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अंबेडकर नगर: युवक की हत्या और 20 लाख की फिरौती मांगने के मामले का पुलिस ने किया खुलासा, दोस्त ही निकला कातिल - Police disclosed case of murder of youth

साउथ दिल्ली के अंबेडकर नगर इलाके से लापता युवक की हत्या और उसकी रिहाई के लिए 20 लाख की फिरौती मांगने के मामले का पुलिस ने खुलासा किया है.

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Published : Aug 3, 2023, 4:29 PM IST

डीसीपी चंदन चौधरी

नई दिल्ली: साउथ दिल्ली के अंबेडकर नगर इलाके से लापता हुए योगेश(32) की हत्या और उसके परिवार से 20 लाख रुपए फिरौती की मांग के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है. मामले में शशांक नाम के युवक को गिरफ्तार किया है, जो न्यू अशोक नगर यमुना पार का रहने वाला है. डीसीपी ने कहा कि हत्या की वजह पता करने के लिए आरोपी से पूछताछ की जा रही है.

डीसीपी चंदन चौधरी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 9 जुलाई को योगेश नौकरी की तलाश में घर से निकला था. रात को वह घर नहीं लौटने पर परिवार वालों ने 10 जुलाई को इसके मिसिंग की रिपोर्ट दर्ज कराई. 14 जुलाई को योगेश के पिता के पास 20 लाख फिरौती की कॉल आई, जिसमें कहा गया कि तुम्हारा बेटा हमारे पास है. बातचीत करके फिरौती की रकम 15 लाख तय हुई. दो दिन बाद 16 जुलाई को फिर कॉल आई. किडनैपर ने पूछा कि पैसे का अरेंजमेंट हुआ या नहीं ?


ये भी पढ़ें: बवाना में महिला का शव पेड़ से लटका मिलने के मामले में पुलिस ने किया खुलासा, बताई ये बात

जिस नंबर से कॉल आई थी, पुलिस की छानबीन में नंबर बिहार का निकला. कॉल नोएडा से की गई थी. अगले दिन 17 को फिर देर शाम कॉल आया और पैसे लेकर कनॉट प्लेस पालिका बाजार के पास बुलाया गया. वहां से फिर लोकेशन चेंज करके जीआईपी मॉल बुलाया गया और नाले के पास बैग रखने के लिए कहा गया. इस पर योगेश के पिता ने कहा कि पहले योगेश को सामने ला दो फिर पैसा दे देंगे. उसके बाद किडनैपर ने कॉल कट कर दिया.

पुलिस के अनुसार शुरू से कई टीमें बनाकर छानबीन शुरू की गई. लोकेशन से पता चला कि योगेश 9 जुलाई की रात द्वारका गया था, पुलिस टीम वहां पहुंची. वहां एक गाड़ी नजर आई जिसमें से दो शख्स उतरे. एक काला कपड़ा पहने हुए था और दूसरा योगेश था. जिसकी पुष्टि बाद में फोटो देखकर परिवार वालों ने की थी.

12 जुलाई को योगेश के एटीएम से नोएडा में कैश निकाला गया. पुलिस टीम ने वहां भी छानबीन की. गाड़ी का नंबर नहीं पता चल पाया था लेकिन गाड़ी के पेट्रोल टैंक के ऊपर काले रंग से पेट्रोल लिखा हुआ था. पुलिस उसको ट्रैप करती हुई यह पता लगाने में कामयाब हो गई कि गाड़ी अशोक नगर इलाके की है. फिर 1 अगस्त को गाड़ी को स्पॉट किया गया. जहां पर गाड़ी खड़ी थी, उसी लोकेशन पर स्कूटी भी मिली, जिससे कैश विड्रोल करने वाला नोएडा गया था. पुलिस टीम ने फिर ओनरशिप के आधार पर शशांक को पकड़ा. पहले तो उसने मना किया लेकिन बाद में उसने सारी कहानी उगल दी.

शशांक ने पुलिस को बताया कि उसकी मुलाकात 20 जून को एक पार्टी में हुई थी. बाद में दोनों की दोस्ती हो गई, दोनों अच्छी जॉब की तलाश में थे. इसी को लेकर उनका मिलना जुलना होता था. लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि शशांक ने नोएडा से गन खरीदा और 9 जुलाई की रात द्वारका में योगेश की गोली मारकर हत्या कर दी. इसी बीच उसे पता चला कि योगेश की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है. फिर उसने मामले को चेंज करने के लिए पांचवें दिन योगेश के पिता को कॉल करके 20 लाख की फिरौती मांगी, जिससे कि मामला मर्डर के बजाय किडनैपिंग का लगे और शक इसके ऊपर ना जाए. वहीं परिवार वाले आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो उनका बेटा बच सकता था.


