नई दिल्लीः राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाला (Delhi Excise Policy Scam) से जुड़े मनी लॉड्रिंग केस के आरोपी पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर आंशिक दलीलें सुनी. इसके बाद स्पेशल जज राकेश स्याल ने 6 जनवरी 2024 को सुनवाई करने का आदेश दिया. इससे पहले 1 दिसंबर को कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को दस्तावेजों की जांच की अनुमति दे दी थी.
कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को 15 दिनों के अंदर दस्तावेजों का परीक्षण करने का निर्देश दिया था. जैन की ओर से 18 नवंबर को दस्तावेजों की जांच की मांग करते हुए अर्जी अर्जी दाखिल की गई थी. सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री के वकील ने कहा था कि ईडी ने जो लिस्ट दी है वह पूरी नहीं है. जुलाई 2022 के बाद मेरे और इस मामले के सह-आरोपियों के बयान दर्ज किए गए थे. इसकी जानकारी अभी तक एजेंसी ने नहीं दी है. उन्होंने कहा था कि जुलाई 2022 के बाद अगर कोई बयान दर्ज नहीं कराया गया है तो इसकी भी जानकारी कोर्ट को देनी होगी, क्योंकि ईडी के मुताबिक मामले की जांच अभी जारी है.
गवाह का नाम लिस्ट में नहींः जैन की ओर से कहा गया था कि गवाहों की लिस्ट में योगेश मलिक का नाम है, लेकिन जो लिस्ट हमें दिया गया है उसमें उसका नाम नहीं है. आखिरकार ईडी कोर्ट से यह खेल क्यों खेल रही है. एजेंसी ने अगर छापेमारी के दौरान कोई चीज जब्त नहीं की है तो उसको भी बताना होगा, क्योंकि जैन के पुराने आवास से कुछ चीजें गायब हैं.
8 बार लिया जा चुका है बयानः AAP नेता ने कोर्ट को बताया कि 2016 में जांच शुरू हुई. पांच साल बाद मेरे खिलाफ केस दर्ज किए गया. आठ बार बयान लिया जा चुका है. आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई. इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं.