नई दिल्ली: देश के सबसे बड़ा अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) का सर्वर पिछले तीन दिनों से प्रभावित है, जिसके बाद इसे मेडिकल सेक्टर में अब तक की बड़ी हैकिंग बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि इस साइबर अटैक के चलते 4 करोड़ मरीजों का डाटा सिस्टम से लीक हो गया है. सिस्टम से डेटा लीक होने के पीछे इंटरनेशनल साइबर क्राइम का कनेक्शन होना बताया जा रहा है कहा जा रहा है कि ये साइबर टेरर से जुड़ा मामला है.
इस संबंध में गुरुवार को एफआईआर दर्ज की गई है. दिल्ली एम्स का सर्वर बुधवार सुबह 7 बजे से डाउन है, जिसे करीब 48 घंटे बाद भी रिकवर नहीं किया जा सका है. इसके चलते अस्पताल में मरीजों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में दिक्कतें आ रही है. यहां पर सिस्टम में गड़बड़ी को लेकर जांच एजेंसियां एम्स में ऑनलाइन सेंट्रलाइज्ड सिस्टम से जुड़े सभी कंप्यूटर्स को खंगाल रही हैं. साइबर एक्सपर्ट और सॉफ्टवेयर इंजीनियर डेटा हैक के सोर्स और रिसीवर की तलाश में जुटी है.
वहीं, एम्स के सर्वर हैक होने के बाद से ही अस्पताल में इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कई दिनों से मरीज अपॉइंटमेंट के चक्कर में चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें अपॉइंटमेंट नहीं मिल पा रहा है.
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इतना ही नहीं कई मरीजों का तो यह भी कहना है कि सुबह से हम यहां पर आए हैं और एम्स प्रशासन की तरफ से बताया जा रहा है कि सर्वर ठीक नहीं हुआ है. एम्स हॉस्पिटल के बाहर भी मरीजों की लंबी लाइन देखने को मिल रही है. अभी तक एम्स की तरफ से सर्वर को लेकर कोई साफ जानकारी मरीजों को नहीं दी जा रही है. सिर्फ उनसे यही कहा जा रहा है कि कल ठीक हो जाएगा.
बीते तीन दिनों से सर्वर डाउन है, लेकिन इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. देश की राजधानी दिल्ली में उत्तर प्रदेश हरियाणा बिहार जैसे राज्यों से लोग इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन लोग फुटपाथ पर ही जिंदगी बिताने को मजबूर हैं, क्योंकि तीन दिनों से सर्वर ठप होने की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान मरीजों को झेलना पड़ रहा है.
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