नई दिल्ली: कोरोना का प्रकोप थमने के बाद क्रमवार तरीके से स्कूल भी खुलने लगे हैं. शुरुआत में बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले 12वीं और 10वीं के छात्रों को स्कूल आने की अनुमति दी गई. जिसे 5 फरवरी से बढ़ाकर अभिभावकों की अनुमति से 9वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों को स्कूल आने को कहा गया है. कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जिन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों के कोरोना रिपोर्ट जमा कराने को कहा है. तिगरी निवासी पूनम देवी अपने दो बेटों के कोरोना टेस्ट के लिए दक्षिण दिल्ली एसडीएम कार्यालय कोविड टेस्टंग सेंटर पहुंची थी. उनके दोनों बेटे खानपुर के एक निजी स्कूल में पढ़ाई करते हैं. स्कूल की तरफ से उन दोनों की कोरोना रिपोर्ट जमा कराने को कहा गया था.
बच्चों की मां पूनम देवी ने बताया कि दक्षिण दिल्ली एमसीडी के कोरोना टेस्टिंग सेंटर में उनके बच्चों के कोरोना टेस्ट करने से सिर्फ इसलिए मना कर दिया गया कि उन्हें जांच के लिए नया पीटीई किट पहनना पड़ता. यह तो पहले ही तय है कि बिना पीपीई किट पहने हुए जांच नहीं कर सकते हैं.
सरकार की गाइडलाइंस का पालन क्यों नहीं..?
यह तो सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस में पहले से ही सुनिश्चत कर दिया गया है कि बिना पीपीई किट पहने जांच नहीं कर सकते हैं. अब अगर जांच के लिए एक व्यक्ति आए या दो इससे क्या फर्क पड़ता है. जांच करना उनका काम है, जो करने से वह मना कर रहे हैं. पूनम देवी को अपने बच्चों के बिना कोरोना जांच कराए वापस लौटना पड़ा.
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