नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस का स्लोगन है सेवा, शांति और न्याय. लेकिन दिल्ली पुलिस इससे कोसों दूर है. हालांकि रविवार को दक्षिण दिल्ली जिले के ग्रेटर कैलाश थाने की पुलिस टीम ने जमरूदपुर गांव में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में मुख्य तौर पर पॉक्सो एक्ट के बारे में बताया गया. इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य गांव के बच्चे और बच्चियों को पॉक्सो एक्ट के बारे में जागरूक कराना.
पॉक्सो एक्ट क्या होता है? अक्सर देखा जाता है कि कम उम्र में बच्चे बच्चियां अपने जीवनसाथी का चुनाव कर लेते हैं और सरकार की तय उम्र से पहले ही शादी कर घर से भाग जाते हैं. उसके बाद उन्हें काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पुलिस को भी मजबूरन शिकायत करने पर पॉक्सो एक्ट लगाना पड़ता है. इसलिए पुलिस ने इस कार्यक्रम का आयोजन कराया, ताकि समाज में जागरुकता फैलाया जा सकें.
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अपराधियों पर अंकुश लगाने में नाकामयाब: बता दें, दिल्ली पुलिस कई सारे ऐसे कार्य करती है जो समाज के कल्याण के लिए काफी लाभकारी होती है. चाहे बात करें पुलिस के द्वारा बच्चियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दिलवाना या फिर स्लम एरिया (गंदी बस्तियों) के बच्चों को शिक्षा दिलवाना. या फिर नशे में लिप्त युवाओं को सही मार्गदर्शन दिलवाना. पुलिस यहां पर अच्छी तरह से अपना कार्य कर रही है. लेकिन अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने में नाकामयाब है. अपराधियों में कानून का थोड़ा भी खौफ नहीं है. आए दिन बड़ी वारदात को अंजाम देते रहते है. बीते कुछ दिनों से यहां चाकूबाजी की घटना में काफी तेजी आई है. छोटी-छोटी बातों पर चाकू से हमला कर लोगों को मौत के घाट उतारा गया है.
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