नई दिल्ली: दिल्ली के 6 विश्वस्तरीय कौशल केंद्र जो विवेक विहार, झंडेवालान, द्वारका,पूसा रोड व राजोकरी में है. अब दिल्ली कौशल एवं उधमिता विश्वविद्यालय के अंतर्गत कार्य करेंगे. साथ ही बाकी के 16 विश्वस्तरीय कौशल केंद्र, दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय के विस्तारित कैंपस के रूप में कार्य करेंगे. दिल्ली सरकार ने पिछले वर्ष दिल्ली कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय की शुरुआत की. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय कौशल शिक्षा देना है, ताकि देश के कार्यबल को सशक्त बनाया जा सके.
बहुत जल्द ही शुरू होगा नया सत्र
उपकुलपति निहारिका वोहरा ने कहा की विश्वविद्यालय बहुत जल्द ही अपने अग्रिम सत्र में प्रथम बैच की शुरुआत करने जा रहा है. जिसमें नए सुधार किए पाठ्यक्रम के साथ साथ नव उद्योग सहकार्यता शामिल होंगे. उपकुलपति ने कहा कि 2021-22 के केंद्रीय बजट ने स्किलिंग पर महत्व तो दिया है जो एक सकारात्मक पहल है, लेकिन भारत जैसे बड़े देश के लिए इस बजट में आवंटित राशि बहुत कम है जो इंजीनियरिंग जैसे ट्रेड को हतोत्साहित करता है. दिल्ली कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय सभी ट्रेडों के लिए खुले हैं.
मानव संसाधन को बढ़ाने की पहल
इस कार्यक्रम की विशेष अतिथि डॉ उमा गणेश , सीईओ ग्लोबल टैलेंट ट्रैक ने अपने अनुभव को साझा किया. विशेष अतिथि ने युवाओं के कौशल क्षमता पर भी जोर डाला ताकि वह राष्ट्र की गुप्त मानव संसाधन को आगे बढ़ा सके. डॉ गणेश ने कौशल शक्ति, उप स्किलिंग, री स्किलिंग जैसे विषयों पर प्रकाश डाला, जिससे हमारे समाज एवं उद्योग के विभिन्न बदलावों को तकनीकी स्तर पर उठाया जा सके.
युवाओं को कौशल शिक्षा देना दिल्ली सरकार की प्राथमिकता
दिल्ली विधानसभा के शिक्षा समिति की अध्यक्ष एवं विधायक आतिशी मार्लेना ने कहा कि युवाओं को कौशल शिक्षा देना व उनमें उद्यमिता का विकास करना दिल्ली सरकार की प्राथमिकता है.
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दिल्ली कौशल व उद्यमिता विश्वविद्यालय का उद्देश्य ऐसे पाठ्यक्रम की शुरुआत करने है जो बाजार की मांगों को पूरा कर सके और रोजगार की समस्या को खत्म कर सके.