नई दिल्ली: दिल्ली एम्स ने संस्थान के कैफेटेरिया में समोसा, कचौड़ी और ब्रेड पकोड़ा जैसी अनहेल्दी फूड्स पर रोक लगा दी है. एम्स के द्वारा ये फैसला लोगों के स्वास्थ को ध्यान में रखकर लिया गया हैं. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अपने कैफेटेरिया और हॉस्टल मेस में हेल्दी फूड्स जैसे उबले अंडे, दूध, अंकुरित अनाज जैसे स्वस्थ खाद्य पदार्थों को शामिल करने का आदेश दिया है.
एम्स के निदेशक एम श्रीनिवास ने कहा कि, 'संस्थान के कैफेटेरिया और हॉस्टल मेस के मौजूदा मेन्यू में बहुत सीमित और पारंपरिक भोजन जैसे समोसा, कचौरी और ब्रेड पकौड़ा उपलब्ध कराया जाता है. ये सभी अनहेल्दी फूड माने जाते हैं.' उन्होंने आगे अपने आदेश में कहा कि एम्स में कार्यरत फैकल्टी, रेजिडेंट डॉक्टर, नर्सिंग अधिकारी और अन्य कर्मचारी मरीजों की देखभाल का काम करते हैं, ऐसे में उन्हें स्वस्थ आहार की जरूरत होती है. इसमें निर्देश दिया गया है कि पत्र जारी होने के सात दिनों के भीतर सर्जिकल ब्लॉक कैफेटेरिया, एमसीएच ब्लॉक कैफेटेरिया और अन्य सभी कैफेटेरिया में स्वस्थ खाद्य पदार्थ परोसे जाने चाहिए.
ये भी पढ़े- Supreme Court: मुख्य न्यायाधीश ने एम्स को दिए निर्देश, 21 वर्षीय गर्भवती महिला को मिले पूरी चिकित्सा देखभाल
साथ ही पत्र में यह भी कहा गया कि कैफेटेरिया प्रबंधन समिति द्वारा अनुरोध किया जाता है कि सेंट्रल कैफेटेरिया के डीजीएम को स्वस्थ भोजन जैसे अंडा, दूध, अंकुरित अनाज, उबला हुआ 'चना', फलों का सलाद, शाकाहारी सलाद और ताजे फलों के रस उपलब्ध कराए जाए. सेंट्रल कैफेटेरिया में उपलब्ध नाश्ते और दोपहर के भोजन में अन्य व्यंजनों के साथ-साथ माइक्रोवेवबल रेडी-टू-मेड खाद्य पदार्थों जैसे 'उपमा', 'पोहा' आदि की भी व्यवस्था की जाए, जिसे पकाने के लिए 2-3 मिनट की ही आवश्यकता होती है. 8 फरवरी 2023 से एम्स ने खाने के मेन्यू में हेल्दी चीजें शामिल करने का निर्देश दिया गया है.
ये भी पढ़े- Union Budget 2023: दिल्ली में एम्स को छोड़ केंद्र सरकार के बाकी सभी अस्पतालों की बजट में इजाफा