नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े एम्स अस्पताल में मरीजों के तीमारदारों को बाहर खड़े होकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा. देश के सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों के तीमारदारों के लिए वेटिंग हॉल का निर्माण करने के लिए आज भूमि पूजन किया गया. इस अवसर पर दिल्ली एम्स के डायरेक्टर एन श्रीनिवासन धानुका ग्रुप के चेयरमैन सहित कई बड़े अधिकारी इस अवसर पर मौजूद रहे और पूरी विधि विधान के साथ भूमि पूजन किया गया.
बता दें कि दिल्ली के एम्स अस्पताल में दूर-दराज से और अलग-अलग राज्यों से मरीजों का इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में उनके तीमारदारों के लिए एम्स में जगह कम पड़ जाती है, जिसकी वजह से तीमारदारों को एम्स के बाहर ही खड़ा होना पड़ता है. ऐसे में एम्स में आज धानुका चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से तीमारदारों के लिए एक वेटिंग हॉल बनाने के लिए नींव रखी गई. इस मीटिंग हॉल को धनुका चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से बनाया जा रहा है.
बता दें कि एम्स अस्पताल में हर रोज हजारों की संख्या में मरीजों के तीमारदार पहुंचते हैं. मरीजों के तीमारदारों के लिए ठहरने की व्यवस्था नहीं है. एम्स में वैसे तो बहुत सारी जगह है, लेकिन मरीज इतनी तादाद में पहुंचते हैं कि उनके तीमारदारों को तो सड़क पर ही ठहरना पड़ता है. कोई फुटपाथ पर खड़ा होता है तो कोई सड़क पर ही खड़ा रहता है. ऐसे में मरीजों के तीमारदारों की समस्याओं को देखते हुए चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से एक सराहनीय प्रयास किया जा रहा है.
बता दें कि एम्स प्रांगण के अंदर एक वेटिंग हॉल बनाया जा रहा है. इसमें करीब 1000 लोगों के बैठने और ठहरने की व्यवस्था होगी. करीब सात से आठ महीनों में इसका काम पूरा हो जाएगा. वेटिंग हॉल बनने के बाद हजारों मरीजों के तीमारदारों को काफी सुविधा हो जाएगी और उन्हें एम्स के बाहर फुटपाथ पर बैठना नहीं पड़ेगा. वे लोग इस वेटिंग हॉल में बैठ सकते हैं. इस वेटिंग हॉल में पीने का स्वच्छ पानी और वॉशरूम जैसी सभी सुविधाएं दी जाएंगी.
एम्स मीडिया सेल की इंचार्ज डॉ रीमा दादा ने बताया कि चिरंजीलाल धानुका चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से यहां पर वेटिंग हॉल के निर्माण की नींव रखी गई है. इसमें 1000 लोग ठहर सकते हैं. धानुका चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से यह आम मरीजों और उनके तीमारदारों की जरूरतों को देखते हुए एक छोटा सा प्रयास किया जा रहा है, जिससे कभी बारिश या आंधी भी आए तो मरीज के तीमारदार यहां पर रुक सके.
ये भी पढ़ेंः जहांगीरपुरीः शोभा यात्रा की परमिशन ना होने के बावजूद हिंदू संगठन यात्रा निकालने पर अड़े