रम के दौरान मूविंग सोल्स के संस्थापक और क्रिएटिव डायरेक्टर रवि रस्तोगी ने कहा कि नृत्य मेरा जुनून है और मैंने अपना पूरा जीवन इसके लिए समर्पित कर दिया है. एशले लोबो से ब्रॉडवे डांस सेंटर, न्यूयॉर्क तक भारत और विदेशों में प्रशिक्षित और प्रदर्शन किया. एक कलाकार और कोरियोग्राफर के रूप में बहुत कुछ हासिल किया है, फिर भी मेरे सामने एक लंबा रास्ता है. विश्व नृत्य दिवस पर डीएलएफ एवेन्यू ने नृत्य के प्रति उत्साही लोगों को अपने आप में नर्तक को तलाशने और तलाशने का एक अच्छा अवसर दिया है.

वहीं, आज वर्ल्ड डांस डे के मौके पर शाम को कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में 'वंदे मातरम एक सोने की चिड़िया' नामक टाइटल से कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. दिल्ली के डांस प्रेमियों के लिए यह एक अच्छा मौका है कि वह इस कार्यक्रम में जाये और मजे लें.

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वर्ल्ड डांस डे की कब हुई शुरुआत?
यूनेस्को के इंटरनेशनल थिएटर इंस्टीट्यूट की अंतरराष्ट्रीय डांस कमेटी ने 29 अप्रैल 1982 को महान नृतक जीन जार्ज नावेरे के जन्मदिन पर ये घोषणा की थी. तब से वर्ल्ड डांस डे हर साल 29 अप्रैल को मनाया जाता है. यहां ये जानना भी जरूरी है कि जार्ज नावेरे फ्रैंच डांसर थे. 19वीं सेंचुरी में उन्हें डांस की कई विधाओं का जनक माना गया है. वो चाहते थे कि डांस को स्कूली स्तर से ही शिक्षा में शामिल किया जाए.

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