नई दिल्ली: कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी चिंतित हो गए हैं. दिल्ली में शनिवार को 10 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए थे, जो पिछले साल की तुलना में दो हजार ज्यादा हैं. कोरोना की इस भयावहता को देखते हुए एम्स के डॉक्टर सबके लिए टीके लगवाना अनिवार्य करने की बात कर रहे हैं. उनका मानना है कि टीका ही कोरोना से प्रभावी तरीके से बचाव कर सकती है. इसलिए इसे स्वैच्छिक रूप से लेने की बजाय सब को अनिवार्य रूप से लेना जरूरी कर दिया जाए.
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केवल 5 फीसदी लोगों ने ली वैक्सीन की पहली डोज
एम्स के कार्डियो- रेडियो डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अमरिंदर सिंह बताते हैं कि मास्क पहनना, हैंड वॉश करना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जिस तरह से कोरोना से बचने के प्रभावी तरीके हैं उसी तरह से टीका लगवाना भी एक प्रभावी तरीका है. सबको टीका लगाना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे लोगों को काफी हद तक कोरोना से सुरक्षा मिलती है. इंफेक्शन अगर हो भी जाए तो मरीज को वेंटिलेटर तक पहुंचने और मरने की नौबत नहीं आने देती है. अगर 75 फीसदी लोगों को टीके लगवा दिए जाएं तो हर्ड इम्युनिटी आ जाएगी. लेकिन सच्चाई यह है कि भारत में अभी तक केवल 5 फीसदी लोगों ने ही टीके का पहला डोज लिया है दूसरा डोज लेने वाले लोगों की संख्या केवल 0.521% ही है.
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18 साल के ऊपर के लोगों को लगाया जाए टीका
डॉक्टर अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि पहले अपने देश के सभी नागरिकों, जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है, उन सभी को कोरोना वैक्सीन लगवाई जाए. उसके बाद दूसरे देश में वैक्सीन का निर्यात किया जाए. इससे कोरोना के बढ़ते प्रकोप पर लगाम लगाई जा सकेगी.