ये भी पढ़ें: Ghaziabad Conversion Case: धर्मांतरण मामले में मुख्य आरोपी बद्दो का पूरा गैंग शामिल था, चार्जशीट से खुलासा



डीसीपी चंदन चौधरी

नई दिल्ली: साउथ दिल्ली के अंबेडकर नगर इलाके से लापता हुए योगेश(32) की हत्या और उसके परिवार से 20 लाख रुपए फिरौती की मांग के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है. मामले में शशांक नाम के युवक को गिरफ्तार किया है, जो न्यू अशोक नगर यमुना पार का रहने वाला है. डीसीपी ने कहा कि हत्या की वजह पता करने के लिए आरोपी से पूछताछ की जा रही है.

डीसीपी चंदन चौधरी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 9 जुलाई को योगेश नौकरी की तलाश में घर से निकला था. रात को वह घर नहीं लौटने पर परिवार वालों ने 10 जुलाई को इसके मिसिंग की रिपोर्ट दर्ज कराई. 14 जुलाई को योगेश के पिता के पास 20 लाख फिरौती की कॉल आई, जिसमें कहा गया कि तुम्हारा बेटा हमारे पास है. बातचीत करके फिरौती की रकम 15 लाख तय हुई. दो दिन बाद 16 जुलाई को फिर कॉल आई. किडनैपर ने पूछा कि पैसे का अरेंजमेंट हुआ या नहीं ?


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जिस नंबर से कॉल आई थी, पुलिस की छानबीन में नंबर बिहार का निकला. कॉल नोएडा से की गई थी. अगले दिन 17 को फिर देर शाम कॉल आया और पैसे लेकर कनॉट प्लेस पालिका बाजार के पास बुलाया गया. वहां से फिर लोकेशन चेंज करके जीआईपी मॉल बुलाया गया और नाले के पास बैग रखने के लिए कहा गया. इस पर योगेश के पिता ने कहा कि पहले योगेश को सामने ला दो फिर पैसा दे देंगे. उसके बाद किडनैपर ने कॉल कट कर दिया.

पुलिस के अनुसार शुरू से कई टीमें बनाकर छानबीन शुरू की गई. लोकेशन से पता चला कि योगेश 9 जुलाई की रात द्वारका गया था, पुलिस टीम वहां पहुंची. वहां एक गाड़ी नजर आई जिसमें से दो शख्स उतरे. एक काला कपड़ा पहने हुए था और दूसरा योगेश था. जिसकी पुष्टि बाद में फोटो देखकर परिवार वालों ने की थी.

12 जुलाई को योगेश के एटीएम से नोएडा में कैश निकाला गया. पुलिस टीम ने वहां भी छानबीन की. गाड़ी का नंबर नहीं पता चल पाया था लेकिन गाड़ी के पेट्रोल टैंक के ऊपर काले रंग से पेट्रोल लिखा हुआ था. पुलिस उसको ट्रैप करती हुई यह पता लगाने में कामयाब हो गई कि गाड़ी अशोक नगर इलाके की है. फिर 1 अगस्त को गाड़ी को स्पॉट किया गया. जहां पर गाड़ी खड़ी थी, उसी लोकेशन पर स्कूटी भी मिली, जिससे कैश विड्रोल करने वाला नोएडा गया था. पुलिस टीम ने फिर ओनरशिप के आधार पर शशांक को पकड़ा. पहले तो उसने मना किया लेकिन बाद में उसने सारी कहानी उगल दी.

शशांक ने पुलिस को बताया कि उसकी मुलाकात 20 जून को एक पार्टी में हुई थी. बाद में दोनों की दोस्ती हो गई, दोनों अच्छी जॉब की तलाश में थे. इसी को लेकर उनका मिलना जुलना होता था. लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि शशांक ने नोएडा से गन खरीदा और 9 जुलाई की रात द्वारका में योगेश की गोली मारकर हत्या कर दी. इसी बीच उसे पता चला कि योगेश की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है. फिर उसने मामले को चेंज करने के लिए पांचवें दिन योगेश के पिता को कॉल करके 20 लाख की फिरौती मांगी, जिससे कि मामला मर्डर के बजाय किडनैपिंग का लगे और शक इसके ऊपर ना जाए. वहीं परिवार वाले आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो उनका बेटा बच सकता था.


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