नई दिल्ली: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मरीजों की सहूलियत के लिए एक और सुविधा शुरू होने जा रही है. वर्धमान महावीर सफदरजंग अस्पताल में जल्द ही बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हो जाएगी. केंद्र सरकार के अस्पताल में जल्द से जल्द बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू करने के लिए चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बीएल शेरवाल और ओएसडी डॉ वंदना तलवार ने सफदरजंग अस्पताल में अपनी बहु प्रतीक्षित बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट का उद्घाटन किया.
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इस दौरान सदर अस्पताल के प्रमुख निदेशक डॉ. शेरवाल ने कहा कि सफदरजंग अस्पताल में बीएमटी यूनिट खुलने से गरीब मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी. इससे पहले दिल्ली में ब्लड कैंसर और अन्य कैंसर के मरीजों के लिए सिर्फ एम्स में ही यह सुविधा थी. सफदरजंग अस्पताल केंद्र सरकार का पहला अस्पताल है जहां निजी अस्पतालों में आने वाले 10-15 लाख की लागत के मुकाबले मरीज को कम लागत पर बीएमटी की सुविधा उपलब्ध होगी.
उन्होंने कहा कि बीएमटी एक ऐसी प्रक्रिया है जहां एक स्वस्थ दाता का रक्त या मज्जा रोगी के अस्वास्थ्यकर रक्त बनाने वाली कोशिकाओं (स्टेम सेल) को स्वस्थ स्टेम कोशिकाओं से बदल देता है. जो बाद में लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स का निर्माण करती हैं. बोन मैरो ट्रांसप्लांट स्वयं के शरीर (ऑटोलॉगस ट्रांसप्लांट) या डोनर (एलोजेनिक ट्रांसप्लांट) से कोशिकाओं का उपयोग कर सकता है. यह प्रत्यारोपण योग्य रोगियों में किया जाता है और विशेष रूप से रक्त कैंसर, लिम्फोमा, मल्टीपल मायलोमा रोगियों और कुछ जन्मजात बीमारियों में एक आवश्यक उपचार प्रक्रिया है. इस अवसर पर अन्य अतिरिक्त एमएस भी उपस्थित थे. प्रत्यारोपण डॉ. कौशल कालरा और डॉ. मुकेश नगर की देखरेख में मेडिकल ऑन्कोलॉजी की टीमों द्वारा किया जाएगा. प्रत्यारोपण डॉ जे एम खुंगेर और डॉ सुमिता चौधरी के तहत हेमैटोलॉजी की टीमों द्वारा किया जाएगा.
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